Uttar Pradesh

StateCommission

A/2009/923

M/S Soravan Cold Storage - Complainant(s)

Versus

Sri Ambika Prasad - Opp.Party(s)

Ajay K Tewari

14 May 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2009/923
( Date of Filing : 05 Jun 2009 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. M/S Soravan Cold Storage
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Sri Ambika Prasad
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Vijai Varma PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 14 May 2018
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-923/2009

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, इलाहाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या 1009/1997 में पारित निर्णय दिनांक 31.01.2009 के विरूद्ध)

मै0 सोरांव कोल्‍ड स्‍टोरेज द्वारा पार्टनर श्री समीर अग्रवाल, सोरांव

इलाहाबाद।                                     .........अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम्

श्री अम्बिका प्रसाद पुत्र स्‍व0 श्री राम अभिलाष निवासी बहादुरपुर,

पी.ओ. कल्‍यानपुर, इलाहाबाद।                       ......प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. मा0 श्री विजय वर्मा, पीठासीन सदस्‍य।

2. मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित  :श्री योगेन्‍द्र कुमार तिवारी, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक 26.06.2018

मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

     यह अपील जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम इलाहाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या 1009/1997 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दि. 31.01.2009 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई है। जिला मंच ने निम्‍न आदेश पारित किया है:-

     '' परिवादी का परिवाद इस आधार पर डिक्री किया जाता है कि विपक्षी सोरांव कोल्‍ड स्‍टोरेज आज से 2 माह के अंदर परिवादी को रू. 40000/- बतौर क्षतिपूर्ति अदा करेंगे। परिवादी इस राशि पर विपक्षी से परिवाद दायर करने की तिथि से रूपयों के अंतिम भुगतान तक 8 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज भी प्राप्‍त करेगा। परिवादी विपक्षी से रू. 1000/- बतौर मानसिक संत्रास व रू. 500/- वाद व्‍यय भी प्राप्‍त करेगा।‘’

     संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी ने आलू भंडारण के लिए विपक्षी को कोल्‍ड स्‍टोरेज में किराए देने के अनुबंध पर दि. 16.03.97 को 100

-2-

बोरे आलू का भंडारण किया था। विपक्षी की लापरवाही एवं असावधानी के कारण उसका 100 बोरा आलू सड़कर बर्बाद व नष्‍ट हो गया।   

     विपक्षी ने जिला मंच के समक्ष अपना लिखित कथन प्रस्‍तुत किया और अपने लिखित कथन में इस तथ्‍य को स्‍वीकार किया कि उसके द्वारा परिवादी के 100 बोरे आलू का भंडारण किया गया था। विपक्षी ने अपने अभिकथन में यह कहा है कि वर्ष 1996-97 में आलू की कीमत काफी गिर गई थी जिससे परिवादी विपक्षी से किराया कम कराना चाहता था जिससे विपक्षी ने कम नहीं किया। परिवादी ने धमकी दी थी कि वह मुकदमा चलाकर आलू की कीमत वसूल लेगा।

     पीठ ने प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता की बहस सुनी एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों एवं साक्ष्‍यों का भलीभांति परिशीलन किया गया। अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

     अपीलार्थी ने अपने अपील आधार में कहा है कि प्रश्‍नगत वर्ष में इलाहाबाद के सभी कोल्‍ड स्‍टोरेज में रखे हुए आलू खराब हो गए थे। प्रशासकीय अधिकारियों के साथ दोनों पक्षों के मध्‍य एक समझौता हुआ था कि कोल्‍ड स्‍टोरेज कृषकों को उनकी लागत का भुगतान रू. 123/- पर बोरे के हिसाब से करेंगे, जो उस समय प्रचलित रेट था। जिला मंच द्वारा प्रति बोरा 400/- रू. दिलाया जाना विधिसम्‍मत नहीं है और उसका कोई आधार नहीं है तथा जिला मंच ने परिवादी को जो रू. 1000/- मानसिक संत्रास के लिए अधिरोपित किया गया है उसका कोई आधार नहीं है।

     प्रत्‍यर्थी द्वारा बहस के दौरान यह कहा गया कि परिवादी ने अपना आलू अच्‍छी हालत में विपक्षी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में रखा था, परन्‍तु विपक्षी की लापरवाही के कारण और अच्‍छी सेवाएं न देने के कारण आलू सड़ गया।

-3-

 

     यह तथ्‍य निर्विवाद है कि परिवादी ने 100 बोरा आलू विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज में भंडारण के लिए रखा था। यह तथ्‍य भी निर्विवाद है कि यह आलू सड़ गया। निश्‍चय ही परिवादी का आलू भंडारित आलू की उचित देखभाल न करने के कारण हुआ। विपक्षी/अपीलार्थी ने स्‍वयं स्‍वीकार किया है कि इस विवाद के संबंध में प्रशासकीय अधिकारियों, कृषकों व कोल्‍ड स्‍टोरेज में एक वार्ता हुई थी और यह समझौता किया गया था कि कोल्‍ड स्‍टोरेज कृषकों को उनकी लागत रू. 123/- प्रति बोरा के हिसाब से देंगे, परन्‍तु पत्रावली पर कोई ऐसा समझौता उपलब्‍ध नहीं है और विपक्षी के स्‍वयं के कथन से इस तथ्‍य को बल मिलता है कि आलू कोल्‍ड स्‍टोरेज की लापरवाही के कारण सड़ गया। कोल्‍ड स्‍टोरेज यह कहकर अपने उत्‍तरदायित्‍व से बच नहीं सकता कि प्रश्‍नगत वर्ष में सभी कोल्‍ड स्‍टोरेज में रखे आलू खराब हो गए थे। इस संबंध में कोई साक्ष्‍य भी नहीं है। कृषकों की हालत अत्‍यंत दयनीय होती है, वह अपनी मेहनत से जो फसल पैदा करते हैं उसका मूल्‍य न मिल पाना दुर्भाग्‍यपूर्ण है। जिला मंच ने साक्ष्‍यों की विस्‍तृत विवेचना करते हुए अपना निर्णय दिया है, हम उसमें कोई त्रुटि नहीं पाते हैं। जिला मंच का आदेश पुष्टि किए जाने योग्‍य है। तदनुसार अपील निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

आदेश

     प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है। जिला मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश दि. 31.01.2009 की पुष्टि की जाती है।

     उभय पक्ष अपना-अपना अपीलीय व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

 

 

 

-4-

     निर्णय की प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्‍ध कराई जाए।

    

 

        (विजय वर्मा)                               (राज कमल गुप्‍ता)

       पीठासीन सदस्‍य                                  सदस्‍य

राकेश, पी0ए0-2

      कोर्ट-4 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Vijai Varma]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
MEMBER

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