राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0 लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-09/1999
शाक्य कोल्ड स्टोरेज एण्ड आइस मिल प्रा0 लि0 परगना गुन्ज डुण्डवारा जिला एटा द्वारा मैंनेजिंग डायरेक्टर डा0 हरीराम शाक्य नि0 मोहल्ला सुदामापुरी कस्बा गंज डुंडवारा जिला एटा। अपीलकर्ता/विपक्षी
बनाम
श्रीपाल पुत्र केशोलाल निवासी नगला नयन सुख पो0 गढ़का जिला एटा। प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1 मा0 श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा पीठासीन सदस्य।
2-मा0 श्री राम चरन चौधरी सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित। कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित। विद्वान अधिवक्ता श्री टी0 एच0 नकवी।
दिनांक-09-12-2014
मा0 श्री राम चरन चौधरी, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी द्वारा परिवाद संख्या-66/1999 श्रीपाल बनाम शाक्य कोल्ड स्टोरेज एण्ड आइस मिल प्रा0 लि0 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 05-12-1998 में निम्न लिखित आदेश पारित किया है।
" परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को निर्देश दिया जाता है कि वह आज से 30 दिन के अन्दर परिवादी को 10 कुन्टल आलू अथवा आलू की कीमत 4,000/-रू0 (चार हजार रूपये) अदा करें। इसके अतिरिक्त विपक्षी 300/-रू0 वाद व्यय व मानसिक पीड़ा हेतु परिवादी को भुगतान करें। नियत अवधि 30 दिन में उक्त आदेश का अनुपालन न करने पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज विपक्षी द्वारा परिवादी को आज से धन अदा करने की तिथि तक देय होगी। "
उपरोक्त वर्णित आदेश से क्षुब्ध होकर अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा यह अपील योजित की गयी है।
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में अभिकथन किया है कि उसने दिनांक 19-03-1996 को विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में 11 बोरा आलू रखा था जिसकी रसीद सं0-1942 विपक्षी द्वारा दी गयी। परिवादी जब विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में आलू निकालने गया तो कोल्ड स्टोरेज के अधिकारी व कर्मचारियों ने यह कहकर मना कर दिया कि तुम्हारा आलू सड़ गया है वापस नहीं मिल पायेगा। इसके बाद परिवादी विपक्षी मैनेजिंग डायरेक्टर से
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भी मिला तो उन्होंने भी बताया कि आलू कोल्ड स्टोरेज में सड़ गया है। अत: आलू नहीं मिल पायेगा। विपक्षी ने आलू की कीमत भी वापस नहीं की उक्त आलू की शिकायत दिनांक 26-07-1996 को जिला उधान अधिकारी एटा से की और दिनांक 27-10-1996 को आलू की कीमत देने हेतु विपक्षी को नोटिस भी दिया किन्तु विपक्षी ने कोई ध्यान नहीं दिया। विपक्षी ने जानबूझकर परिवादी ने साथ सेवा में कमी की है। परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है। आलू की कीमत न देना अनुचित व्यापार व्यवहार है। परिवादी ने आलू बीज के लिए रखा था इसकी कीमत 7000/-रू0 थी। आलू वापस न मिलने के कारण उसका पांच बीघा खेत खाली पड़ा रहा, जिसमें 50 कुन्टल आलू पैदा होता जिसकी कीमत 25,000/-रू0 होती है। इसका नुकसान हुआ परिवाद पत्र की सम्पुष्टि में परिवादी ने स्वयं का शपथपत्र व सभी कागजात कागज सं0-5अ द्वारा तीन कागज रजिस्ट्री रसीद व रसीद दिनांक 19-03-1996 की छाया प्रति व नोटिस की कार्बन प्रति दाखिल की है।
विपक्षी द्वारा आपत्ति प्रस्तुत की गयी जिसमें अभिकथन किया है कि परिवादी ने 11 बोरा आलू कोल्ड स्टोरेज में डाला था और उसकी वापिसी परिवादी ने दिनांक 11-10-1996 को गेट पास संख्या 1550 जरिये की गयी। गेट पास पर परिवादी के हस्ताक्षर है उसी दिन परिवादी ने 435/-रू0 रसीद नं0 1190 से कोल्ड स्टोरेज का भाड़ा अदा किया था। कर्मचारियों की गलती से रसीद 1942 परिवादी से प्राप्त करने से रह गयी थी जिसका परिवादी ने अनुचित लाभ उठाकर परिवाद प्रस्तुत कर दिया है। परिवादी का नोटिस का जवाब दिनांक 06-12-1996 को दे दिया गया था। पिछली साल आलू 200/-रू0 -100/-रू0 कुन्टल तक रहा था। कोल्ड स्टोरेज में आलू खराब नहीं हुआ था परिवादी का कोई खेत खाली नहीं रहा।
अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री टी0 एच0 नकवी उपस्थित हैं, प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री टी0 एच0 नकवी को विस्तार से सुना गया।
जिला उपभोक्ता फोरम के निर्णय/आदेश दिनांक 05 दिसम्बर 1998 का अवलोकन किया गया अपील के आधार का अवलोकन किया गया प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री टी0 एच0 नकवी को सुना गया।
जिला उपभोक्ता फोरम ने यह पाया है कि परिवादी का आलू सड़ गया था अत: उस सड़े हुए आलू को वापस ले जाने का कोई सवाल उठता नहीं है और विपक्षी शीतगृह की ओर से सेवा में कमी किया गया और इससे परिवादी 10 कुन्टल आलू सड़ गया है जिसकी कीमत 400/-रू0 प्रति कुन्टल के हिसाब से उसका आकलन 4000/-रू0 किया गया।
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केस तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए हम यह पाते हैं कि जो निर्णय/आदेश दिया है वह विधि सम्मत है और उसमें हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है अपीलकर्ता की अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपीलकर्ता की अपील खारिज की जाती है।
वाद व्यय पक्षकार अपना-अपना स्वयं वहन करेंगे।
इस निर्णय/आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि उभय पक्ष को नियमानुसार उपलब्ध करा दी जाये।
(जितेन्द्र नाथ सिन्हा) (राम चरन चौधरी)
पीठासीन सदस्य सदस्य
मनीराम आशु0-2
कोर्ट- 4