राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील सं0-१३७२/१९९६
(जिला फोरम, बहराइच द्वारा परिवाद सं0-४७/१९९६ में पारित निर्णय/आदेश दिनांक १६-०८-१९९६ के विरूद्ध)
सरवर जहॉं पत्नी मोहम्मद कलीम निवासी मोहल्ला नजीरपुरा (पश्चिमी) निकट खुसरू बागवान, शहर व जिला बहराइच।
................... अपीलार्थी/परिवादिनी।
बनाम्
१. जीप सेल्स कारपोरेशन महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा व्हीकल सेल्स सर्विस एण्ड स्पेयर्स, १०, फॉर्सथ रोड, लाल बाग, लखनऊ -२२६००१.
२. महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लि0, आटो मोटर्स डिवीजन अकरौली रोड, कान्दिवली (ई) पो.बॉक्स नं० ८५५२ बॉम्बे।
३. महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लि0, सी-२८४, निराला नगर, लखनऊ – २२६००७
.................... प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
अपील सं0-१२८७/१९९६
(जिला फोरम, बहराइच द्वारा परिवाद सं0-४७/१९९६ में पारित निर्णय/आदेश दिनांक १६-०८-१९९६ के विरूद्ध)
१. मै0 महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लि0 (कम्पनीज एक्ट १९५६ के अन्तर्गत स्थापित) रजिस्टर्ड कार्यालय गेटवे बिल्डिंग, अपोलो बण्डर, बाम्बे द्वारा अधिकृत हस्ताक्षरी श्री संदीप सिंह।
२. मै0 ए. आटोमूवर्स प्रा0लि0 (पूर्व में भिज्ञ जीप सेल्स कारपोरेशन) १०, फॉर्सथ रोड, लाल बाग, लखनऊ द्वारा निदेशक श्री भूपेन्द्र सिंह तलवार।
.................... अपीलार्थीगण/विपक्षीगण।
बनाम्
सरवर जहॉं पत्नी मोह कलीम निवासी मोहल्ला नजीरपुरा (पश्चिमी) निकट खुसरू बागवान, शहर व जिला बहराइच।
................... अपीलार्थी/परिवादिनी।
समक्ष:-
१- मा0 आलोक कुमार बोस, पीठासीन सदस्य।
२- मा0 श्री संजय कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी/परिवादिनी की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
प्रत्यर्थी महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा की ओर से उपस्थित:- श्री आलोक सिन्हा विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी जीप सेल्स कार० की ओर से उपस्थित :- श्री काशीनाथ शुक्ला विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक : ................
मा0 श्री आलोक कुमार बोस, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
उपरोक्त अपील सं0-१३७२/१९९६ एवं अपील सं0-१२८७/१९९६ जिला फोरम, बहराइच द्वारा परिवाद सं0-४७/१९९६ में पारित निर्णय/आदेश दिनांक १६-०८-१९९६ के विरूद्ध योजित
-२-
की गयी हैं। ये दोनों अपीलें परस्पर संयुक्त एवं एक दूसरे की पूरक हैं। अत: इन दोनों अपीलों की सुनवाई साथ-साथ की गयी।
दिनांक ३१-०३-२०१५ को दोनों अपीलें सुनवाई हेतु ली गयीं। उस दिन अपीलार्थी/परिवादिनी सरवर जहॉं की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया जबकि प्रत्यर्थी महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा की ओर से श्री आलोक सिन्हा तथा प्रत्यर्थी जीप सेल्स कारपोरेशन की ओर से श्री काशीनाथ शुक्ला उपस्थित हुए। चूँकि ये दोनों अपीलें परस्पर संयुक्त एवं पूरक अपीलें हैं और पिछले १८ वर्ष से अधिक समय से निस्तारण हेतु लम्बित हैं, अत: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम १९८६ की धारा-३० की उपधारा (२) के अन्तर्गत निर्मित उत्तर प्रदेश उपभोक्ता संरक्षण नियमावली १९८७ के नियम ८ के उप नियम (६) में दिये गये प्राविधान को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्यर्थी महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा की ओर से श्री आलोक सिन्हा विद्वान तथा प्रत्यर्थी जीप सेल्स कारपोरेशन की ओर से श्री काशीनाथ शुक्ला को विस्तारपूर्वक सुना गया एवं दोनों पत्रावलियों पर उपलब्ध समस्त अभिलेखों/साक्ष्यों का गहनता से परिशीलन किया गया।
