जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
अषोक कुमार बााकोलिया पुत्र श्री अर्जुनदास बाकोलिया, मकान नं. 239/7, नत्थूजी की पांच दुकान, पहाडगंज, अम्बेडकर नगर, अजमेर -305001
- प्रार्थी
बनाम
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- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 100/2015
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री अषोक कुमार बारोलिया, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री ओम नारायण पालडिया, अधिवक्ता अप्रार्थी सं.1
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 22.04.2016
1. प्रार्थी ( जो इस परिवाद में आगे चलकर उपभोक्ता कहलाएगा) ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम , 1986 की धारा - 12 के अन्तर्गत अप्रार्थी संख्या 1 व 2 (जो इस परिवाद में आगे चलकर अप्रार्थी संख्या 1 मोबाईल निर्माता कम्पनी व अप्रार्थी संख्या 2 सर्विस सेन्टर कहलाएगें) के विरूद्व संक्षेप में इस आषय का पेष किया है कि उसने ैचपबम थ्नसस जवनबी कनंस ेपउ ंदकतवपक चीवदम 436 ठसनम व्दसपदम ैीवचचपदह भ्वउम ेीवच 18 पर दिनांक 28.5.2014 को बुक करवाया । हैण्ड सेट उसे इन्वाईस सेलर टीन संख्या 06121939695 के दिनंाक
29.5.2014 को प्राप्त हुआ । उक्त हैण्ड सेट क्रय किए जाने के 2 माह 10 दिन में ही खराब हो गया तो उसने दिनांक 13.8.2014 को अप्रार्थी सर्विस सेन्टर पर दुरूस्ती हेतु दिया । जिन्हांेने दो दिन बाद आने को कहा । दो दिन बाद जाने पर उसे बताया गया कि सेट अभी दुरूस्त नहीं हुआ है, उसमें सोफ्टवेयर डालने होगें । इस प्रकार उसके बार बार जाने पर भी उसे हैण्ड सेट ठीक करके नहीं दिया गया और बिना उसकी अनुमति के सेट जयपुर दुरूस्ती हेतु भेज दिया । इस संबंध में एतराज भी प्रकट किया गया, किन्तु कोई सुनवाई नहीं की । पुनः जाने पर जब उसने अपना हैण्ड सेट देखा तो उसकी स्क्रीन टूटी हुई पाई गई । इस संबंध में भी उसने सर्विस सेन्टर पर बताया कि उसने सही स्क्रीन वाला हैण्ड सेट दिया था तो उसे बताया गया कि कोरियर में आने जाने पर स्क्रीन टूट गई होगी, ओरिजनल स्क्रीन लगा दी जावेगी । जब अप्रार्थीगण ने उसका हैण्ड सेट ठीक करके नहीं दिया तो उसने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 21.10.2014 को नोटिस भी दिया । किन्तु उसका भी कोई जवाब नहीं दिया गया । अप्रार्थीगण के उक्त कृत्य को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में उपभोक्ता ने अपना षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थी कम्पनी ने परिवाद के जवाब में सर्वप्रथम प्रारम्भिक आपत्ति उठाई है कि प्रस्तुत परिवाद निराधार, मिस कन्सीव्ड व विधि की निगाहों में पोषणीय नहीं होकर खारिज होने योग्य है । अप्रार्थी कम्पनी के स्तर पर किसी प्रकार की कोई सेवा में कमी अथवा दोष नहीं रहा है । उनके द्वारा सद्भाविक रूप से उपभोक्ता को बेहतर सुविधाए उपलब्ध करवाई गई है, किन्तु उपभोक्ता उत्तरदाता अप्रार्थी कम्पनी को ब्लैकमेल करना चाहता है व उसका दुराषय रूपएं ऐंठना व क्षतिपूर्ति प्राप्त करना है ।
विस्तृत जवाब में इन्हीें तथ्यों का खुलासा करते हुए बताया है कि जब जब भी उपभोक्ता ने सर्विस सेन्टर पर सम्पर्क किया उसे बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाते हुए रिपेयरषुदा हैण्ड सेट निष्चित समयावधि में सौंपा गया था । उनकी ओर से सेवा में कोई कमी नहीं रखी गई । उपभोक्ता को जो जाॅबषीट जारी की गई, उसमें साफतौर पर लिखा गया था कि उसके द्वारा दिया गया हैण्ड सेट दुरूस्त किया जाकर निष्चित समयावधि में दिया जा सकेगा । उपभोक्ता को सूचना प्राप्त होने के 21 दिवस के अन्दर हैण्ड सेट की डिलीवरी लेनी थी । किन्तु सर्विस सेन्टर से उपभोक्ता द्वारा रिपेयरषुदा हैण्ड सेट प्राप्त नहीं किए जाने की स्थिति में उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं हैं । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई । जवाब के समर्थन में श्री बी.एम.अग्रवाल, अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता का षपथपत्र पेष किया ।
