राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
पुनरीक्षण सं0-०३/२०११
(जिला मंच, गोण्डा द्वारा परिवाद सं0-१५३/२००६ में पारित आदेश दिनांक ०७-१२-२०१० के विरूद्ध)
१. सहारा इण्डिया, ब्रान्च आफिस, श्री नगर (बाबागंज), जिला गोण्डा द्वारा ब्रान्च मैनेजर।
२. सहारा इण्डिया, कमाण्ड आफिस, सहारा इण्डिया भवन, १-कपूरथला काम्प्लेक्स, लखनऊ द्वारा अधिकृत हस्ताक्षरी।
............. पुनरीक्षणकर्तागण/विपक्षीगण।
बनाम्
१. श्रीमती सोना देवी पत्नी स्व0 ननकऊ निवासी ग्राम रोजापुर, पोस्ट रानीपुर, (हटिया चौक), जिला गोण्डा। ............. प्रत्यर्थी/परिवादिनी।
२. जेट लाइट (इण्डिया) लि0, रजिस्टर्ड कार्यालय - ६, पार्क रोड, लखनऊ द्वारा डायरेक्टर। ............. प्रत्यर्थी।
समक्ष:-
१. मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
पुनरीक्षणकर्तागण की ओर से उपस्थित:-श्री आलोक कुमार श्रीवास्तव विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित :-कोई नहीं।
दिनांक : ०४-०४-२०१६.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत पुनरीक्षण, जिला मंच, गोण्डा द्वारा परिवाद सं0-१५३/२००६ में पारित आदेश दिनांक ०७-१२-२०१० के विरूद्ध योजित की गयी है।
प्रश्नगत आदेश द्वारा विद्वान जिला मंच ने परिवाद से पुनरीक्षणकर्तागण का नाम हटाये जाने हेतु प्रस्तुत किए गये प्रार्थना पत्र को स्वीकार नहीं किया।
पुनरीक्षणकर्तागण की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि श्री ननकऊ द्वारा सहारा इण्डिया एयरलाइन्स के १०० बाण्ड १००/- रू० प्रति की दर से क्रय करने हेतु दिनांक १५-१०-१९९७ को १०,०००/- रू० जमा किए जो सहारा इण्डिया एयरलाइन्स लि0 द्वारा गोल्डेन बॉण्ड के रूप में ए-१२६५८५/११२९७५ निवेशकर्ता के पक्ष में जारी किए। बाण्डधारक की मृत्यु दिनांक २३-०१-१९९९ को हो गयी। प्रत्यर्थी/परिवादिनी ने डेथ हेल्प
-२-
सहायता हेतु पुनरीक्षणकर्तागण के यहॉं आवेदन किया, किन्तु उसे कोई धनराशि की अदायगी नहीं की गयी। प्रत्यर्थी/परिवादिनी द्वारा परिवाद जिला मंच पुनरीक्षणकर्तागण के विरूद्ध योजित किया गया।
पुनरीक्षणकर्तागण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक कुमार श्रीवास्तव ने तर्क प्रस्तुत किया कि दोरान् लम्बन परिवाद पुनरीक्षणकर्ता सं0-१ द्वारा जिला मंच के समक्ष पुनरीक्षणकर्ता सं0-१ व २ नाम हटाने तथा जेट लाइट इण्डिया लि0 का नाम बतौर विपक्षी जोड़ने हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। विद्वान जिला मंच द्वारा आदेश दिनांक १५-०९-२००८ द्वारा पुनरीक्षणकर्तागण का प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए जेट लाइट का नाम नियोजित करने हेतु आदेश पारित कर दिया गया, किन्तु पुनरीक्षणकर्तागण का नाम परिवाद से हटाने हेतु कोई आदेश पारित नहीं किया। तब पुन: विपक्षी सं0-१/पुनरीक्षणकर्ता सं0-१ द्वारा पुनरीक्षणकर्तागण का नाम परिवाद से हटाने हेतु प्रार्थना पत्र दिनांकित ०७/१२/२०१० विद्वान जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत किया गया। पुनरीक्षणकर्तागण के इस प्रार्थना पत्र को विद्वान जिला मंच द्वारा प्रश्नगत आदेश दिनांकित ०७-१२-२०१० द्वारा निरस्त कर दिया गया। इसी आदेश से क्षुब्ध होकर यह पुनरीक्षण याचिका योजित की गयी है।
