SILPI VIDYARTHI filed a consumer case on 26 Apr 2017 against SONI INDIA PVT. LTD. in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is CC/289/12 and the judgment uploaded on 28 Sep 2018.
2. श्री सिद्व सन्स, मुन्ना लाल एण्ड संस बिल्डिंग 63/3 दिमाल, कानपुर नगर-208004.
3. एस.एस.सर्विस, सोनी अधिकृत सर्विस सेन्टर 96/2 स्टार प्रेस बिल्डिंग, चुन्नीगंज क्रासिंग, कर्नलगंज, कानपुर नगर।
.......विपक्षीगण
परिवाद दाखिला तिथिः 09.05.2012
निर्णय तिथिः 19.09.2018
श्री आर0एन0 सिंह अध्यक्ष, द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःः
1. परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी से, परिवादिनी को कैमरे का मूल्य रू0 9800/-, सेवा में त्रुटि हेतु रू0 20,000/-, मानसिक व आर्थिक क्षति मुबलिग 50,000/-, दो बार का नोटिस खर्च रू0 1000/-तथा वादव्यय रू0 5500/-दिलाया जावे।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादिनी का कथन यह है कि परिवादिनी ने श्री सिद्व संस मुन्ना लाल एण्ड संस बिल्डिंग 63/3 दिमाल, कानपुर नगर से दिंनाक 26.08.2011 को एक सोनी कैमरा मॉडल नं0-क्ैब्.ज्99ध्ठब्म्37 छव.8674601 लिया था। जिस पर तीन वर्श की गारण्टी दी गई थी किन्तु कैमरा खरीदने के बाद जब परिवादिनी ने उससे फोटो खींचकर बनवाई तो फोटो की प्रिन्ट बिल्कुल भी साफ नहीं थी, काफी धुंधली व खराब थी। परिवादिनी ने जब इसकी षिकायत दुकान पर की थी तो उसने कम्पनी के अधिकृत सर्विस सेन्टर विपक्षी सं0-3 एस.एस.सर्विस कानपुर को बनवाने के लिये डालने के लिये कहा। सर्विस सेन्टर से कैमरा बनकर आने के बाद फिर से फोटो खींचकर प्रिन्ट करवायी तो फोटो वैसी ही धुंधली व खराब थी। परिवादिनी द्वारा चार बार कैमरा सर्विस सेन्टर पर बनने के लिये भेजा गया। जिसका नं0- ॅै101234612012300522 है। परिवादिनी ने एक कानूनी नोटिस दिंनाक 02.02.2012 को भिजवायी। जिसकी प्राप्ति पर कम्पनी द्वारा परिवादिनी से सम्पर्क किया तथा कैमरे को एक बार पुनः सर्विस सेन्टर में बनवाने के लिये डालने को कहा गया तथा प्रिन्ट फोटो ईमेल करने के लिये कहा। जिसे परिवादिनी ने पुनः उसे विपक्षी सं0-3 अधिकृत एस.एस.सर्विस सेन्टर में बनने के लिये दिया। दिंनाक 20.03.2012 को जब परिवादिनी ने उसे वहॉ से प्राप्त कर पुनः फोटो खींची तो फोटो वैसी ही खराब प्रिन्ट हुई थी कैमरा बिल्कुल ठीक नहीं हुआ था। जैसी फोटो परिवादिनी ने ईमेल पर कम्पनी को भेजी थी वैसी ही खराब फोटो कैमरे से खिच रही थी। कैमरा खरीदने के सात माह के अंदर पॉच बार कैमरा बनने के लिये सर्विस सेन्टर में भेजने के बाद भी कैमरा सही काम नहीं कर रहा, जिससे परिवादिनी उसका उपभोग नहीं कर पायी। परिवादिनी ने पुनः अधिवक्ता के माध्यम से कानूनी नोटिस दिंनाक 26.03.2012 को भेजी, जिसका कोई जवाब कम्पनी द्वारा नहीं दिया गया। परिवादिनी को खराब कैमरा बेचा गया है तथा कम्पनी के अधिकृत सर्विस सेन्टर द्वारा भी उसे कैमरा ठीक न करके दे पाने तथा बार-बार चक्कर कटवाकर उसे हैरान व परेषान किया जा रहा है। जिससे सेवा में कमी प्रतीत होती है तथा यह भी प्रतीत होता है कि कम्पनी द्वारा न तो कैमरे की ठीक से रिपेयरिंग करके या कैमरा बदलकर देने की मंषा नहीं दिखायी देती है। फलस्वरूप परिवादिनी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
4. विपक्षी सं0-1 की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत करके परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र के तथ्यों का खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि प्रष्नगत कैमरा क्रय करने के समय परिवादिनी को वारण्टी कार्ड दिया गया था। जिसकी प्रति संलग्न है। विपक्षी/उत्तर दाता के द्वारा तीन वर्श की वारण्टी प्रदान की जाती है। तीन वर्श की गारण्टी का कोई प्रष्न नहीं उठता है। परिवादिनी द्वारा परिवाद की कहानी स्वॅय गढी गई है। परिवादिनी द्वारा प्रष्नगत कैमरे को लगभग पॉच माह तक प्रयोग किया गया है और तदोपरान्त अस्पश्ट चित्र की षिकायत दिंनाक 17.01.2012 और दिंनाक 23.01.2012 को की गई है। विपक्षी के इंजीनियर द्वारा उपरोक्त दोनो तिथियों पर प्रष्नगत कैमरे का निरीक्षण करके प्रष्नगत कैमरे में कोई कमी नहीं होना बताया गया। इसके बावजूद उपभोक्ता की संतुश्टि के लिये प्रष्नगत कैमरा की स्मदे ।ेमउइसल को प्रथम बार बदला गया था और थ्वबने ।करनेजउमदज दूसरी बार किया गया। उपरोक्तानुसार ठीक प्रकार से कैमरे के चलने के बावजूद परिवादिनी द्वारा दिंनाक 02.02.2012 को विधिक नोटिस देते हुये पुनः प्रष्नगत कैमरे द्वारा अस्पश्ट चित्र देने की षिकायत की गई। तदोपरान्त पुनः प्रष्नगत कैमरे का निरीक्षण अधिकृत सर्विस सेन्टर द्वारा दिंनाक 20.02.2012 को किया गया। एक बार पुनः प्रष्नगत कैमरे में कोई कमी नहीं पायी गई। इसके बावजूद प्रष्नगत कैमरे को अग्रिम निरीक्षण हेतु विपक्षी के लखनऊ स्थित सर्विस सेन्टर भेजा गया। जहॉ पर प्रष्नगत कैमरे के कार्य का निरीक्षण करने के लिये कुछ दिन के लिये निगरानी में रखा गया। निगरानी में यह पाया गया कि प्रष्नगत कैमरा भली-भॉति कार्य कर रहा है। उपरोक्त से स्पश्ट है कि कैमरा हमेषा ठीक प्रकार से काम कर रहा था। इसके बावजूद परिवादिनी द्वारा पुनः एक विधिक नोटिस दिंनाकित 26.03.2012 विपक्षी को प्रेशित करके प्रष्नगत कैमरे की क्रय धनराषि की मांग की गई। उपभोक्ता के साथ सद्व्यवहार को द्रश्टिगत रखते हुये विपक्षी, प्रष्नगत कैमरे की कुल विक्रय धनराषि की 86 प्रतिषत धनराषि वापस करने हेतु परिवादिनी को अपने पत्र दिंनाकित 27.04.2012 के द्वारा सूचित किया गया। अतः परिवादिनी का यह कथन असत्य है कि परिवादिनी की विधिक नोटिस का जवाब विपक्षी द्वारा नहीं दिया गया। परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत परिवाद झूठे एंव आधारहीन कथन पर विपक्षी को तंग व परेषान करने की मँषा से प्रस्तुत किया गया है। अतः परिवाद सव्यय खारिज किया जावे।
5.विपक्षी सं0-2 की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत करके परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र के तथ्यों का खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवादिनी द्वारा विपक्षी सं0-2 को अनावष्यक पक्षकार बनाया गया है। प्रष्नगत कैमरा के विक्रय करने के पश्चात उसकी सर्विस करने का उत्तरदायित्व विक्रेता पर नहीं है बल्कि प्रष्नगत कैमरे की निर्माण कम्पनी की सर्विस सेन्टर का है। परिवाद विपक्षी सं0-2 के कुसंयोजन के दोश से दूशित है। विपक्षी सं0-2 प्रस्तुत मामले में न ही तो आवष्यक पक्षकार है और न ही तो उचित पक्षकार है। अतः विपक्षी सं0-2/उत्तरदाता के विरूद्व परिवाद खारिज किया जावे।
परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6.परिवाद पत्र के समर्थन में परिवादिनी ने षपथपत्र दिंनाकित 01.10.2013 दाखिल किया है तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची से प्रष्नगत कैमरा की मूल वारण्टी कार्ड दिंनाकित 26.08.2011 दाखिल किया है। परिवादिनी ने साक्ष्य षपथपत्र स्वॅय का दिंनाकित 12.05.2015 दाखिल किया है।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
7.विपक्षी सं0-1 की ओर से जवाबदावा के समर्थन में मीना बोस पुत्र स्व0 श्री विनोद राय जसपारा सोनी इण्डिया प्राइवेट लि0 का षपथपत्र दिंनाकित 21.09.2012 व षपथपत्र दिंनाकित 25.08.2014 दाखिल किया गया है तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागजात संलग्नक-1, 2 व 5 प्रष्नगत कैमरा से सम्बन्धित दाखिल किये हैं जो क्रमषः सोनी इण्डिया प्रा0 लि0 का त्मेवसनजपवदए वारण्टी प्रपत्र तथा पत्र दिंनाकित 27.04.2012 हैं। विपक्षी सं0-2 की ओर से वरूण मेहरोत्रा पुत्र भगवान जी मेहरोत्रा का षपथपत्र दिंनाकित 12.05.2015 दाखिल किया है।