3. अप्रार्थी सर्विस सेन्टर बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुआ और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थी सर्विस सेन्टर के विरूद्व दिनांक 16.4.2015 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई ।
4. उपभोक्ता के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया है कि उनके द्वारा दिनांक 28.4.2015 को हैण्ड सेट का आॅनलाईन आर्डर किए जाने पर कोरियर के जरिए उसे दिनांक 29.5.2014 को उक्त सेट प्राप्त हुआ था तथा 2 माह 10 दिन में सेट खराब होने पर दिनांक 13.8.2014 को अधिकृत सर्विस सेन्टर पर दिए जाने के बाद बार बार सम्पर्क करने व पूछताछ करने के बावजूद उक्त हैण्ड सेट ठीक कर नहीं दिया गया, जैसा कि परिवाद के पैरा संख्या 2 लगायत 10 में उल्लेख किया गया है । इस प्रकार अप्रार्थीगण द्वारा उसे खराब हैण्ड सेट दिए जाने के कारण वह सेट की कीमत, षारीरिक व मानसिक क्षतिपूर्ति, नोटिस व्यय, परिवाद व्यय की राषि को मिलाकर कुल क्षतिपूर्ति राषि रू. 57,199/- प्राप्त करने का अधिकारी है।
5. अप्रार्थी संख्या 1 निर्माता कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता ने अपनी बहस में परिवाद के संदर्भ में दिए गए प्रति उत्तर में उठाए गए तथ्यों को दोहराते हुए प्रमुख रूप से तर्क प्रस्तुत किया है कि उपभोक्ता के मामले में उनके द्वारा किसी प्रकार की कोई सेवा में कमी अथवा दोष नहीं रखा गया है । अपितु उक्त सेट सर्विस सेन्टर द्वारा पूर्ण सावधानी बरतते हुए रिपेयर कर सौपा गया था । परिवाद सारहीन है व खारजि होने योग्य है ।
6. हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं और पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेख का सावधानीपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
7. स्वीकृत रूप से उपभोक्ता द्वारा प्रष्नगत् हैण्डसेट दिनंाक 28.5.2014 के आर्डर के मुताबिक दिनंाक 29.5.2014 को अप्रार्थी संख्या एक निर्माता कम्पनी से क्रय किया गया था । उपलब्ध जाॅबषीट के अनुसार उपभोक्ता ने दिनंाक 15.8.2014 को इसे रिपेयर हेतु अप्रार्थी निर्माता कम्पनी के सर्विस सेन्टर पर सौंपा है, जैसा कि उपलब्ध निर्माता कम्पनी के प्राप्ति हस्ताक्षर से स्पष्ट है । यदि यह हैण्ड सेट रिपेयर किया जाकर उपभोक्ता को सौप दिया गया होता तो इस आषय का उल्लेख इस जाॅबषीट अथवा किसी अन्य प्रलेख में होना चाहिए था। उपभोक्ता ने अपने परिवाद में बार बार प्रष्नगत सेट का खराब होना व अप्रार्थी के समक्ष सम्पर्क करना बताया है किन्तु वह सन्तुष्ट नहीं हुआ है । स्पष्ट है कि उपभोक्ता को सन्तुष्ट नहीं कर अथवा उसके द्वारा क्रए किए गए हैण्ड सेट को वारण्टी अवधि के अन्दर दुरूस्त कर नहीं सौंपने में अप्रार्थी निर्माता कम्पनी द्वारा सेवा में कमी का परिचय दिया गया है । फलतः इसकी भरपाई हेतु अप्रार्थी निर्माता कम्पनी पूर्णतरह से जिम्मेदार है । परिवाद इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
ःः- आदेष:ः-
8. (1) उपभोक्ता अप्रार्थी संख्या 1 निर्माता कम्पनी से जरिए इन्वाईस सेलर टीन संख्या 06121939695 के क्रय किए गए ैचपबम थ्नसस जवनबी कनंस ेपउ ंदकतवपक चीवदम 436 ठसनम की क्रय राषि रू. 4999/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) उपभोक्ता अप्रार्थी संख्या 1 निर्माता कम्पनी से मानसिक क्षतिपूर्ति के पेटे रू.2500/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू. 2500/- भी प्राप्त करने का भी अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी संख्या 1 निर्माता कम्पनी उपभोक्ता को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से उपभोक्ता के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 22.04.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष