जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
अभिनीत चैधरी(नाबालिग) जरिए प्राकृतिक पिता एवं अग्रिम मित्र पुष्पेन्द सिंह चैधरी, निवासी- बजरंग काॅलोनी, सोनी नगर के पास, फायसागर रोड, अजमेर - 305004
- प्रार्थी
बनाम
1ण् ज्ीम डंदंहमतए ैवदल प्दकपं च्अजण् स्जकए ।.31एडवींद ब्व. व्चमतंजपअम प्दकनेजतपंस म्ेजंजमए डंजीनतं त्वंकए छमू क्मसीप.110044
2ण् ज्ीम डंदंहमतए छमींस ज्मबीदव ैमतअपबम ैवदल ैमतअपबम ब्मदजतमए व्चचण्त्ंउउ ठींूंदए टंतेीं च्ंसंबमए ैीेतजप छंहंत त्वंकए ।रउमत.305001
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 51/2015
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री पुष्पेन्द्र चैधरी, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री अजय कुमार वर्मा, अधिवक्ता अप्रार्थीगण
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 09.06.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसने अप्रार्थी कम्पनी सोनी का एक मोबाईल दिनांक 30.4.2014 को क्रय किया । उक्त मोबाईल में नो- डिस्प्ले की खराबी होने के कारण उसने अप्रार्थी संख्या 2 के यहां दिनंाक 28.9.2014 को उक्त सैट ठीक करने के लिए दिया । जिसे दिनंाक 4.10.2014 को यह कहते हुए दे दिया कि मोबाईल की समस्त तकनीकी खराबियां ठीक कर दी गई है । किन्तु दिनंाक 6.10.2012 को मोबाईल में हीटिंग होने के कारण पुनः अप्रार्थी संख्या 2 के यहां उक्त सैट दिया गया । जिसे दिनंाक 10.10.2014 को पुनः यह आष्वासन के साथ दिया कि अब कोई खराबी नहीं होगी । पुनः दिनांक 12.10.2012 को मोबाईल में पुन‘ हीटिंग की खराबी होने के कारण दिनंाक 13.10.2014 को अप्रार्थी संख्या 2 के यहां षिकायत दर्ज कराई । किन्तु अप्रार्थी संख्या 2 ने खराबी दुरूस्त करने से मना कर दिया और यह बताया कि यदि प्रार्थी 2000/- की राषि अदा करें तो प्रष्नगत मोबाईल के स्थान पर दूसरा मोबाईल दिया जा सकता है । इसकी षिकायत अप्रार्थी संख्या 1 से की गई । तत्पष्चात् उसने दिनंाक 14.10.2014 को विधिक नोटिस भी अप्रार्थीगण को दिया गया। किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई । अप्रार्थीगण के उक्त कृत्य को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थीगण ने प्रतिउत्तर में प्रार्थी द्वारा प्रष्नगत मोबाईल दिनंाक 30.4.2014 को खरीदना स्वीकार किया व एक वर्ष की वारण्टी विहित ष्षर्तो के तहत दिया जाना अभिकथित करते हुए प्रार्थी द्वारा मोबाईल खरीदने के 5 माह बाद अप्रार्थी संख्या 2 के समक्ष दिनांक 29.9.2015 को टच स्क्रीन काम नहीं करने की खराबी के संबंध में सम्पर्क करना बताया । यह भी बताया कि सर्विस इंजीनियर ने निरीक्षण के बाद सैट के हार्डवेयर में कुछ समस्या आना पाया व विवादित हिस्सा तत्समय बिना किसी कीमत के बदलना बताया । प्रार्थी का दिनंाक 6.10.2012 को पुनः सैट में चार्जिंग के समय गर्म होने बाबत् षिकायत लेकर आना स्वीकार किया व सर्विस इंजीनियर द्वारा उक्त खराबी को स्वीकार कते हुए इसे दूर कर दिनांक 9.10.2014 को उक्त सैट प्रार्थी को उसकी सन्तुष्टी पर सौपा जाना बताया । आगे बताया कि प्रार्थी द्वारा दिनांक 9.10.2014 के बाद अप्रार्थी संख्या 2 के समक्ष कभी भी सम्पर्क नहीं किया गया व सीधे ही 12.10.2014 को मोबाईल में खराबी बताते हुए लीगल नोटिस दिया गया, जिस जवाब भी दे दिया गया । विनिष्चय ।प्त् 1996 ैब् 2508 ठींतंजीप ज्ञदपजजपदह ब्व टे ब्क्भ्स् ॅवतसकूपकम म्गचतमेे ब्वनतपमत क्पअपेपवद व ि।पततिमपहीज स्जक ंदक ;1997द्धप्प् ब्च्श्र 81;छब्द्ध च्नदरंइ ज्तंबजवते स्जक टे टपत च्तंजंच उद्वरत करते हुए इन हालात को देखते हुए प्रार्थी किसी प्रकार का अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं होना बताया व परिवाद निरस्त होने योग्य बताया । जवाब परिवाद के समर्थन में श्री प्रियंक चैहान का ष्षपथपत्र पेष हुआ है ।
