(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-466/2021
अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खण्ड
बनाम
सरिता गुप्ता
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :कोई नहीं
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक : 16.08.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-107/2017, सरिता गुप्ता बनाम अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय सिधारी, आजमगढ़ में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 05.08.2021 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर बहस करने के लिए कोई उपस्थित नहीं है। अत: अपील के ग्राह्यता के बिन्दु पर स्वयं पीठ द्वारा निर्णय का अवलोकन किया गया तथा इसी अवसर पर अपील को अंतिम रूप से निस्तारित किये जाने का निर्णय लिया गया।
2. परिवाद के तथ्यों के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादिनी द्वारा औद्योगिक कनेक्शन सं0 2201/094718 स्वरोजगार के लिए आटा चक्की चलाने हेतु लिया था, जिसे दिनांक 05.08.2016 को विच्छेदित कर दिया गया, इसलिए कनेक्शन का उपभोग बन्द हो गया। कनेक्शन विच्छेदित होने के पश्चात भी बकाया बिल भेजा जाता रहा और दिनांक 02.04.2017 तक 96,600/-रू0 बकाया दिखाया गया, जबकि विच्छेदन की तिथि के पूर्व मात्र 46,343/- रूपये बकाया था। प्रत्यर्थी/परिवादिनी द्वारा दिनांक 30.07.2016 को 10,000/-रू0 जमा कर दिया गया, परंतु इसके बाद 07.08.2020 को वसूली प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।
3. जिला उपभोक्ता मंच ने अपने निर्णय में यही आदेश वर्णित किया है कि प्रत्यर्थी/परिवादिनी पर 46,343/-रू0 विच्छेदन की तिथि पर बकाया था, जिसमें से प्रत्यर्थी/परिवादिनी द्वारा जमा राशि घटाते हुए अवशेष राशि प्राप्त की जाये, परंतु जिला उपभोक्ता मंच ने इस बिन्दु पर विचार नहीं किया कि जो राशि बकाया है, उस पर समय से अदा न किये जाने के कारण ब्याज भी अधिरोपित हो चुका है। अत: अपील आंशिक रूप से इस प्रकार स्वीकार होने योग्य है कि विद्युत कनेक्शन के विच्छेदन की तिथि से 06 माह तक केवल न्यूनतम शुल्क वसूल किया जाये और 06 माह के पश्चात स्थायी विच्छेदन समझा जाये। यह आदेश इस आधार पर देना उचित है कि स्थायी विच्छेदन के लिए कोई शुल्क जमा करने का सबूत पत्रावली पर मौजूद नहीं है। इसी प्रकार स्थायी विच्छेदन बकाया राशि जमा करने के पश्चात ही हो सकता है, परंतु प्रत्यर्थी/परिवादिनी द्वारा बकाया राशि जमा नहीं की गयी है, इसलिए स्थायी विच्छेदन नहीं हुआ है, इसलिए विच्छेदन के पश्चात स्थायी विच्छेदन 06 माह की अवधि के पश्चात उद्धृत किया जाता है। इस अवधि के दौरान न्यूनतम विद्युत शुल्क प्रत्यर्थी/परिवादिनी को जमा करना होगा।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवाद पत्र में वर्णित विच्छेदन की तिथि 05.08.2016 से अगले 06 माह की अवधि तक न्यूनतम विद्युत शुल्क प्रत्यर्थी/परिवादिनी से प्राप्त किया जायेगा। 06 माह पश्चात विद्युत कनेक्शन को स्थायी रूप से विच्छेदित माना जायेगा। इस अवधि के बाद कोई विद्युत बिल जारी नहीं किया जायेगा, परंतु इस अवधि तक का बकाया बिल जमा राशि में से घटाते हुए 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष के ब्याज के साथ वसूल किया जायेगा। शेष निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
16.08.2023
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 1