Rajasthan

Ajmer

CC/45/2013

ANIL KUMAR GOYAL - Complainant(s)

Versus

SONIC ELECTRONIC - Opp.Party(s)

ADV ANIL GAUR

09 Feb 2017

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/45/2013
 
1. ANIL KUMAR GOYAL
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. SONIC ELECTRONIC
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 09 Feb 2017
Final Order / Judgement

जिला    मंच,     उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

अनिल कुमार गोयल पुत्र श्री मुन्ना लाल गोयल, उम्र-करीबन 44 वर्ष, जाति-अग्रवाल, निवासी- मकान नं. 28,ष्यामनगर,काली मंदिर के पीछे, फाईसागर रोड, अजमेर । 
                                                -         प्रार्थी
                           बनाम

1. प्रभारी अधिकारी, सोनीक इलेक्ट्रोनिक, उदय ज्योति बिल्डिंग, इण्डिया मोटर सर्किल, अजमेर। 
2. प्रभारी अधिकारी, सोनी इण्डिया प्रा.लि., ए-31, मोहन कोआपरेटिव इण्डस्ट्रीयल ऐस्टेट, मथुरा रोड, नई दिल्ली-44

                                              -       अप्रार्थीगण
                 परिवाद संख्या 45/2013  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री अनिल गौड़, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री अजय वर्मा,  अधिवक्ता अप्रार्थी सं.2
                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 17.02.2017
 