3. उभय पक्षकारान ने अपने अपने अभिवचनों के समर्थन में दर्षागए गए तथ्यों को ही तर्को के रूप् में प्रस्तुत करते हुए बहस की है कि एक ओर जहा प्रार्थी ने मोबाईल के बार बार खराब हो जाने व दिनंाक 13.10.2014 को इसकी षिकायत दर्ज करवाने पर आई खराबी को ठीक करने के स्पष्ट मना करना बताते हुए उनकी सेवाओं में दोष का परिचायक होना बताया व वांछित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की । वहीं अप्रार्थीगण की ओर से इन तर्को का खण्डन करते हुए प्रष्नगत मोबाईल को समय समय पर दुरूस्त कर प्रार्थी को अब किसी प्रकार का कोई अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नही ंहोना बाताया ।
3. हमने परस्पर तर्को को सुन लिया हैं व परिवाद में उपलब्ध अभिलेखों का भी अवलोकन कर लिया है ।
4. स्वीकृत तथ्य अनुसार प्रार्थी ने अप्रार्थी कम्पनी से प्रष्नगत मोबाईल दिनंाक 30.4.2014 को जरिए इन्वाईस एक वर्ष की वारण्टी अवधि के साथ क्रय किया । उसने प्रष्नगत मोबाईल को अप्रार्थी संख्या 2 जो अपा्रर्थी संख्या 1 का सर्विस सेन्टर है, के समक्ष सर्वप्रथम वारण्टी अवधि के अन्दर दिनांक
29.9.2014 को अप्रार्थी संख्या 2 को सैट में नो-डिस्प्ले की खराबी होने के साथ ठीक करने हेतु दिया है। जिसकी पुष्टि जाॅबषीट दिनंाक 29.9.2014 से भली भांति होती है । इसमें कस्टमर की षिकायत के रूप में सर्विस सेन्टर द्वारा नो-डिस्प्ले अंकित किया गया है । प्रार्थी द्वारा दिनांक 6.10.02014 को पुनः मोबाईल में हीटिंग होने की खराबी के साथ अप्रार्थी संख्या 2 को दिखाया गया है तथा इसकी पुष्टि उनकी जाॅबषीट दिनंाक 6.10.2014 से होती है । जिसके अन्तर्गत कस्टमर की षिकायत के रूप में मोबाईल हीटिंग बताया गया है व ।ैब् ब्वउउमदजे रू हीटिंग समस्या स्वीकार की गई है । प्रार्थी ने दिनंाक 12.10.2014 को पुनः माूबाईल में हिटिंग समस्या होने के कारण इस संबंध में दिनांक 13.10.2014 को अप्रार्थी संख्या 2 के समक्ष षिकायत दर्ज करवाना बताया है । तथा अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा इस तकनीकी खराबी को स्पष्ट रूप से मना करना कहा गया है । हालांकि इसकी पुष्टि हेतु किसी प्रकार की कोई जाॅबषीट प्रस्तुत नहीं हुई है । किन्तु इस बाबत् प्रार्थी के सषपथ कथन एवं उक्त प्रष्नगत मोबाईल की विगत परिस्थितियों को देखते हुए तथा इस बाबत् दिए गए लीगल नोटिस को देखते हुए कहा जा सकता है कि उक्त मोबाईल में पुनः खराबी आई थी व यह खराबी वारण्टी षर्तो के अधीन थी । यहां अप्रार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता की इस दलील से मंच सहमत नहीं है कि उक्त खराबी वारण्टी की ष्षर्तो के अधीन नहीं थी ।
5. कुल मिलाकर जिस प्रकार की स्थिति प्रार्थी ने प्रष्नगत मोबाईल के खरीदने के बाद वारण्टी अवधि में बताई है, को देखते हुए कहा जा सकता है कि ऐसा अप्रार्थीगण की दोषपूर्ण सेवाओं का परिणाम है । इन हालात में प्रार्थी का परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है । अतः आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
6. (1) प्रार्थी अप्रार्थीगण से संयुक्त व पृथक पृथक रूप से जरिए इन्वाईस संख्या 6610 दिनांक 30.4.2014 को क्रय किए गए सोनी मोबाईल की क्रय राषि रू. 12,800/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थीगण से संयुक्त व पृथक पृथक रूप से मानसिक क्षतिपूर्ति के पेटे रू.5000/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थीगण संयुक्त व पृथक पृथक रूप से प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 09.06.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष