राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
पुनरीक्षण संख्या-20/2023
कोटक महिन्द्रा लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी लि0
बनाम
श्रीमती सोनी व एक अन्य
दिनांक : 24.03.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, शामली द्वारा परिवाद संख्या-121/2022 श्रीमती सोनी बनाम महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा फाइनेंसियल सर्विसेज लि0 में पारित निम्न आदेश दिनांक 10.02.2023 एवं दिनांक 17.03.2023 के विरूद्ध योजित की गयी है:-
''10.02.2023
पत्रावली पेश हुई। विपक्षी अनुपस्थित। विपक्षीगण को भेजी गयी धारा 71 की नोटिस उन्हें प्राप्त हो गयी है। विपक्षीगण के विरूद्ध B.W. वारंट जरिये पुलिस अधीक्षक करनाल व पुलिस कमिश्नर वाडा मुम्बई प्रेषित किये जाय। पत्रावली वास्ते सुनवाई 9ग दि0 17/3/23 को पेश हो।''
''17.03.2023
पत्रावली पेश हुई। वादी के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित। वि0गण के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित। वि0स01 की तरफ से प्रार्थना पत्र 13ग वारंट रिकॉल व आपत्ति मय लि0 कथन 14ग मय शपथ पत्र 15ग दस्तावेज 15/2-4 तथा पॉवर ऑफ अटॉर्नी 17ग दिया गया है तथा वि0स02 की तरफ से प्रार्थना-पत्र आदेश दि0 10-2-2023 को निरस्त करने का दिया गया है उसके साथ शपथ पत्र 19ग व पॉवर ऑफ अटार्नी द्वारा अनुमति पत्र व लि0 कथन 21ग मय शपथ पत्र 22ग तथा दस्तावेज 22ग2 ता 31 दिया गया।
पत्रावली का अवलोकन किया गया परिवाद संस्थित होने के बाद वि0गण पर दिनांक 14-11-2022 को नोटिस प्रेषित उनके पते पर की गई। उपस्थित न आने पर उनके विरूद्ध धारा 71
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की नोटिस वाद पत्र में दिये गए पते पर प्रेषित की गई धारा 71 के उल्लंघन पर उनके विरूद्ध उन्हीं पते पर जमानती वारंट प्रेषित किए गए। जमानती वारंट पर वि0स0 1 के लीगल मैनेजर शाहिद अन्सारी उपस्थित आए और वि0स0 2 की तरफ से मनीष मित्तल उपस्थित आए और वारंट रिकॉल करने का अनुरोध किया। न्यायालय द्वारा भेजे गये जमानती वारंट में शाखा प्रबन्धक महेन्द्रा एण्ड महेन्द्रा फाइनेन्शियल सर्विसेज व शाखा प्रबन्धक कोटक महेन्द्रा लाइफ इ0 क0 लि0 उपस्थित नहीं आए दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अनुसार जिस व्यक्ति के विरूद्ध जमानती व गैर जमानती वारंट जारी किए जाते हैं वही व्यक्ति वारंट निरस्त कराने का प्रार्थना पत्र न्यायालय में उपस्थित होकर करा सकता है। उपरोक्त वि0गण के विरूद्ध भेजे गये जमानती वारंट पर सम्बन्धित व्यक्ति उपस्थित नहीं है इसलिए प्रार्थना पत्र में विधिक बल न होने के कारण प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाता है और वि0गण के विरूद्ध जरिए सम्बन्धित पुलिस
अधीक्षक गैर जमानती वारंट जारी किए जाते है। लि0 कथन उप0अधि0 में दी गई समय सीमा के उपरान्त दिया गया है इसलिए वि0गण का लि0कथन दाखिल करने का अवसर भी समाप्त किया जाता है। पत्रावली वास्ते सुनवाई 31/03/2023 को प्रस्तुत हो।''
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री अविनाश शर्मा उपस्थित आए उन्हें सुना गया। विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि पुनरीक्षकर्ता, जो कि परिवाद संख्या-121/2022 में विपक्षी है, द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग, शामली के सम्मुख अपेक्षित समयावधि में लिखित कथन प्रस्तुत नहीं किया गया। उपरोक्त लिखित कथन प्रस्तुत न किये जाने को दृष्टिगत रखते हुए विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा ऊपर उल्लिखित आदेश दिनांक 10.02.2023 एवं दिनांक 17.03.2023 पारित किया, जो विधि अनुसार उचित नहीं है।
समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए एवं जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत आदेश के परिशीलनोपरान्त मैं इस मत का हूँ कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा कार्यवाही अन्तर्गत धारा 71 एवं 72 उपभोक्ता संरक्षण
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अधिनियम 2019 तथ्यों पर सुविचार करते हुए सुनिश्चित नहीं की गयी। यदि पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी द्वारा लिखित कथन समयावधि में प्रस्तुत नहीं किया गया था तब विधि अनुसार जिला उपभोक्ता आयोग को आदेश पारित करना था न कि अन्तर्गत धारा 71 एवं 72 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की कार्यवाही।
तदनुसार प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका स्वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्ता आयोग, शामली द्वारा परिवाद संख्या-121/2022 में पारित आदेश दिनांक 10.02.2023 एवं दिनांक 17.03.2023 अपास्त किया जाता है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग को निर्देशित किया जाता है कि उपरोक्त परिवाद संख्या-121/2022 में विधि अनुसार पक्षकारों को समुचित अवसर प्रदान करते हुए उक्त परिवाद को यथाशीघ्र गुणदोष के आधार पर निस्तारित किया जाना सुनिश्चित करें।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
प्रदीप कुमार मिश्रा, आशु0
कोर्ट नं0-1े