(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
विविध वाद संख्या-232/2024
यूनियन आफ इण्डिया व अन्य बनाम श्रीमती सुधा खन्ना
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
दिनांक : 12.09.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
आवेदक के विद्वान अधिवक्ता डा0 उदय वीर सिंह के सहायक श्री श्रीकृष्ण पाठक उपस्थित हैं। यह विविध आवेदन, अपील संख्या-979/2004 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19.01.2024 में लिपिकीय त्रुटि को दुरूस्त किए जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
आवेदन में उल्लेख है कि परिवादिनी द्वारा प्रथम खाता संख्या-1122 दिनांक 29.3.1989 को खोला गया, जबकि निर्णय दिनांकित 19.1.2024 में लिपिकीय त्रुटिवश पैरा संख्या-4 में यह दिनांक 29.3.1999 टंकित हो गया। अत: 1999 के स्थान पर 1989 टंकित होना चाहिए। इसी प्रकार निर्णय दिनांकित 19.1.2024 के पैरा संख्या-7 की प्रथम पंक्ति में लिपिकीय त्रुटिवश प्रथमत: टंकित हो गया है, जबकि यह द्वितीय टंकित होना चाहिए तथा इसी पैरा की तृतीय पंक्ति में लिपिकीय त्रुटिवश दूसरा टंकित हो गया, इसके स्थान पर प्रथम टंकित होना चाहिए तथा इसी पैरा की 11वीं पंक्ति में लिपिकीय त्रुटिवश प्रथम टंकित हो गया, इसके स्थान पर द्वितीय टंकित होना चाहिए।
तदनुसार विविध आवेदन स्वीकार करते हुए अपील संख्या-979/2004 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19.1.2024 में उपरोक्त संशोधन अंकित किया जाता है।
विविध वाद अंतिम रूप से निस्तारित किया जाता है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2