Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/25/2019

DASHRAM SHARMA - Complainant(s)

Versus

SRI GANDHI ASHRAM - Opp.Party(s)

PARAS NATH TIWARI

22 Jun 2021

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 25 सन् 2019

प्रस्तुति दिनांक 04.02.2019

                                                                                               निर्णय दिनांक 22.06.2021

दशराम शर्मा पुत्र स्वo रामदेव शर्मा, ग्राम+पोस्ट- बथनौली जनपद- सन्तकबीर नगर (उoप्रo), वर्तमान पता- ग्राम+पोस्ट- किशुनपुर, जनपद आजमगढ़ (उoप्रo)।

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

    क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम आजमगढ़ पता- राहुल नगर, मड़या शहर व जिला- आजमगढ़ द्वारा मंत्री।   

  •  

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि विपक्षी द्वारा उसका हिसाब-किताब नहीं किया गया। उसे केवल आश्वासन दिया गया। विपक्षी के यहाँ बाकी ई.पी.एफ. की धनराशि को प्रत्येक वर्ष का ब्याज लगाते हुए परिवादी के खाते में समायोजित किया जा रहा है जो विपक्षी के कथनानुसार यह रकम जनवरी 2013 तक 5,78,000/- रुपए हुआ जो खाते में दर्ज है। गांधी आश्रम के कार्यकर्ता एक परिवार की तरह कार्य करते हैं तथा सेवानिवृत्ति के बाद भी उनका सहयोग आपसी तालमेल बना रहता है तथा समय समय पर उनकी आर्थिक सहायता आवश्यकता के अनुसार की जाती है। परिवादी को विपक्षी द्वारा रिटायरमेन्ट के पश्चात् मात्र मौखिक रूप से भुगतान का आश्वासन दिया जाता रहा लेकिन कोई भी भुगतान नहीं किया गया। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह 5,78,000/- रुपए और आर्थिक व मानसिक कष्ट के लिए 3,00,000/- रुपए उचित ब्याज की दर से दिलवाया जाए।   

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 7/1 क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम आजमगढ़ का पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 7/2 व 7/3 श्री गांधी आश्रम मंत्री को लिखे गए पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।

विपक्षी क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि परिवादी ने गलत आधार पर परिवाद दाखिल किया गया है। अतिरिक्त कथन में विपक्षी ने यह कहा है कि परिवादी दिनांक 16.01.2013

को संस्था सेवा से विरत हुआ है तथा परिवादी की पी.एफ. की धनराशि मार्च 2018 तक मय ब्याज मुo 4,17,747/- रुपए होता है जिसमें से 106963/- रुपया का भुगतान मार्च 2017 तक विभिन्न तिथियों में परिवादी को दिया जा चुका है। शेष धनराशि 310784/- रुपए का भुगतान परिवादी को किया जाना है। परिवादी गलत तौर पर परिवाद में मुo 5,78,000/- रुपए का उल्लेख किया है। विपक्षी द्वारा कार्यकर्ताओं की सेवानिवृत्ति पर उनके बकाया धनराशि की जानकारी के अनुसार हिसाब-किताब कर दिया जाता है। परिवादी भलीभांति अवगत है कि विपक्षी संस्था को सरकार द्वारा कोई सहयोग राशि प्राप्त नहीं होती है। विपक्षी ने परिवादी को कोई धनराशि देने से इन्कार नहीं किया है। अतः परिवाद निरस्त किया जाए।

विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

परिवादी उपस्थित, विपक्षी अनुपस्थित। परिवादी को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी ने अपने जवाबदावा में जिस धनराशि के भुगतान का उल्लेख किया है उसका कोई प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य है। 

आदेश

    परिवाद स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह अपने प्रतिवाद पत्र के अनुसार परिवादी को भुगतान रुपए 1,06,963/- मात्र रुपए 5,78,000/- में से घटाकर रुपए 4,71,037/- (रुपए चार लाख इकहत्तर हजार सैंतीस मात्र) का भुगतान परिवादी को अन्दर 30 दिन में अदा करे। पक्षकार खर्चा मुकदमा अपना-अपना स्वयं वहन करेंगे। इस धनराशि पर वाद दाखिला से अन्तिम भुगतान तक 09% वार्षिक ब्याज भी देय होगा।     

 

 

 

 

                                                                               गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह 

                                                             (सदस्य)                             (अध्यक्ष)

 

     दिनांक 22.06.2021

 

                                                   यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

                                                 गगन कुमार गुप्ता                  कृष्ण कुमार सिंह

                                                                   (सदस्य)                               (अध्यक्ष)

  

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