Shri Rahul Kumar filed a consumer case on 14 Sep 2018 against Sony India in the Muradabad-II Consumer Court. The case no is CC/34/2014 and the judgment uploaded on 24 Sep 2018.
न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-द्वितीय, मुरादाबाद
परिवाद संख्या-34/2014
राहुल कुमार पुत्र श्री सीपी सिंह निवासी हाल ए-69 निकट गांधी नगर पब्लिक स्कूल गांधी नगर मुरादाबाद। …...परिवादी
बनाम
1-सोनी इंडिया द्वारा अपने अध्यक्ष/प्रबन्ध निदेशक पंजीकृत कार्यालय ए-31 मोहन कोआपरेटिव इंडस्ट्रीज एस्टेट मथुरा रोड नई दिल्ली-110044
2-फिलिप कार्ट कॉम डब्ल्यू एस रिटेल सर्विसेज प्रा.लि. वेयर हाउस एड्रेस खसरा सं.-435 रोड नं.-06 04 लाल पारा एक्सटेंशन महीपाल देहली-110037 द्वारा अपने प्रबन्ध निदेशक/प्रबन्धक।
3-यूनिक क्वालिटी एक्सपोर्टस द्वारा अपने प्रबन्धक सोनी ऑथोराइज्ड सर्विस सेंटर 4 नेहर रोड निकट कचहारी मेरठ।
4-प्रबन्धक जय इंजीनियरिंग वर्क्स सोनी इंडिया के अधिकृत विक्रेता कार्यालय लवीना रेस्टोरेंट के सामने रामपुर रोड मुरादाबाद। …. विपक्षीगण
वाद दायरा तिथि: 30-01-2014 निर्णय तिथि: 14.09.2018
उपस्थिति
श्री लियाकत अली, अध्यक्ष
श्री सत्यवीर सिंह, सदस्य
(श्री लियाकत अली, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
निर्णय
यह परिवाद सोनी एक्सपेरिया जेट टेवलेट बदलने के लिए विकल्प में उसकी कीमत अंकन-42740/-रूपये मय 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज और 10 हजार रूपये क्षतिपूर्ति पाने के लिए विपक्षीगण के विरूद्ध दायर किया है।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी-2 से विपक्षी-1 द्वारा निर्मित सोनी एक्सपेरिया जेट टेवलेट जून, 2013 में अंकन-42740/-रूपये में खरीदा। उक्त टेवलेट ने आरम्भ से ही सही कार्य नहीं किया, उसमें चलते-चलते बन्द हो जाने, आवाज करने, स्क्रीन का क्लीयर न आना आदि समस्यायें व्याप्त थीं, जिसकी शिकायत परिवादी ने विपक्षी-1 व 2 से की। विपक्षी-2 ने परिवादी को आश्वासन दिया कि उनके इंजीनियर परिवादी के घर जाकर टेवलेट ठीक कर देंगे लेकिन कोई इंजीनियर परिवादी के निवास पर नहीं आया। विपक्षी-2 के निर्देश पर परिवादी ने दिनांक 05-8-2013 को प्रश्नगत टेवलेट विपक्षी-3 को दिखाया। विपक्षी-3 ने परिवादी को अवगत कराया कि प्रश्नगत टेवलेट में सोनी कंपनी द्वारा निर्मित पुर्जे नहीं हैं, लोकल पुर्जें पड़े हैं, टेवलेट का ठीक होना संभव नहीं है। परिवादी ने इस तथ्य की जानकारी स्वयं व नोटिस द्वारा विपक्षी-2 को दी और उक्त टेवलेट बदलने का अनुरोध किया। विपक्षी-2 के पत्र के द्वारा विपक्षी-1 से भी संपर्क किया। विपक्षी-1 के इंजीनियर दिनांक 02-01-2014 को परिवादी के निवास पर आये और उसने भी यह बताया कि कथित टेवलेट का ठीक होना संभव नहीं है। विपक्षी-1 ने प्रश्नगत टेवलेट बदलने अथवा उसकी कीमत वापस करने से इंकार कर दिया। इस कारण परिवादी ने यह वाद दायर किया है।
