Rajasthan

Jaipur-I

961/2012

AJAY KUMAR - Complainant(s)

Versus

SPICE MOBILE - Opp.Party(s)

ajay kumar

17 Apr 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Execution Application No. 961/2012
In
961
 
1. AJAY KUMAR
C-33, MAHESH NAGAR, NEAR 80 FEET ROAD JAIPUR
...........Appellant(s)
Versus
1. SPICE MOBILE
301, FIRST FLOOR, ANAND CHABAR, BABA HARISH CHANDRA MARG, JAIPUR
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MRS. Seema sharma PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. O.P. Rajoriya MEMBER
 
For the Appellant:
ajay mishra
 
For the Respondent:
vikash mishra
 
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर

समक्ष:    श्री मिथलेश कुमार शर्मा - अध्यक्ष
          श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
          श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य

परिवाद सॅंख्या: 961/2012
अजय कुमार अधिवक्ता पुत्र श्री स्व0 सुखराम जाति मेघवाल, निवासी सी 33, महेश नगर, 80 फीट रोड के पास, जयपुर जिला जयपुर (राजस्थान)
                                              परिवादी
               ं     बनाम

1.    श्रीमान् प्रबंधक महोदय, स्पाइस मोबाइल कम्पनी, डी-1, सैक्टर-3, नेएडा 201301 यू.पी.
2.    दी एशियन सेल्स एण्ड सर्विसेज 301, प्रथम तल, आनन्द चैम्बर, रायसर प्लाजा के पास, बाबा हरिशचन्द्र मार्ग, जयपुर
3.    मैसर्स मोबाइल टच 213, ग्राउण्ड फ्लोर, आनन्द चैम्बर रायसर प्लाजा के पास, बाब हरिशचन्द्र मार्ग, जयपुर Û

              विपक्षी

अधिवक्तागण :-
श्री अजय कुमार - परिवादी
श्री विकास मिश्रा - विपक्षी सॅंख्या 1 व 2

                             परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 14.08.12

                       आदेश     दिनांक: 29.01.2015

परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी सॅंख्या 3 से दिनांक 13.04.2011 को 2100/- रूपए का भुगतान कर स्पाईस एम 5060 मोबाईल क्रय किया था जिस पर एक वर्ष की वांरटी दी गई थी । मोबाईल में कुछ समय बाद ही खराबियां आने लग गई । विपक्षी सॅंख्या 2 से सम्पर्क करने पर उसने मोबाईल छोड़ने के लिए कहा परन्तु फिर परिवादी को यह कहते हुए मोबाईल लौटा दिया कि ठीक नहीं हो सकता है । परिवादी का कथन है कि इस प्रकार विपक्षीगण का कृत्य सेवादेाष की श्रेणी में आता है । परिवाद में वर्णित मुआवजा दिलवाए जाने का परिवादी ने निवेदन किया है ।
2. विपक्षी सॅंख्या 1 की ओर से इस आशय का जवाब प्रस्तुत किया गया है कि परिवादी ने 28.03.2012 को सर्विस सेंटर पर जब हैण्डसेट दिया तो वह 11 माह काम में आ चुका था और वांरटी निकल जाने के बाद उसने सर्विस सेंटर पर एपरोच की थी । विपक्षी की ओर से परिवाद खारिज किए जाने का निवेदन किया है।
3. विपक्षी सॅंख्या 2 की ओर से आशय का जवाब प्रस्तुत किया गया है परिवादी को मोबाईल ठीक होने में लगने वाले समय के बारे में बता कर मोबाईल ठीक करने के लिए रखा गया था तथा ठीक होते ही परिवादी को सूचित कर दिया था । परिवादी ने गलत व झूठे आधारों पर परिवाद पेश किया है जिसे खारिज किया जावे ।
4. विपक्षी सॅंख्या 3 की ओर से परिवाद का कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है ।
5. उपरोक्त तथ्यों पर दोनों पक्षों को सुना गया एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
6. विद्वान अधिवक्ता परिवादी की दलील है कि जो तथ्य परिवाद मंे अंकित किए गए हैं उनका समर्थन परिवादी की ओर से प्रस्तुत शपथ-पत्र व दस्तावेज से होता है और परिवाद स्वीकार करने की दलील दी गई है ।
7. विद्वान अधिवक्ता विपक्षी की दलील है कि जो तथ्य जवाब में वर्णित किए गए हैं उनका समर्थन शपथ-पत्र होता है और परिवाद खारिज करने की दलील दी गई है।
8. उपरोक्त दलीलों के संदर्भ में हमने पत्रावली का अवलोकन किया तो पाया कि परिवादी ने प्रदर्श-1 के जरिए उक्त मोबाईल इन्वाईस नंबर 135 दिनांक 13.04.2011 से 2100/- रूपए अदा कर के क्रय किया था । प्रदर्श-2 सर्विस रिक्वेस्ट/ग्राहक का दी गई सूचना के अनुसार स्लो प्रोसेसिंग व डेड होने का तथ्य वर्णित है । जहां तक 11 माह तक उचित सेवा मोबाईल द्वारा दिए जाने का तथ्य है इस सम्बन्ध में परिवादी ने अपने परिवाद में जो तथ्य वर्णित किए हैं और शपथ-पत्र में तथ्य आए हैं उनसे साबित होता है कि यह मोबाईल आरम्भ से त्रुटिपूर्ण था जिसकी सेवा परिवादी नहीं ले पा रहा था । इसके विपरीत मोबाईल मेें कोई त्रुटि नहीं होने के सम्बन्ध में कोई संतोषजनक तथ्य विपक्षी प्रकट नहीं कर सका है।
9. अत: परिवाद के तथ्यों का समर्थन शपथ-पत्र व प्रस्तुत दस्तावेज से होने के कारण परिवादी का परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है ।
आदेश

अत: परिवादी का परिवाद स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि विपक्षी सॅंख्या 1 परिवादी द्वारा पुराना मोबाईल समर्पित करने के पश्चात उसे नया स्पाईस -एम-5060 मोबाईल प्रदान करेगा। साथ ही मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति के लिए 3500/- रूपए अक्षरे तीन हजार पाॅंच सौ रूपए अदा करेगा । विपक्षी सॅंख्या 2 को आदेश दिया जाता है कि वह 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पाॅंच सौ रूपए परिवादी को अदा करेगा । परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है ।


( ओ.पी.राजौरिया )    (श्रीमती सीमा शर्मा)      (मिथलेश कुमार शर्मा)    
     सदस्य              सदस्य           अध्यक्ष      

निर्णय आज दिनांक 29.01.2015 को लिखाकर सुनाया गया।

 

( ओ.पी.राजौरिया )     (श्रीमती सीमा शर्मा)     (मिथलेश कुमार शर्मा)    
     सदस्य              सदस्य          अध्यक्ष      

 

 
 
[HON'BLE MRS. Seema sharma]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. O.P. Rajoriya]
MEMBER

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