जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या-431/2019
उपस्थित:-श्री अरविन्द कुमार, अध्यक्ष।
श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-02.05.2019
परिवाद के निर्णय की तारीख:-22.03.2021
Poonam Yadav Wife of Mohit Yadav, Resident of 5/122, Viram Khand, Gomti Nagar,Lucknow. ............Complainant.
Versus
1-Sony India Private Limited, Regd, Office-A-18, Mohan Co-operative, Industrial Estate, Mathura Road, New Delhi-110044, India.
2-Globe Enterprises, B1/IA, Before New Hanuman Mandir, Kapoorthala, Sector-F, Aliganj, Luckow-226024.
3-Sony authorized service centre, Sony care, Flat No.1, Ground Floor, C-994, Sector-B, Mahanagar, Lucknow.
...............Opp. Parties.
आदेश द्वारा- श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्य।
निर्णय
परिवादिनी ने प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण से टी0वी0 को बदलने, क्षतिपूर्ति के रूप में 1,00,000.00 रूपया दिलाये जाने तथा वाद व्यय के लिये उचित भुगतान दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी व उनके पति द्वारा एक सोनी ब्रेबिया टी0वी0, सोनी कम्पनी के लखनऊ स्थित अलीगंज एजेन्सी से दिनॉंक 08.03.2018 को क्रय किया था, परन्तु टी0वी0 क्रय करने के कुछ ही दिन बाद उसमें घटिया प्रदर्शन होने लगा और एक काला धब्बा स्क्रीन पर आने लगा। परिवादिनी के पति द्वारा एक शिकायत दर्ज करायी गयी जिस पर टी0वी0 को सर्विस सेन्टर ले जाया गया और कुछ कमियॉं दूर करके पुन: वापस स्थपित कर दिया गया। परन्तु कमी यथावत बनी रही और वह काला धब्बा लगातार आता रहा। पुन: परिवादिनी द्वारा एक शिकायत दिनॉंक 11.02.2018 को दर्ज गरायी गयी जिस पर सर्विस सेन्टर द्वारा अवगत कराया गया कि टी0वी0 का पैनल खराब है, जिसे बदलकर टी0वी0 लौटाया गया। परन्तु उसमें शिकायत बनी रही और टी0वी0 का प्रदर्शन ठीक नहीं हुआ। सर्विस सेन्टर के इंजीनियर द्वारा शिकायत होने पर दूसरे टी0वी0 से परिवादिनी की टी0वी0 की तुलना करके देखा गया जिसमें कमी दृष्टिगोचर हुई, परन्तु एक सप्ताह बाद पुन: अवगत कराया गया कि टी0वी0 अब ठीक है। परिवादिनी द्वारा इस पर स्पष्ट रूप से अवगत करा दिया गया कि जब तक टी0वी0 पूर्ण रूप से ठीक नहीं होगा तब तक उसे वह वापस नहीं लेगी। जबकि सर्विस सेन्टर द्वारा दबाव बनाया जा रहा था कि वह टी0वी0 वापस ले जाए। परिवादिनी द्वारा ई-मेल के माध्यम से विपक्षी संख्या 01 व 02 को सूचित करते हुए शिकायत दर्ज करायी गयी परन्तु उनकी शिकायत पर कोई ध्यान न देते हुए उसका समाधान नहीं किया गया। इसलिये वह टी0वी0 को बदले जाने तथा क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय प्राप्त करने की हकदार है।
विपक्षीगण ने अपना उत्तर पत्र प्रस्तुत करे हुए कथन किया कि विपक्षी संख्या 01 कम्पनी है और विपक्षी संख्या 02 एक अधिकृत डीलर है और विपक्षी संख्या 03 अधिकृत सर्विस सेन्टर है और उत्तर सोनी इण्डिया प्रा0 लि0 के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। उनका कथन है कि परिवादिनी द्वारा जो सोनी ब्रेबिया टी0वी0 89990.00 रूपये में क्रय किया था। उसकी वारन्टी एक वर्ष की थी और कमी की शिकायत सर्विस सेन्टर द्वारा दूर किया गया तथा टी0वी0 का पैनल बदल दिया गया जो पूर्ण रूप से नि:शुल्क था। पुन: परिवादिनी के शिकायत करने पर सर्विस सेन्टर द्वारा टी0वी0 का परीक्षण किया गया, जिसमें पाया गया कि टी0वी0 बिल्कुल ठीक हालत में प्रदर्शन कर रहा है और उसमें कोई कमी नहीं रह गयी है, जिसकें संबंध में परिवादिनी को सूचित किया गया और अवगत कराया गया कि टी0वी0 बदला नहीं जा सकता अत: टी0वी0 ले जाकर अपने यहॉं स्थापित करें। परिवादी द्वारा एक झूठा दावा किया गया है और टी0वी0 के बदलने की उनकी मॉंग गलत है जिसे पूर्ण नहीं किया जाना चाहिए। परिवादिनी द्वारा इस तरह का कोई दस्तावेज प्रस्तत नहीं किया गया है कि टी0वी0 में कोई यांत्रिक त्रुटि है या उसमें कोई ठोस कमी है। विपक्षीगण द्वारा सेवा में किसी प्रकार की कमी नहीं की गयी है। अपने कथन के समर्थन में विपक्षीगण द्वारा राज्य आयोग तथा राष्ट्रीय आयोग के कुछ निर्णयों का हवाला देते हुए अवगत कराया है कि परिवाद में कोई बल नहीं है एवं निरस्त होने योग्य है।
