Uttar Pradesh

StateCommission

A/177/2022

Meerut Development Authority - Complainant(s)

Versus

Smt. Seema Chaudhary - Opp.Party(s)

Ramraj, Piyush Mani Tripathi

19 Jan 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/177/2022
( Date of Filing : 14 Mar 2022 )
(Arisen out of Order Dated 12/01/2022 in Case No. C/2018/122 of District Meerut)
 
1. Meerut Development Authority
Meerut Through Vice Chairman
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt. Seema Chaudhary
W/o Sanjay Chaudhary R/o 494 Sector 6 Shastri Nagar Dist. Meerut
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 19 Jan 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-610/2022

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, मेरठ द्धारा परिवाद सं0-122/2018 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 12.01.2022 के विरूद्ध)

श्रीमती सीमा चौधरी पत्‍नी श्री संजय चौधरी, निवासी 494 सेक्‍टर-6 शास्‍त्रीनगर, मेरठ।                                          ........... अपीलार्थी/परिवादिनी

बनाम              

मेरठ विकास प्राधिकरण मेरठ द्वारा उपाध्‍यक्ष, मेरठ विकास प्राधिकरण।

…….. प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

 

अपील संख्‍या:-177/2022

मेरठ विकास प्राधिकरण, मेरठ द्वारा उपाध्‍यक्ष।

                                              ........... अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम              

श्रीमती सीमा चौधरी पत्‍नी श्री संजय चौधरी, निवासी 494 सेक्‍टर-6 शास्‍त्रीनगर, जिला-मेरठ।                                       …….. प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष              

अपीलार्थी/परिवादिनी के अधिवक्‍ता            : श्री संजय कुमार वर्मा

प्रत्‍यर्थी/मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिवक्‍ता   : श्री पियूष मणि त्रिपाठी

दिनांक :- 19.01.2023

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील सं0-610/2022 एवं एक अन्‍य सम्‍बन्धित अपील सं0-177/2022 जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, मेरठ द्वारा परिवाद सं0-122/2018 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 12.01.2022 के विरूद्ध योजित की गई हैं।

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादिनी को विपक्षी की शताब्‍दी नगर आवासीय योजना के सेक्‍टर-9 में शताब्‍दी एनक्‍लेव दि्वतीय के पॉकेट एनए में एम0आई0जी0 आवासीय 120 वर्ग मीटर का भूखण्‍ड सं0-ए-275 विपक्षी द्वारा दिनांक 25.11.2011 को आवंटित किया गया। परिवादिनी ने विपक्षी के यहॉ अंकन

-2-

57,000.00 रू0 पंजीकरण तिथि को तथा आवंटन तिथि दिनांक 15.11.2011 को अंकन 1,14,000.00 रू0 जमा कराये। उक्‍त भूखण्‍ड का मूल्‍य 9500.00 रू0 प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से अंकन 11,40,000.00 रू0 किस्‍तों में जमा होना था, लेकिन परिवादिनी ने बकाया अंकन 9,69,000.00 रू0 एकमुश्‍त जमा करा दिये थे। जिस हेतु परिवादिनी द्वारा एल0आई0सी0 हाउसिंग फाइनेंस लि0 से अंकन 8,60,000.00 रू0 लोन लिया गया, जिसका परिवादिनी को ब्‍याज देना पड़ रहा है एवं विपक्षी द्वारा आज तक उक्‍त कालोनी विकसित कर भूखण्‍ड का कब्‍जा परिवादिनी को नहीं दिया, न ही उसकी जमा धनराशि उसे वापस की। परिवादिनी द्वारा कई बार विपक्षी से उक्‍त भूखण्‍ड का कब्‍जा देने के लिए अथवा उसकी जमा धनराशि मय ब्‍याज सहित वापस करने के लिए कहा गया परन्‍तु विपक्षी द्वारा इस पर कोई ध्‍यान नहीं दिया गया, अत्एव परिवादिनी द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख परिवाद उसके द्वारा जमा की गई धनराशि मय ब्‍याज का अनुतोष अथवा अवंटित भूखण्‍ड को विपक्षी से दिलाये जाने हेतु प्रस्‍तुत किया गया है।

दौरान बहस परिवादिनी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री संजय कुमार वर्मा द्वारा कथन किया गया कि यद्यपि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवादिनी का परिवाद विपक्षी/मेरठ विकास प्राधिकरण के विरूद्ध स्‍वीकार किया गया है, परन्‍तु परिवादिनी द्वारा मॉगे गये अनुतोष को न स्‍वीकार करते हुए जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा जो निर्णय पारित किया गया है वह अनुचित एवं विधि विरूद्ध है।

जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा अपने निर्णय/आदेश दिनांक 12.01.2022 के द्वारा परिवादिनी द्वारा विपक्ष/मेरठ विकास प्राधिकरण को जमा धनराशि रू0 11,40,000.00 पर जमा की तिथि से मात्र 07 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज भुगतान की तिथि तक दिये जाने हेतु आदेशित किया है, साथ ही मात्र 2,000.00 रू0 परिवाद व्‍यय हेतु आदेशित किया गया है। 

 

-3-

जिला उपभोक्‍ता आयोग के प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश से क्षुब्‍ध होकर प्रस्‍तुत दोनों अपीलें इस आयोग के सम्‍मुख योजित की गई हैं।

मेरे द्वारा अपीलार्थी/परिवादिनी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री संजय कुमार वर्मा तथा प्रत्‍यर्थी/मेरठ विकास प्राधिकरण की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री पियूष मणि त्रिपाठी को विस्‍तार से सुना तथा प्रस्‍तुत अपील सं0-610/2022 एवं प्रत्‍यर्थी/विपक्षी/प्राधिकरण द्वारा प्रस्‍तुत अन्‍य अपील सं0-177/2022 का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।

परिवादिनी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा इस न्‍यायालय का ध्‍यान अपील सं0-610/2022 की पत्रावली के पृष्‍ठ सं0-25 की ओर आकर्षित किया गया, जिसमें परिवादिनी द्वारा एल0आई0सी0 हाउसिंग फाईनेंस लिमिटेड से प्राप्‍त धनराशि रू0 8,60,000.00 पर ब्‍याज की देयता उपरोक्‍त फाईनेंस कम्‍पनी द्वारा 10.40 प्रतिशत प्रतिवर्ष निर्धारित किया जाना उल्लिखित किया गया है, जोकि परिवादिनी के विद्वान अधिवक्‍ता के कथनानुसार परिवादिनी द्वारा उपरोक्‍त फाईनेंस कम्‍पनी को वापस की गई अथवा किया जाना है।

प्रत्‍यर्थी/विपक्षी/प्राधिकरण की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री पियूष मणि त्रिपाठी द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश को पूर्णत: अविधिक एवं अनुचित बताया गया।

उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता द्व्‍य को सुनने के उपरांत तथा विशेष रूप से इस तथ्‍य को दृष्टिगत रखते हुए कि परिवादिनी द्वारा जो धनराशि भूखण्‍ड प्राप्‍त किये जाने हेतु प्रत्‍यर्थी/विपक्षी/प्राधिकरण के सम्‍मुख वर्ष-2013 में किस्‍तवार रूप से जमा की गई, उपरोक्‍त धनराशि को प्राप्‍त किये जाने पर परिवादिनी द्वारा फाईनेंस कम्‍पनी को 10.40 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज दिया गया अथवा दिया जावेगा। तद्नुसार न्‍यायहित में परिवादिनी द्वारा प्राप्‍त ऋण के विरूद्ध देय ब्‍याज को प्राप्‍त किये जाने का हक परिवादिनी का उचित प्रतीत होता है।

 

-4-

तद्नुसार प्रस्‍तुत अपील सं0-610/2022 को अंतिम रूप से जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश को दृष्टिगत रखते हुए जिला उपभोक्‍ता आयोग के आदेश में निम्‍न संशोधन करते हुए अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है अर्थात जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित आदेश में अंकन 11,40,000.00 रू0 प्रत्‍यर्थी/विपक्षी/मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा दो माह की अवधि में 11 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज की गणना करते हुए परिवादिनी को प्राप्‍त कराया जावे, साथ ही परिवाद व्‍यय एवं परिवादिनी को हुए शारीरिक, मासिक एवं आर्थिक कष्‍ट की भरवाई हेतु क्षतिपूर्ति के रूप में रू0 25,000.00 की धनराशि भी प्रत्‍यर्थी/विपक्षी/प्राधिकरण द्वारा परिवादिनी को प्राप्‍त करायी जावेगी। समस्‍त धनराशि इस निर्णय/आदेश की तिथि से दो माह की अवधि में परिवादिनी को प्राप्‍त करायी जावेगी अन्‍यथा ब्‍याज की गणना 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से प्रत्‍यर्थी/विपक्षी/प्राधिकरण द्वारा परिवादिनी को देय होगी।

प्रत्‍यर्थी/विपक्षी/मेरठ विकास प्राधिकरण की ओर से प्रस्‍तुत अपील सं0-177/2022 निरस्‍त की जाती है।

इस निर्णय/आदेश की मूल प्रति अपील सं0-610/2022 में रखी जावे एवं इस निर्णय/आदेश की एक प्रमाणित प्रतिलिपि अपील सं0-177/2022 पर भी रखी जाए।

उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्‍तर्गत अपील सं0-177/2022  में जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को नियमानुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जावे।

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वइ इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                                    (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                     

                                              अध्‍यक्ष                                                                                                                            

 

हरीश सिंह

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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