1.             संक्षिप्त तथ्यानुसार प्रार्थी ने दिनंाक 6.9.2012को अप्रार्थी संख्या 1 से  जरिए इन्वाईस संख्या  1261 के  एक डिजिटल स्टील कैमरा रू. 6490/- में क्रय किए जाने के उपरान्त  जब कैमरे ने सुचारू रूप से कार्य नहीं किया तो इसकी षिकायत अप्रार्थी संख्या 1 से करने पर उसने कैमरे की  बैटरी को पूर्ण रूप से चार्ज कर कैमरे में लगाई तथा  इसके बाद प्रार्थी अपने परिवार के साथ घूमने  गया और कैमरे से फोटो खींचनी चाही ।  किन्तु कैमरे  में किसी प्रकार का कोई फंक्षन नहीं हुआ   जिससे कि फोटो नहीं खींची जा सकी ।  यात्रा से लौटाने के बाद उसने दिनंाक 20.9.2012,19.11.2012 व 3.12.2012 को व्यक्तिगत मिलने  तथा अधिवक्ता के जरिए दिए गए नोटिस के बावजूद उसकी षिकायत का निवारण नहीं कर अप्रार्थीगण ने सेवा में कमी कारित की है । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र पेष किया है ।    
2.    अप्रार्थी  संख्या 1 बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुआ और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थी संख्या 1 के विरूद्व दिनांक  27.2.2013 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई । 
3.    अप्रार्थी संख्या 2  ने प्रतिउत्तर में प्रारम्भिक आपत्तियों के  रूप में बताया है कि परिवाद आधारहीन व अप्रार्थी संख्या 2 की साख व हितों को नुकसान पहुंचाने के आषय से पेष किया गया है, जो अस्वीकार किए जाने योग्य है । परिवाद में  दर्षाए गए तथ्य असत्य होने के कारण  खारिज होने योग्य है । प्रष्नगत उत्पाद वारण्टी के अधीन नहीं था अपितु इसमें तथाकथित खराबी बाहरी प्रयोग के कारण सामने आई थी ।  वारण्टी ष्षर्तो के अन्तर्गत अप्रार्थी मात्र किसी भी उत्पाद को वारण्टी ष्षर्तो के अधीन दुरूस्त करने के लिए  उत्तरदायी है । वास्तविक तथ्यों के अनुसार प्रार्थी ने इस मामले में  उपभोक्ता अधिनियम  के माध्यम से नोटिस दिए जाने के बाद अप्रार्थी द्वारा भेजे गए प्रतिनिधि से सम्पर्क किया था । इसके बावजूद उसके द्वारा हस्तगत परिवाद दायर किया गया है । पैरावाईज जवाब में भी  इन्हीं तथ्यों का समावेष किया जाकर  प्रार्थी ने सर्वप्रथम  दिनंाक 19.11.2012  को अप्रार्थी संख्या 2 से सम्पर्क किया था तथा इससे पूर्व उसके द्वारा कोई सम्पर्क नहीं किया गया था । दिनंाक 19.11.2012 को प्रष्नगत कैमरे में जूम लैन्स टूटा होना पाया गया था , पावर का अभाव  था । कुल मिलाकर प्रार्थी द्वारा जिस प्रकार की स्थिति बताई गई है, का खण्डन करते हुए प्रष्नगत उत्पाद को वारण्टी के अधीन नहीं आना बताया  तथा परिवाद खारिज होने योग्य बताया है ।  
4.    हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध रिकार्ड का ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है । 
5.    प्रार्थी द्वारा प्रष्नगत कैमरे  का दिनांक 6.9.2012 को अप्रार्थी संख्या 1 से क्रय किया जाना सिद्व है । हालांकि अप्रार्थी संख्या 1 के विरूद्व एक पक्षीय कार्यवाही की गई है किन्तु सर्विस सेन्टर के रूप में अप्राथी संख्या 2 हमारे समक्ष है तथा प्रार्थी ने इन्हें पक्षकार भी संयोजित किया है ।  अतः इस संबध में  जो स्थिति  हमारे समक्ष है, का विवेचन  इस प्रकार से है  कि प्रार्थी ने प्रष्नगत उत्पाद को क्रय किए जाने के बाद सर्वप्रथम अप्रार्थी संख्या 1 के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर कैमरे के सुचारू रूप से कार्य नहीं किए जाने बाबत् षिकायत की है किन्तु इसका कोई निष्चित समय  व तिथि का  उल्लेख नहीं किया हेै। उसके अनुसार अप्रार्थी संख्या 1 ने कैमरे की बैटरी को पूर्ण रूप से चार्ज कर कैमरे में लगाया है उसके बाद वह उक्त कैमरे को लेकर अपने परिवार के साथ घूमने के लिए बाहर गया है । प्रार्थी ने बताया है कि वहां पर   कैमरा सही ढंग से काम नहीं कर रहा था ।  उसने किसी प्रकार की फोटो भी नहीं खींची । यात्रा से लौटने के बाद  उसने दिनंाक 20.2.2012 को अप्रार्थी संख्या 1 के कहने से अप्रार्थी संख्या 2 के पास जाकर अपनी स्थिति का उल्लेख किया व तत्समय भी वह सन्तुष्ट होकर  कैमरे को लेकर चला गया हेै। प्रार्थी के अनुसार उसने दिनांक 19.11.2012 को पुनः कैमरे के खराब होने पर अप्रार्थी संख्या 2से सम्पर्क किया है । इस संदर्भ में जाॅबषीट दिनंाक 19.11.2012 पत्रावली में उपलब्ध है  जिसके अनुसार उक्त कैमरे को  आउट आॅफ वारण्टी  बताते हुए जूम लैन्स का का टूटा होना व मृतप्रायः होना बताया गया हेै जो वारण्टी की ष्षर्ते बताई गई है, के संदर्भ में किसी प्रकार के निर्माणीय  त्रुटि को उक्त षर्तो के अधीन बताया गया है जबकि टूट फूट  अथवा बाहरी षिकायत के प्रयोग के कारण किसी प्रकार की खराबी को उक्त वारण्टी ष्षर्तो के बाहर बताया गया है । हस्तगत प्रकरण में जूम लैंस का टूटा हुआ होना व  इसका मृत प्रायः होना बताया गया है । इस संबंध में फोटोग्राफ भी  प्रस्तुत हुए है जिनमें लैन्स में टूटफूट  दर्षाई गई है ।  यहां यह उल्लेखनीय है कि  यदि यह स्थिति प्रारम्भ में ही विद्यमान  थी तथा प्रार्थी के समक्ष सर्वप्रथम षिकायत  करते समय यह सर्वोत्तम अवसर उपलब्ध था तो उसके द्वारा इस बाबत्  क्यों नहीं उल्लेख किया गया । कैमरे का सर्वाधिक  महत्वपूर्ण उपयोगी पार्ट  उसका लैन्स होता है जो पहली ही नजर में कैमरे को देखने पर  स्पष्ट दिखाई देता है ।  यदि इसमें किसी प्रकार की टूट फूट अथवा खराबी थी तो प्रार्थी के लिए यह अपेक्षित था कि वह सर्वप्रथम इस बाबत् अप्रार्थी का ध्यान आकर्षित करता जबकि ऐसा नहीं किया जाना प्रतीत होता है । हमारी राय में जिस प्रकार की उपरोक्त स्थिति सामने आई है, को देखते हुए यदि उक्त कैमरे में किसी प्रकार की कोई जूम लैन्स की टूट फूट थी, तो यह स्थिति वारण्टी की षर्तो के अधीन नहीं मानी जा सकती ।     
6.    सार यह है कि  इन हालात में  अप्रार्थी पक्ष का किसी प्रकार का कोई सेवा में कमी अथवा अनुचित व्यापार व्यवहार का मामला हो,ऐसा नहीं माना जा सकता । मंच की राय में परिवाद अस्वीकार होकर खारिज होने योग्य है एवं आदेष है कि 
                            -ःः आदेष:ः-
7.            प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार  किया जाकर  खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें ।
            आदेष दिनांक 17.02.2017 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।


 (नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    
           

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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