8. पक्षकारों की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्रीय साक्ष्यों का तथा प्रलेखीय साक्ष्यों का यथा-आवष्यक स्थान पर आगे निर्णय में उल्लेख किया जायेगा।
ख्
निष्कर्श
9. पत्रावली के परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में विपक्षी सं0-1 प्रष्नगत कैमरे की निर्माता कम्पनी है। विपक्षी सं0-2 के द्वारा प्रष्नगत कैमरा परिवादिनी को विक्रय किया गया है। विपक्षी सं0-3 प्रस्तुत मामले में, प्रष्नगत कैमरे का, विपक्षी सं0-1/निर्माता कम्पनी का अधिकृत सर्विस सेन्टर है। विपक्षी सं0-3 सर्विस सेन्टर बावजूद तामीला उपस्थित नहीं आया। परिवादिनी एंव विपक्षी सं0-1 व 2 की बहस सुनी गई।
परिवादिनी एंव विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से प्रस्तुत की गई बहस तथा सम्पूर्ण पत्रावली का सम्यक परिषीलन करने के उपरान्त विदित होता है कि परिवादिनी द्वारा प्रष्नगत कैमरा क्रय करने के बाद फोटो खींचकर फोटो बनवायी गई तो फोटो की प्रिन्ट साफ नहीं आयी।
फलस्वरूप परिवादिनी द्वारा प्रष्नगत कैमरा विक्रेता विपक्षी सं0-2 से षिकायत की गई। विपक्षी सं0-2 के द्वारा दिये गये निर्देषानुसार परिवादिनी द्वारा प्रष्नगत कैमरा विपक्षी सं0-3/सर्विस सेन्टर में दिखाया गया। किन्तु उसकी मरम्मत ठीक प्रकार से नहीं हो पायी। षिकायत पूर्ववत बनी रही। परिवादिनी का कथन है कि उसने प्रष्नगत कैमरा विपक्षी सं0-3/सर्विस सेन्टर में चार-पॉच बार ठीक करने हेतु दिया। किन्तु प्रष्नगत कैमरा कभी ठीक नहीं हुआ। परिवादिनी को खराब कैमरा बेचा गया है। परिवादिनी की ओर से अपने कथन के समर्थन में प्रष्नगत कैमरा का मूल वारण्टी कार्ड सूची के साथ दाखिल किया गया है। प्रष्नगत कैमरे को सर्विस सेन्टर में भेजने से सम्बन्धित कोई अभिलेखीय साक्ष्य यथा- जॉबकार्ड प्रस्तुत नहीं किया गया है। विपक्षी सं0-1 एंव 2 का कथन है कि प्रष्नगत कैमरे में कोई कमी नहीं है। विपक्षी सं0-1 व 2 के द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र व निर्णय के प्रस्तर-7 में उल्लिखित अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। परिवादिनी की ओर से प्रष्नगत कैमरे को ठीक करने से सम्बन्धित उपरोक्तानुसार कोई अभिलेखीय साक्ष्य न प्रस्तुत किये जाने के कारण परिवादिनी का यह कथन, कि उसे प्रष्नगत कैमरा खराब स्थिति में विक्रय किया गया है अथवा वर्तमान में भी खराब है, प्रमाणित नहीं होता है। विपक्षी निर्माता कम्पनी की ओर से प्रष्नगत कैमरे की 86 प्रतिषत कीमत अपनी गुडविल बचाये रखने के लिये दिये जाने का प्रस्ताव किया गया है। तत्सम्बन्धित प्रलेखीय साक्ष्य संलग्नक-आर.5 परिवादिनी की नोटिस का जवाब है। जिसमें विपक्षी द्वारा उपरोक्त 86 प्रतिषत धनराषि वापस किये जाने तथ्य अंकित किया गया है।
उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में फोरम इस मत का है कि परिवादिनी का प्रस्तुत परिवाद ऑषिक रूप से, उसे कैमरे की कुल कीमत का 86 प्रतिषत विपक्षी सं0-1 से दिलाये जाने हेतु स्वीकार किये जाने योग्य है। जहॉ तक अन्य याचित उपषम का प्रष्न है - के सम्बन्ध में परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न करने के कारण, स्वीकार किये जाने योग्य नहीं हैं।
:ःआदेषःःः
10. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद, उपरोक्त कारणों से, ऑषिक रूप से विपक्षी सं0-1 के विरूद्व इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि विपक्षी सं0-1 प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर परिवादिनी को प्रष्नगत कैमरे की कीमत रू0 9800/-(रू0 नौ हजार, आठ सौ )की 86 प्रतिषत धनराषि रू0 8428/-(आठ हजार, चार सौ अठ्ठाइस रू0) अदा करे तथा रू0 2000/-(दो हजार रू0) वादव्यय, परिवादिनी द्वारा प्रष्नगत कैमरा विपक्षी सं0-1 को वापस करने पर अदा करे। ।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
Consumer Court Lawyer
Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.