प्रश्नगत परिवाद सं0-४७/१९९६ की परिवादिनी श्रीमती सरवर जहॉं का कहना है कि उसने एक महिन्द्रा जीप पंजीयन संख्या यू.पी. ४०/९२०४ दिनांक ०७-०४-१९९५ को अपने फाइनेंसर मै0 कन्सोडियम फाइनेंस एण्ड लीजिंग बहराइच से २,५५,४६५/- रू० अग्रिम लेकर खरीदी थी। इस जीप का पंजीकरण दिनांक २७-०६-१९९५ को आर.टी.ओ. कार्यालय बहराइच से कराया एवं इस सम्बन्ध में दिनांक ०९-०८-१९९५ से ०८-०८-२००० तक रोड परमिट प्राप्त किया। जीप क्रय करने के पश्चात् ही उसके इंजन वाइप्रेशन व पम्प में खराबी आ गयी और परिवादिनी को यह भी ज्ञात हुआ कि जीप में नकली टायर लगे हुए थे। यह जीप वारण्टी अवधि में खराब हो गयी जिसकी सूचना महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लि0 को समय से दी गयी परन्तु उनके द्वारा कोई कार्यवाही न करने पर श्रीमती सरवर जहॉं को परिवाद सं0-४७/१९९६ अधीनस्थ फोरम में संस्थित करने की आवश्यकता पड़ गयी।
उभय पक्ष को सुनने के उपरान्त अधीनस्थ फोरम द्वारा परिवाद को स्वीकार किया गया तथा विपक्षीगण को व्यक्गित एवं संयुक्त रूप से आदेश दिया गया कि वे आदेश की सूचना होने के १५ दिन के भीतर परिवादिनी श्रीमती सरवर जहॉं को उसकी दोषपूर्ण गाड़ी
-३-
को मंगवाकर अधिक से अधिक एक माह के भीतर उसके निर्माण सम्बन्धी दोष दूर कर दें, इसका जो भी रूपया मरम्मत का हो वह परिवादिनी से विपक्षीगण बसूल नहीं करेंगे एवं यदि किन्हीं परिस्थितियों में निर्माण सम्बन्घी दोष विपक्षीगण दूर नहीं कर पाते हैं तो परिवादिनी से दोषपूर्ण गाड़ी लेकर उसी मॉडल की नयी जीप एक माह के अन्दर परिवादिनी को उपलब्ध करायेंगे।
इसी आदेश से क्षुब्ध होकर परिवादिनी ने अपील सं0-१३७२/१९९६ इस प्रार्थना के साथ संस्थित की है कि प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश को संशोधित करते हुए उसे क्षतिपूर्ति भी विपक्षीगण से दिलायी जाय। विपक्षीगण महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लि0 एवं मै0 ए. आटोमूवर्स प्रा0लि0 (पूर्व में भिज्ञ जीप सेल्स कारपोरेशन) की ओर से अपील सं0-१२८७/१९९६ इस प्रार्थना के साथ दाखिल की गयी है कि अधनीस्थ फोरम द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश विधि एवं तथ्यों के विपरीत होने के कारण उसे अपास्त कर दिया जाय।
सुनवाई के दौरान् अपीलार्थी महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक सिन्हा ने पीठ को सूचित किया कि उनके द्वारा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १६-०८-१९९६ का अनुपालन पूर्ण सन्तुष्टि के आधार पर दिनांक ०६-११-१९९६ को अन्तिम रूप से कर दिया गया है एवं इस सम्बन्ध में अधीनस्थ फोरम द्वारा निष्पादन वाद सं0-९१/१९९६ में अन्तिम रूप से दिनांक ०६-०५-१९९७ को आदेश पारित किया गया है। अब कोई कार्यवाही शेष नहीं रह गयी है। अपील सं0-१३७२/१९९६ की अपीलार्थी सरवर जहॉं की ओर से कोई आपत्ति इस सम्बन्ध में नहीं की गयी है। अपील दाखिल करने के उपरान्त से उनकी ओर से इस अपील में कोई अभिरूचि लेना छोड़ दिया गया है।
पीठ द्वारा पत्रावली का परिशीलन किया गया। अधीनस्थ फोरम द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश में किसी प्रकार की कोई तथ्यात्मक एवं विधिक त्रुटि नहीं है। अत: अपील सं0-१३७२/१९९६ सारहीन होने के कारण निरस्त होने योग्य है।
जहॉं तक अपील सं0-१२८७/१९९६ का प्रश्न है, अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता ने पीठ को सूचित किया है कि उनके द्वारा प्रश्नगत आदेश दिनांक १६-०८-१९९६ का पूर्णरूपेण अनुपालन कर दिया गया है और इस सम्बन्ध में संस्थित निष्पादन वाद सं0-९१/१९९६ को भी दिनांक ०६-०५-१९९७ को अधीनस्थ फोरम द्वारा अन्तिम रूप से निस्तारित कर दिया
-४-
गया है और इस प्रकरण में अब कोई कार्यवाही शेष नहीं रह गयी है। इसी आधार पर उनकी ओर से इस अपील पर कोई बल नहीं दिया गया है। तद्नुसार यह अपील (१२८७/१९९६) भी सारहीन होने के कारण निरस्त होने योग्य है।
आदेश
उपरोक्तानुसार प्रस्तुत अपील सं0-१३७२/१९९६ एवं अपील सं0-१२८७/१९९६ निरस्त की जाती है। प्रकरण के तथ्य एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए पक्षकार अपीलीय व्यय-भार अपना-अपना स्वयं वहन करेंगे। उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय। इस निर्णय की मूल प्रति अपील सं0-१३७२/१९९६ में रखी जाये तथा एक प्रतिलिपि अपील सं0-१२८७/१९९६ में रखी जाय।
(आलोक कुमार बोस)
पीठासीन सदस्य
(संजय कुमार)
सदस्य
प्रमोद कुमार
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-5.