Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/36/2022

RADHEY GOVIND DWIVEDI - Complainant(s)

Versus

SRI GANDHI ASHRAM - Opp.Party(s)

29 Mar 2022

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 36 सन् 2022

प्रस्तुति दिनांक 29.03.2022

         निर्णय दिनांक 29.03.2022

राधेगोविन्द द्विवेदी पुत्र स्वo रामयश द्विवेदी ग्राम- सिंहपुर, पोस्ट- जहागीरगंज, जिला- अम्बेडकर नगर (उoप्रo) 224147      

     ............................................................................................................परिवादी।

बनाम

     क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम आजमगढ़ द्वारा मन्त्री पता- राहुलनगर मड़या शहर व जिला- आजमगढ़ (उoप्रo) 276001    

  1. विपक्षी।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

निस्तारण प्रार्थना पत्र कागज संख्या 6² वास्ते याचना पत्र को प्रस्तुत करने में देरी माफी के सन्दर्भ में

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

पत्रावली लंच बाद वास्ते निस्तारण देरी माफी प्रार्थना कागज संख्या 6ग² पेश हुई। याची ने अपने याचना पत्र में यह कहा है कि शिकायतकर्ता की बकाया रकम को ब्याज सहित अदा करने हेतु विपक्षी संस्था को जिम्मेदार लोगों द्वारा आश्वासन दिया जाता रहा। मात्र आश्वासन मिलने से निराशा की स्थिति में विपक्षी के यहाँ दिनांक 10.01.2020 तथा दिनांक 10.02.2020 को पत्र दिया परन्तु उसका भुगतान नहीं हुआ। जिसके कारण शिकायतकर्ता को याचनापत्र प्रस्तुत करनी पड़ी। यदि जिला आयोग की दृष्टि में याचना पत्र प्रस्तुत करने में कोई विलम्ब हुआ है तो उसे माफ किया जाए।

सुना। याची सन् 2018 में विपक्षी की सेवा से मुक्त हुआ था। दिनांक 01.01.2020 को विपक्षी के यहाँ जरिए रजिस्ट्री डॉक पत्र भेजा गया जो कार्यालय बन्द रहने की रिपोर्ट के साथ वापस आ गयी। उसी पते पर दिनांक 10.02.2020 को रजिस्ट्री पत्र भेजा गया परन्तु विपक्षी द्वारा आजतक भुगतान नहीं किया गया। याची ने देरी माफी के प्रार्थना पत्र में देरी माफी का कोई विवरण नहीं दिया है, बल्कि यह कहा है कि न्यायालय की दृष्टि में यदि देरी हो तो उसे माफ किया जाए। यहाँ इस बात का भी उल्लेख कर देना आवश्यक है कि वाद कारण सन् 2018 में उत्पन्न हुआ और परिवाद सन् 2022 में दाखिल किया जा रहा है, जबकि नियमतः वाद कारण उत्पन्न होने के दो साल के अन्दर परिवाद प्रस्तुत करना चाहिए था। यहाँ इस बात का भी उल्लेख कर देना आवश्यक है कि परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के समर्थन में कोई भी प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है। उपरोक्त विवेचन से हमारे विचार से यह देरी माफी प्रार्थना पत्र कागज संख्या 6ग² निरस्त होने योग्य है।    

 

आदेश

     कागज संख्या 6ग² (देरी माफी प्रार्थना पत्र) निरस्त किया जाता है। तद्नुसार याचना पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

      

 

 

 

   गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह

                                                             (सदस्य)                             (अध्यक्ष)

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