विपक्षी-1 ने अपने प्रतिवाद पत्र में कहा है कि विपक्षी-1 अपने उत्पाद पर एक वर्ष की वारंटी देता है और वारंटी अवधि में अपने उत्पाद की निशुल्क मरम्मत कराता है। विपक्षी-3 के इंजीनियर ने दिनांक 08-8-2013 को प्रश्नगत टेवलेट का निरीक्षण किया और यह पाया कि प्रश्नगत टेवलेट Due Extertnal Cause of liquid ingression के कारण खराब हुआ है। उक्त टेवलेट की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं थी और टेवलेट का खराब होना उसकी वारंटी की सीमा के अन्तर्गत नहीं आता है। विपक्षी-1 ने परिवादी को 33 प्रतिशत छूट पर नया टेवलेट बदलकर देने के लिए कहा। परिवादी के नोटिसों का जबाव विपक्षी-1 ने दिया। परिवादी ने किसी एक्सपर्ट की रिपोर्ट दाखिल नहीं की, एक्सपर्ट रिपोर्ट के आधार पर ही यह वाद निर्णीत हो सकता है। परिवादी ने दुर्भावना से यह वाद दायर किया है, जो मय खर्चा खारिज होने योग्य है।
विपक्षी-2 ने अपने प्रतिवाद पत्र में कहा है कि कथित टेवलेट विपक्षी-1 द्वारा निर्मित है और विपक्षी-2 केवल उसका विक्रेता है। परिवादी को जब उक्त टेवलेट उपलब्ध कराया गया था तब उसमें कोई दोष नहीं था। विपक्षी-2 के विरूद्ध वाद पोषणीय नहीं है।
विपक्षी-3 ने समन तामील होने के बावजूद भी अपना प्रतिवाद पत्र दाखिल नहीं किया और न वाद की पैरवी की, इस कारण दिनांक 29-10-2014 को विपक्षी-3 के विरूद्ध एकपक्षीय सुनवाई का आदेश पारित हुआ।
विपक्षी-4 ने वाद निरस्त करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया, जो दिनांक 27-11-2014 को विपक्षी-4 की अनुपस्थित के कारण निरस्त हुआ। विपक्षी-4 ने कोई प्रतिवाद पत्र दाखिल नहीं किया।
परिवादी ने अपने साक्ष्य में प्रश्नगत टेवलेट की रसीद, जॉबशीट, विपक्षी के पत्र की छायाप्रति, नोटिस की छायाप्रति तथा अपना शपथपत्र दाखिल किया है।
विपक्षी-1 ने अपने साक्ष्य में कु. मीना बोस का शपथपत्र दाखिल किया है और विपक्षी-2 ने श्रीमती अनुश्री सक्सैना का शपथपत्र दाखिल किया है।
हमने पक्षकारान के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी और पत्रावली का पूर्ण रूप से अवलोकन किया।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने अपनी बहस में परिवाद पत्र को दोहराते हुए तर्क दिया कि प्रश्नगत टेवलेट में लोकल पुर्जें हैं, जिसको विपक्षी-3 के इंजीनियर ने निरीक्षण के समय बताया और यह भी बताया कि प्रश्नगत टेवलेट ठीक होने योग्य नहीं है। इस टेवलेट ने आरम्भ से ही ठीक से कार्य नहीं किया, इसलिए विपक्षीगण उसको बदलने के लिए जिम्मेदार हैं।
विपक्षी-1 व 2 के विद्वान अधिवक्ता ने अपनी बहस में प्रतिवाद पत्र को दोहराते हुए तर्क दिया कि प्रश्नगत टेवलेट Due Extertnal Cause of liquid ingression के कारण खराब हुआ है। परिवादी कोई क्षतिपूर्ति विपक्षीगण से पाने का अधिकारी नहीं है और न ही वह दूसरा टेवलेट बदले में पाने का अधिकारी है। विपक्षी-1 के विद्वान अधिवक्ता ने यह भी तर्क दिया कि विपक्षी-4 का इस वाद से कोई संबंध नहीं है। विपक्षी-1, 2 व 3 न तो जनपद मुरादाबाद में व्यवसाय करते हैं और न ही यहां के निवासी हैं। इसलिए इस फोरम को क्षेत्राधिकार नहीं है। परिवादी ने स्वयं प्रश्नगत टेवलेट ऑन लाईन देहली से खरीदा है, इसलिए इस फोरम को परिवाद सुनने का क्षेत्राधिकार नहीं है। परिवाद गलत तथ्यों पर आधारित है, खारिज होने योग्य है।