हमने पुनरीक्षणकर्तागण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक कुमार श्रीवास्तव के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया। प्रत्यर्थी/परिवादिनी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।
सहारा इण्डिया एयरलाइन्स लिमिटेड का नाम रजिस्ट्रार आफ कम्पनीज उ0प्र0 कानपुर द्वारा पारित आदेश दिनांक २८-०५-१९९८ द्वारा सहारा एयरलाइन्स लिमिटेड के रूप में परिवर्तित किया गया। सहारा एयरलाइन्स लिमिटेड के शेयरधारकों ने अपने शेयर जेट एयरवेज (इण्डिया) लिमिटेड को हस्तान्तरित कर दिए। शेयर हस्तान्तरण के उपरान्त रजिस्ट्रार आफ कम्पनीज उ0प्र0 कानपुर द्वारा सहारा एयरलाइन्स लिमिटेड का नाम जेट लाइट (इण्डिया) लिमिटेड के रूप में परिवर्तित किया जा चुका है। इस सम्बन्ध में जेट लाइट (इण्डिया) लिमिटेड ने हिन्दुस्तान टाइम्स समाचार पत्र दिनांक २४-०५-२००७ के
-३-
अंक में नोटिस भी प्रकाशित की है। अत: ऐसी परिस्थिति में सहारा इण्डिया का कोई दायित्व सहारा एयरलाइन्स गोल्डन बॉण्ड्स, जो सहारा इण्डिया एयरलाइन्स लिमिटेड द्वारा जारी किए गये थे, के सन्दर्भ में नहीं रहा है। प्रश्नगत परिवाद प्रत्यर्थीगण ने सहारा एयरलाइन्स लिमिटेड द्वारा जारी गोल्डन बॉण्ड्स के सन्दर्भ में योजित किया है। ऐसी परिस्थिति में प्रश्नगत परिवाद से अपना नाम हटाने हेतु पुनरीक्षणकर्तागण ने प्रार्थना पत्र जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत किया था, किन्तु जिला मंच ने पुनरीक्षणकर्तागण की यह प्रार्थना स्वीकार न करके विधिक त्रुटि की है। पुनरीक्षणकर्तागण को प्रश्नगत परिवाद में अनावश्यक रूप से पक्षकार बनाया गया है।
उल्लेखनीय है कि पुनरीक्षणकर्तागण का यह कथन नहीं है कि जेट लाइट (इण्डिया) लिमिटेड द्वारा प्रतिवाद पत्र जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उन्होंने सहारा इण्डिया तथा सहारा एयरलाइन्स के दायित्वों को स्वीकार कर लिया हो। पुनरीक्षणकर्तागण प्रश्नगत मामले में अपना दायित्व निहित न होने से सम्बन्धित प्रतिवाद पत्र जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं। स्वाभाविक रूप से तद्नुसार प्रश्नगत परिवाद का निस्तारण विद्वान जिला मंच द्वारा किया जायेगा। इस स्तर पर पुनरीक्षणकर्तागण का नाम परिवाद से न हटाकर हमारे विचार से जिला मंच द्वारा कोई त्रुटि नहीं की गयी है। तद्नुसार यह पुनरीक्षण निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत पुनरीक्षण निरस्त की जाती है। जिला मंच, गोण्डा द्वारा परिवाद सं0-१५३/२००६ में पारित आदेश दिनांक ०७-१२-२०१० की पुष्टि की जाती है।
इस पुनरीक्षण के व्यय-भार के सम्बन्ध में कोई आदेश पारित नहीं किया जा रहा है।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिल नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी)
पीठासीन सदस्य
दिनांक : ०४-०४-२०१६.
प्रमोद कुमार
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-४.