(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2447/2013
विमलेश कुमार पुत्र श्री रामाधार
बनाम
वोट सिंह यादव पुत्र राम नरायन उर्फ बनवारी लाल यादव
एवं
अपील संख्या-2448/2013
श्रीमती मीना देवी पत्नी श्री अमृत सिंह
बनाम
वोट सिंह यादव पुत्र राम नरायन उर्फ बनवारी लाल यादव
एवं
अपील संख्या-2446/2013
मुकेश कुमार कश्यप पुत्र श्री रमेश चन्द कश्यप
बनाम
सौनालिका कृषि फायनेंस एण्ड इन्वेस्टमेंट (प्रा0लि0) तथा एक अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
दिनांक : 12.08.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-63/2006, परिवाद संख्या-227/2007 तथा परिवाद संख्या-81/2008 में विद्वान जिला आयोग, मैनपुरी द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 28.09.2013 के विरूद्ध क्रमश: अपील संख्या-
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2447/2013, अपील संख्या-2448/2013 तथा अपील संख्या-2446/2013 स्वंय परिवादीगण की ओर से प्रस्तुत की गई हैं।
2. उपरोक्त तीनों अपीलों में विधि के एक जैसे प्रश्न निहित हैं, इसलिए तीनों अपीलों का निस्तारण एक ही निर्णय/आदेश द्वारा एक साथ किया जा रहा है। इस हेतु अपील संख्या-2447/2013 अग्रणी अपील होगी।
3. उपरोक्त तीनों अपीलों में अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री ओ.पी. दुवेल तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री संजय कुमार वर्मा को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावलियों का अवलोकन किया गया।
4. उपरोक्त सभी परिवादों के तथ्यों का सार यह है कि परिवादीगण द्वारा विपक्षी फायनेंस कंपनी में धनराशि जमा की गई थी, जिसका उल्लेख प्रत्येक परिवाद पत्र की पत्रावली में मौजूद है, परन्तु इस धनराशि को कभी भी परिपक्वता अवधि पूर्ण होने पर परिवादीगण को वापस उपलब्ध नहीं करायी गयी।
5. विपक्षी का कथन है कि वह कभी भी सोनालिका कृषि फाइनेंस एण्ड इन्वेस्टमेंट प्रा0लि0 का संचालक नहीं रहा। इस कंपनी का संचालक राजकुमार नामक व्यक्ति है। इस कंपनी को मकान का एक भाग किराये पर दिया गया था। कंपनी ने 6 माह का किराया भी नहीं दिया और कंपनी भाग गई।
6. उपरोक्त अपीलों के ज्ञापन तथा मौखिक बहस का सार यह है कि वोट सिंह यादव द्वारा ही कंपनी का संचालन किया जा रहा है। वोट सिंह यादव ही कंपनी के निदेशक हैं। वोट सिंह यादव ही जमा राशि की रसीदें प्रस्तुत कराई गई थी, जो प्रत्येक परिवाद की पत्रावली पर मौजूद हैं। सभी पत्रावलियों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि जमा रसीदों पर
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डायरेक्टर के रूप में वोट सिंह यादव के हस्ताक्षर हैं। वोट सिंह यादव ने हस्ताक्षर से इंकार नहीं किया है, बल्कि उनके अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया है कि भीड़ इकट्ठा होने पर जबरदस्ती हस्ताक्षर कराए गए थे, परन्तु यह तर्क ग्रहण करने योग्य नहीं है। प्रत्येक अपील पत्रावलियों पर समाचार पत्र की कटिंग की प्रति मौजूद है, जिसमें वोट सिंह यादव को कंपनी का मालिक तथा राजकुमार नामक व्यक्ति को प्रबंधक बताया गया है। प्रत्येक अपील पत्रावलियों पर क्रमश: दस्तावेज संख्या-19, 21 एवं 28 पर मौजूद कटिंग रिपोर्ट के अनुसार वोट सिंह यादव ही कंपनी का मालिक है उसके द्वारा ही रसीदें जारी की गई हें, इसलिए सभी परिवादीगण द्वारा जमा राशि की अदायगी का दायित्व विपक्षी पर है। तदनुसार उपरोक्त सभी अपीलें स्वीकार होने और प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 28.09.2013 अपास्त होने योग्य हैं।
आदेश
7. उपरोक्त सभी अपीलें, अर्थात् अपील संख्या-2447/2013, अपील संख्या-2448/2013 तथा अपील संख्या-2446/2013 स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा क्रमश: परिवाद संख्या-63/2008, परिवाद संख्या-227/2007 तथा परिवाद संख्या-81/2008 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 28.09.2013 अपास्त किए जाते हैं।
परिवाद संख्या-63/2008 स्वीकार किया जाता है तथा इस परिवाद के परिवादी द्वारा कुल जमा राशि की परिपक्व राशि मय 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्याज सहित परिवादी को इस निर्णय/आदेश की तिथि से 45 दिवस के अन्दर अदा की जाए। ब्याज की गणना परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक की जाएगी। परिवादी को परिवाद व्यय के रूप में अंकन 20,000/-रू0 भी देय होंगे।
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परिवाद संख्या-227/2007 स्वीकार किया जाता है तथा इस परिवाद के परिवादी द्वारा कुल जमा राशि की परिपक्व राशि मय 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्याज सहित परिवादी को इस निर्णय/आदेश की तिथि से 45 दिवस के अन्दर अदा की जाए। ब्याज की गणना परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक की जाएगी। परिवादी को परिवाद व्यय के रूप में अंकन 20,000/-रू0 भी देय होंगे।
परिवाद संख्या-81/2008 स्वीकार किया जाता है तथा इस परिवाद के परिवादी द्वारा कुल जमा राशि की परिपक्व राशि मय 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्याज सहित परिवादी को इस निर्णय/आदेश की तिथि से 45 दिवस के अन्दर अदा की जाए। ब्याज की गणना परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक की जाएगी। परिवादी को परिवाद व्यय के रूप में अंकन 20,000/-रू0 भी देय होंगे।
इस निर्णय/आदेश की मूल प्रति अपील संख्या-2447/2008 में रखी जाए एवं इसकी एक-एक सत्य प्रति संबंधित अपीलों में भी रखी जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2