Uttar Pradesh

Kanpur Dehat

CC/26/2022

Rajababu - Complainant(s)

Versus

Southern Electricity Distribution Corporation Ltd. , Agra - Opp.Party(s)

Manoj Kumar Yadav

25 Jun 2024

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।

अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष

   H.J.S.

                 श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य

                    सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य

 

उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 26/2022   

परिवाद दाखिला तिथि :- 16.03.2022    

निर्णय दिनांक:-  25.06.2024

(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)

 

राजाबाबू पुत्र लटूरी सिंह निवासी गांधी नगर, झींझक, कानपुर देहात ।

                                                                                                                                                      ..........................परिवादी

बनाम

1. दक्षिणंचल विधुत वितरण निगम लिमिटेड, आगरा उ0प्र0 ।

2. दक्षिणंचल विधुत वितरण निगम लिमिटेड कार्यालय/ खण्ड ई0डी0एस0डी0 झींझक, कानपुर देहात ।

                                                                                                                                                     ..........................प्रतिवादी

निर्णय

     प्रस्तुत परिवाद परिवादी राजाबाबू की ओर से सशपथ पत्र, परिवादी का परिवाद पत्र स्वीकार कर, प्रतिवादीगण को मीटर रीडिंग के आधार पर विधुत बिल लिए जाने हेतु निर्देशित किये जाने, विपक्षी सं0-2 द्वारा जारी रिकवरी परिवाद के निस्तारण तक स्थगित किये जाने एवं अन्य उपशम प्रतिवादीगण से दिलाये जाने हेतु दिनांक 16.03.2022 को योजित किया गया ।

     संक्षेप में परिवादी का कथन है कि, परिवादी राजाबाबू पुत्र लटूरी सिंह निवासी गांधी नगर, झींझक, कानपुर देहात का है । परिवादी ने विपक्षी संख्या-1 से एक घरेलू कनेक्शन (विधुत) का लिया था । परिवादी समय-समय पर अपने विधुत बिल का भुगतान करता रहा है । विपक्षी संख्या-2 द्वारा परिवादी को दिनांक 04.11.2020 से दिनांक 13.07.2021 तक विधुत बिल 52,516/- रुपया दिया गया उस समय परिवादी का मीटर खराब था, परिवादी ने इसकी सूचना विपक्षी संख्या-2 को दे दी थी तथा परिवादी का मीटर दिनांक 13.07.2021 को बदल दिया गया था । परिवादी का मीटर डिस्कनेक्ट नहीं किया गया और न ही कभी विधुत सप्लाई बन्द की गयी फिर भी विपक्षी संख्या-2 द्वारा पुनः मीटर चालू करने हेतु 600/- रुपया जमा कराया गया । इसके पूर्व परिवादी को 52,616/- रुपये का विधुत बिल आठ माह का दिया गया तथा चार माह का विधुत बिल 4,496/- रुपये विपक्षी संख्या-2 ने दिया । परिवादी के मीटर की रीडिंग 575 यूनिट है, 575 यूनिट का बिल 4,496/- रुपये दिया गया जो कि नियमतः गलत है । परिवादी ने आइ0डी0एफ0 बिल को संशोधित करने हेतु कई प्रार्थना पत्र दिये किन्तु विपक्षी संख्या-2 द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी बल्कि 52,516/- रुपये की आर0सी0 जारी कर दी गयी । परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है ।   परिवादी माननीय न्यायालय के समक्ष परिवाद प्रस्तुत कर रहा है, परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।

