(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या- 478/2000
(जिला उपभोक्ता आयोग, महोबा द्वारा परिवाद संख्या- 120/1999 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 14-01-2000 के विरूद्ध)
ब्रांच मैनेजर, इलाहाबाद बैंक, ब्रांच पनवाड़ी, तहसील कुलपहाड़, जिला महोबा।
अपीलार्थी
बनाम
1- श्रीमती फूलारानी, पत्नी श्री उदल, निवासी-ग्राम ब्यारजो, तहसील कुलपहाड़ जिला महोबा।
2- ब्रांच मैनेजर, ओरियण्टल इंश्योरेंश कम्पनीलि0 ब्रांच महोबा, तहसील कुलपहाड़ जिला महोबा।
.प्रत्यर्थीगण
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता श्री दीपक मेहरोत्रा
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक-07-01-2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी इलाहाबाद बैंक द्वारा इस आयोग के सम्मुख जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, महोबा द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 14-01-2000 (परिवाद संख्या- 120/1999 श्रीमती फूलारानी बनाम शाखा प्रबन्धक, ओरियण्टल इंश्योरेंश कम्पनी लि0 व एक अन्य) के विरूद्ध धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत प्रस्तुत की गयी है।
उपरोक्त आदेश के द्वारा विद्वान जिला आयोग ने प्रत्यर्थी/परिवादिनी को अपीलार्थी इलाहाबाद बैंक, पनवाड़ी महोबा द्वारा कुल धनराशि 16,200/-रू०
2
अपनी वसूली की धनराशि को समायोजित करने हेतु आदेशित किया है जिसकी वसूली परिवादिनी से अपीलार्थी बैंक द्वारा कदापि नहीं किये जाने का आदेश भी पारित किया गया है।
मेरे द्वारा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का परिशीलन किया गया।
विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन करने के उपरान्त तथा समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए तथा इस तथ्य का भी संज्ञान लेते हुए कि अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता अनुपस्थित हैं और अपील लगभग 22 वर्ष से लम्बित चल रही है, यह पाया गया कि प्रस्तुत अपील में जो विवादित बिन्दु है उसे विद्वान जिला आयोग द्वारा समुचित परिशीलन एवं परीक्षण के उपरान्त एवं विस्तृत विवेचना करते हुए निर्णीत किया गया है जिसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं प्रतीत होती है। अतएव प्रस्तुत अपील निरस्त किये जाने योग्य है।
तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
कृष्णा–आशु०
कोर्ट नं०1