पत्रावली के अवलोकन से प्रतीत होता है कि परिवादिनी द्वारा जो सोनी ब्रेबिया टी0वी0 सोनी कम्पनी के लखनऊ स्थित एजेन्सी से दिनॉंक 08.03.2018 को क्रय किया गया था वह कुछ माह बाद ही घटिया प्रदर्शन करने लगा और उसमें एक काला धब्बा स्क्रीन पर आने लगा। परिवादिनी के पति ने शिकायत दर्ज करायी तो मामूली कमी दर्शाते हुए टी0वी0 को वापस कर दिया गया, पर उसमें कमी दूर नहीं हुई, तथा पुन: शिकायत करने पर टी0वी0 का पैनल बदलकर वापस स्थापित कर दिया गया। फिर भी कमी दूर नहीं हुई तो पुन: सर्विस स्टेशन ले जाया गया परन्तु परिवादिनी टी0वी0 के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हुई इसलिए उसे वापस लेने से इनकार किया और स्पष्ट कर दिया कि टी0वी0 जब पूर्ण रूप से ठीक हो जायेगा तभी वह उसे वापस लेगी। विपक्षीगण द्वारा अपने कथन में कहा गया है कि टी0वी0 को ठीक कर दिया गया है और उसमें अब कोई कमी नहीं रह गयी है और परिवादीगण जानबूझकर टी0वी0 वापस नहीं ले रहे हैं तथा उनके द्वारा टी0वी0 को बदलने हेतु बाध्य किया जा रहा है। परिवादिनी द्वारा क्रय की गयी टी0वी0 वारन्टी अवधि में था और वारन्टी अवधि में क्रय की गयी वस्तु में जो भी कमी आती है वह कम्पनी/विक्रेता की जिम्मेदारी होती हैऔर उनका दायित्व होता है कि वह उस वस्तु में आयी कमी को दूर कर उपभोक्ताओं की संतुष्टि पर उसे उपलब्ध कराये। परिवादिनी द्वारा क्रय की गयी टी0वी0 में वारन्टी अवधि में बार-बार खराबी उत्पन्न हुई है और क्रय करने के कुछ ही माह बाद ही उसमें घटिया प्रदर्शन होने लगा, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि उपरोक्त सोनी ब्रेबिया टी0वी0 में कोई यांत्रिक व निहित कमी रही होगी जिसकी वजह से उसमें बार-बार खराबी आती रही। सोनी कम्पनी एक अन्तराष्ट्रीय ख्याति की कम्पनी है और कम्पनी को अपनी ख्याति तथा साख को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ता को भी उतना ही महत्व देते हुए उपभोक्ता को राहत पहुँचाना चाहिए। कदाचित इस मामले में विक्रेता/कम्पनी द्वारा इसका ध्यान नहीं रखा गया है और अपनी साख एवं ख्याति के विपरीत कार्य किया गया है। सोनी ब्रेबिया टी0वी0 जो एक कीमती टी0वी0 की श्रेणी में आता है उसमें बार बार कमी आना यह दर्शाता है कि उसमें कोई यांत्रिक तथा निहित कमी रही होगी। सोनी कम्पनी जैसी ख्याति प्राप्त कम्पनी के स्तर पर यह उत्तरदायित्व बनता है कि उसे अपने उपभोक्ता के हितों के संरक्षण में अधिकतम राहत प्रदान करते हुए उपभोक्ता की संतुष्टि तक तथा उस वस्तु को ठीक/बदल दें। उपरोक्त सोनी ब्रेबिया टी0वी0 में कई बार कमी आयी है और यहॉं तक कि टी0वी0 का पैनल जो टी0वी0 का सबसे महत्वपूर्ण अंग है उसे भी बदलना पड़ा है, से स्पष्ट है कि उक्त सोनी ब्रेबिया टी0वी0 में निश्चित रूप से कुछ यांत्रिक व निहित कमी रही होगी। ऐसी परिस्थिति में सोनी कम्पनी एवं उनके द्वारा स्थापित एजेन्सी को उपभोक्ता की संतुष्टि तक उसे राहत दिया जाना उचित प्रतीत होता है। अत: परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाना औचित्यपूर्ण प्रतीत होता है।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादिनी की त्रुटिपूर्ण टी0वी0 को बदलकर उसी ब्रैण्ड या उसके समतुल्य वर्तमान में प्रचलित सोनी कम्पनी का नया टी0वी0 मॉडल (ब्राण्ड) का निशुल्क वाद में निर्णय की तिथि से 45 दिन के अन्दर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें तथा परिवादिनी को हुए मानसिक तथा शारीरिक कष्ट के लिये क्षतिपूर्ति के रूप में मुबलिग 25,000.00 (पच्चीस हजार रूपया मात्र) तथा वाद व्यय के लिये मुबलिग 10,000.00 (दस हजार रूपया मात्र) अदा करना सुनिश्चित करें। यदि उक्त अवधि में आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो सोनी टी0वी0 के वर्तमान ब्राण्ड के टी0वी0 के मूल्य पर तथा अन्य देयों पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज वाद दायर होने की तिथि से भुगतान की तिथि तक भुगतेय होगा।
(अशोक कुमार सिंह) (अरविन्द कुमार)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।