     परिवादी के परिवाद पत्र के उत्तर में विपक्षी संख्या-1 व 2 द्वारा संयुक्त जवाबदेही दाखिल की गयी । विपक्षीगण द्वारा प्रस्तुत जवाबदेही में वाद पत्र की धारा-1 के कथंन को परिवादी से सम्बन्धित सोना कहा है तथा परिवाद पत्र की धारा-2 के कथंन को स्वीकार करते हुये यह अभिकथन किया है कि परिवादी का संयोजन खाता सं0- 781718488855 तथा मीटर सं0- 1659761 है । जवाबदेही की धारा-3 में, परिवाद पत्र की धारा-3 को आंशिक रूप से स्वीकार किया गया है तथा धारा-4 के कथन को असत्य बताते हुये अस्वीकार किया है एवं यह कथन किया है कि परिवादी को उपभोग रीडिंग के माह दर माह प्रेषित किये गये हैं । जवाबदेही की धारा-5 लगायत 8 में, परिवाद पत्र की धारा-5 लगायत 8 को अस्वीकार किया गया है एवं यह अभिकथन किया है कि परिवादी का विधुत बिल बकाया होने के कारण संयोजन विच्छेदन की प्रक्रिया विभागीय नियमानुसार की गयी है, उपभोक्ता का बिल उपभोग रीडिंग का संशोधित कर बिल माह जुलाई-2022 तक रु0 28,888/- कर दिया गया है । जवाबदेही की धारा-9 में, परिवाद पत्र की धारा-9 को स्वीकार किया गया है एवं परिवाद पत्र की धारा-10 को न्यायालय से सम्बन्धित होना कहा है । विपक्षीगण द्वारा प्रस्तुत जवाबदेही में अनुतोष के संदर्भ में यह अभिकथन किया गया है कि उपभोक्ता का उपभोग रीडिंग के आधार पर संशोधित बिल माह जुलाई 2022 तक रु0 28,888/- रुपये कर दिया गया है । उपभोक्ता के द्वारा बिल भुगतान करने के उपरान्त जारी आर0सी0 की रिकवरी वापसी/ निरस्त करने की प्रक्रिया करना सम्भव हो पायेगा । परिवाद मय हर्जा सहित खारिज/ निरस्त किये जाने की याचना की है ।

     परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की सूंची से भुगतान पावती दिनांकित 23.12.2021 मु0 600/- रु0 की छायाप्रति, विधुत बिल मु0 57,516/-रुपये दिनांकित 08.12.2021 की छायाप्रति, मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र दिनांकित 13.07.2021 की छायाप्रति, भुगतान पावती दिनांकित 04.11.2020 मु0 6,594/- रु0 की Computerized प्रति एवं परिवादी राजाबाबू के आधार कार्ड की छायाप्रति साक्ष्य में दाखिल की है ।

     विपक्षीगण द्वारा जवाबदेही के साथ विधुत बिल दिनांकित 04.07.2022 मु0 28,888/- रुपये का पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।

     परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी राजाबाबू द्वारा साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 02.11.2022 व श्री यशपाल सिंह उर्फ प्रेमू पुत्र जगपाल सिंह का साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 17.01.2023 पी0डब्ल्यू0-2 के रूप में पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।

     विपक्षी विधुत विभाग की ओर से जवाबदेही में वर्णित कथनों के समर्थन में सन्तोष कुमार पुत्र स्व0 सत्यनारायण वर्मा अधिशाषी अभियन्ता विधुत वितरण खण्ड झींझक, कानपुर देहात द्वारा साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 20.02.2024 पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।

     परिवादी की ओर से लिखित बहस दिनांकित 30.08.2023 पत्रावली पर दाखिल की गयी । विपक्षी की ओर से लिखित बहस दिनांकित 24.04.2024 पत्रावली पर दाखिल की गयी ।

     पत्रावली का परिशीलन किया तथा उभयपक्षों की ओर से दाखिल लिखित बहस का अवलोकन किया ।

     प्रस्तुत मामले में परिवादी का तर्क है कि वह समय-समय पर अपने घरेलू कनेक्शन से सम्बन्धित विधुत बिलों का भुगतान करता रहा है । परिवादी का यह भी तर्क है कि दिनांक 04.11.2020 दिनांक 13.07.2021 तक विधुत बिल 52,516/- रुपया दिया गया जबकि उस समय परिवादी का मीटर खराब था ।  परिवादी ने इसकी सूचना विपक्षी संख्या-2 को दे दी थी जिस पर परिवादी का मीटर दिनांक 13.07.2021 को बदला गया । परिवादी का मीटर डिस्कनेक्ट नहीं किया गया और न ही कभी विधुत सप्लाई बन्द की गयी फिर भी विपक्षी संख्या-2 द्वारा मीटर चालू करने हेतु 600/- रुपया जमा कराया गया । विपक्षीगण द्वारा परिवादी को 52,516/- रुपये का आठ माह का बिल प्रेषित किया गया है जबकि परिवादी की मीटर रीडिंग 575 यूनिट है, 575 यूनिट का विधुत बिल 4,496/- रुपये बनता है । परिवादी ने आई0डी0एफ0 बिल को संशोधित किये जाने हेतु कई प्रार्थना पत्र दिये लेकिन विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी और प्रेषित बिल मु0 52,516/- रुपये के बावत आर0सी0 जारी कर दी गयी ।

     परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का यह भी तर्क है कि माह जुलाई 2022 तक तक का बिल रुपया 28,888/- का दिया गया है और परिवादी की मीटर रीडिंग 2800 यूनिट है, प्रति यूनिट 6.50/- रुपये के हिसाब से कुल विधुत बिल मु0 18,200/- रुपया बनता है तथा मीटर रीडिंग के आधार पर विधुत बिल वसूल किये जाने और आर0सी0 निरस्त किये जाने की याचना की गयी है ।

     विपक्षी विधुत विभाग की ओर से श्री सन्तोष कुमार अधिशाषी अभियन्ता विधुत वितरण खण्ड झींझक, कानपुर देहात ने अपने साक्ष्य शपथपत्र के पैरा-3 में यह अभिकथन किया है कि वादी का घरेलू (बत्ती पंखा) विधुत संयोजन खाता संख्या- 781718488855 में संशोधित बिल उपभोग रीडिंग का विभागीय नियमानुसार रु0 28,888/- रुपये का बिल माह जुलाई 2022 तक का बना है जो कि पूर्णतया सही व उचित है, जिसके जमा किये जाने की जिम्मेदारी वादी की है । इसके खण्डन में परिवादी ने कोई साक्ष्य प्रतिशपथपत्र प्रस्तुत नहीं किया है । विपक्षी ने अपनी लिखित बहस में यह तर्क प्रस्तुत किया है कि परिवादी को विधुत बिल उपभोग रीडिंग के आधार पर प्रत्येक माह उपलब्ध कराये गये हैं । उपभोक्ता का संयोजन विच्छेदन की कार्यवाही विधुत बिल बकाये होने के कारण विभागीय नियमानुसार की गयी है, उपभोग रीडिंग का संशोधित बिल माह जुलाई 2022 तक 28,888/- रुपये का दिया गया है । महत्वाकांक्षी योजना ओ0टी0एस0 2023-24 के तहत विधुत बिल में शत प्रतिशत सरचार्ज माफी का लाभ लेते हुये वादी भुगतान कर सकता था परन्तु वादी ने विधुत बिल भुगतान करने में कोई रुचि नहीं दिखायी, जिसके कारण वादी के विरुद्ध बकाया बिल के सम्बन्ध में आर0सी0 जारी की गयी ।

     उभयपक्षों के अभिवचनों एवं साक्ष्य शपथपत्र व अन्य प्रपत्रों तथा परिवादी द्वारा जमा किये गये बिलों का अवलोकन किये जाने के पश्चात यह प्रतीत होता है कि विपक्षीगण द्वारा परिवादी की सेवा में कमी की गयी है अतएव परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने के योग्य है ।    

आदेश

     परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण द्वारा जारी आर0सी0 मु0 52,516/- रुपये को निरस्त करते हुये विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि परिवादी से प्रत्येक माह, मीटर रीडिंग के आधार पर उपभोग किये गये विधुत बिल संशोधित करते हुये, परिवादी द्वारा जमा किये गये विधुत बिलों की धनराशि को समायोजित करते हुये संशोधित बिल जारी कर, परिवादी से संशोधित बिल की धनराशि को, बिल जारी किये जाने की तिथि से एक माह के अन्दर जमा करायें तथा परिवादी को हुयी मानसिक क्षति व वाद व्यय के एवज में 5,000/- (पाँच हज़ार) रुपया भी विपक्षीगण द्वारा परिवादी को अदा किया जाये ।

 

                ( सुश्री कुमकुम सिंह )         ( हरिश चन्द्र गौतम )        ( मुशीर अहमद अब्बासी )

                        म0 सदस्य                         सदस्य                                  अध्यक्ष

             जिला उपभोक्ता आयोग      जिला उपभोक्ता आयोग       जिला उपभोक्ता आयोग

                     कानपुर देहात                  कानपुर देहात                      कानपुर देहात

प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।

 

               ( सुश्री कुमकुम सिंह )       ( हरिश चन्द्र गौतम )       ( मुशीर अहमद अब्बासी )

                      म0 सदस्य                            सदस्य                             अध्यक्ष

             जिला उपभोक्ता आयोग      जिला उपभोक्ता आयोग       जिला उपभोक्ता आयोग

                    कानपुर देहात                    कानपुर देहात                 कानपुर देहात

दिनांक:- 25.06.2024

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