स्वीकृत रूप से विपक्षी-1, 2 व 3 मुरादाबाद जनपद के निवासी नहीं हैं और न परिवादी ने ऐसा कोई साक्ष्य दिया है कि वह अपना व्यवसाय जनपद मुरादाबाद की सीमा में करते हों। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के पैरा-6 में यह लिखा है कि विपक्षी-1 के इंजीनियर दिनांक 02-01-2014 को परिवादी के निवास पर आये और उसने प्रश्नगत टेवलेट का निरीक्षण किया।
विपक्षी-1 ने अपने प्रतिवाद पत्र के पैरा-6 में इस तथ्य को स्वीकार किया है कि उसके इंजीनियर ने परिवादी के निवास स्थान पर मुरादाबाद में दिनांक 02-01-2014 को प्रश्नगत टेवलेट का निरीक्षण किया। अतएव विपक्षी-1 के इंजीनियर द्वारा दिनांक 02-01-2014 को परिवादी के निवास स्थान जनपद मुरादाबाद में प्रश्गनत टेवलेट का निरीक्षण करने से इस फोरम को प्रस्तुत परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त है।
प्रश्नगत टेवलेट का विपक्षी-2 विक्रेता है और विपक्षी-1 निर्माता है। विपक्षी-1 की बयान तहरीरी के पैरा-7 के अनुसार प्रश्नगत टेवलेट Due Extertnal Cause of liquid ingression के कारण खराब हुआ है और वह उपयोग योग्य नहीं है। प्रश्नगत टेवलेट स्वीकृत रूप से उपयोग योग्य नहीं है और उसकी मरम्मत नहीं की जा सकती है। विपक्षी-1 ने स्वयं अपने प्रतिवाद पत्र के पैरा-7 में परिवादी को यह आफर दिया है कि वह प्रश्नगत टेवलेट के बदले 33 प्रतिशत डिस्काउन्ट पर नया टेवलेट फुल वारंटी के साथ विपक्षी-1 से प्राप्त कर सकता है।
विपक्षी-3 के इंजीनियर ने स्वयं प्रश्नगत टेवलेट का निरीक्षण किया है और निरीक्षण के समय प्रश्नगत टेवलेट खराब पाया लेकिन विपक्षीगण ने विपक्षी-3 के इंजीनियर की कथित निरीक्षण रिपोर्ट पत्रावली पर दाखिल नहीं की है। परिवादी के अनुसार प्रश्नगत टेवलेट ने आरम्भ से ही ठीक कार्य नहीं किया और उक्त टेवलेट रिपेयर योग्य भी नहीं है। ऐसी स्थिति में परिवादी प्रश्नगत टेवलेट के बदले नया टेवलेट विपक्षी-1 व 2 से पाने का अधिकारी है। तद्नुसार परिवाद विपक्षी-1 व 2 के विरूद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
परिवाद आंशिक रूप से विपक्षी-1 व 2 के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी-1 व 2 को आदेशित किया जाता है कि वे प्रश्नगत टेवलेट के बदले नया टेवलेट एक माह में परिवादी को उपलब्ध करायें अथवा उक्त टेवलेट की कीमत अंकन-42740/-रूपये परिवादी को अदा करें। विपक्षी-1 व 2 अंकन-8000/-रूपये क्षतिपूर्ति व वाद व्यय भी परिवादी को अदा करें अन्यथा विपक्षी-1 व 2 टेवलेट की कीमत पर दौरान मुकदमा तावसूली 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी परिवादी को अदा करने के लिए जिम्मेदार होगें।
(सत्यवीर सिंह) (लियाकत अली)
आज यह निर्णय एवं आदेश हमारे द्वारा हस्ताक्षरित तथा दिनांकित होकर खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।
(सत्यवीर सिंह) (लियाकत अली)
दिनांक: 14-09-2018
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