राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील सं0- 767/2003
Meerut Development Authority, Meerut, through its Secretary.
…………Appellant
V/s
Smt. Usha Goel wife of Late Narendra Kumar Goel Resident of Avantika, PL Sharma Road, Meerut.
…….Respondent
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री रामराज, विद्वान अधिवक्ता के
सहयोगी अधिवक्ता श्री पीयूष
मणि त्रिपाठी।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 10.11.2022
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 76/2000 श्रीमती ऊषा गोयल बनाम मेरठ विकास प्राधिकरण में जिला उपभोक्ता आयोग, मेरठ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 24.02.2003 के विरुद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है।
2. अपील इन आधारों पर प्रस्तुत की गई है कि आवंटी ने पंजीकरण शुल्क जमा करने के पश्चात कोई धनराशि जमा नहीं की है, इसलिए उनका आवंटन निरस्त कर समस्त धनराशि का आदेश दिया जाना अनुचित है। नियमानुसार 10 प्रतिशत की कटौती के पश्चात प्रत्यर्थी/परिवादिनी द्वारा जमा धनराशि वापस लौटायी जा सकती है।
3. केवल अपीलार्थी के विद्वान श्री रामराज के सहयोगी अधिवक्ता श्री पीयूष मणि त्रिपाठी को सुना। प्रश्नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
4. दस्तावेज सं0- 7 के अवलोकन से जाहिर होता है कि यह पत्र दि0 22.05.1992 को जारी किया गया है और इस पत्र के माध्यम से अंकन 1,12,100/-रू0 जमा न करने का उल्लेख किया गया है। अंत में यह उल्लेख किया है कि दि0 15.06.1992 तक जमा कर दिया जाए, अन्यथा आवंटन निरस्त कर दिया जायेगा। दस्तावेज सं0- 10 के माध्यम से पुन: स्मृति पत्र लिखा गया, परन्तु प्रत्यर्थी/परिवादिनी द्वारा कोई राशि जमा नहीं की गई। अंतत: इसके पश्चात भी अनेकों पत्र लिखे गए, परन्तु प्रत्यर्थी/परिवादिनी द्वारा धनराशि जमा नहीं की गई। अंतत: आवंटन निरस्त कर दिया गया। इसलिए प्रत्यर्थी/परिवादिनी को कार्यालयीन खर्च की कटौती के पश्चात ही शेष राशि वापस की जा सकती है। अत: प्रश्नगत निर्णय व आदेश परिवर्तित होने एवं अपील आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
5. अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय व आदेश परिवर्तित करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि प्रत्यर्थी/परिवादिनी द्वारा जमा धनराशि आवश्यक कार्यालयीन खर्च की कटौती के पश्चात शेष राशि प्रत्यर्थी/परिवादिनी को वापस लौटायी जाए। शेष निर्णय व आदेश अपास्त किया जाता है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 3