( मौखिक )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या : 320/2022
डा0 एस0 के0 पाण्डेय, निर्मल हास्पिटल एण्ड लैप्रोस्कोपिक सर्जरी सेण्टर स्थित मोहल्ला साकेत नगर निकट सीएम0ओ0 आफिस शहर रायबरेली परगना व तहसील सदर रायबरेली जिला रायबरेली।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम्
श्रीमती सरस्वती शुक्ला पत्नी श्री रमेश कुमार शुक्ला निवासी ग्राम सॉडबरा पोस्ट कठघर परगना व तहसील सदर रायबरेली जिला रायबरेली।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष :-
1-मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2-मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
3-मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री विनीत कुमार।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित- श्री आनंद भार्गव।
दिनांक : 23-08-2023
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री विनीत कुमार उपस्थित। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री आनंद भार्गव उपस्थित।
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पीठ द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण को विस्तारपूर्वक सुना गया तथा विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।
विद्धान जिला आयोग द्वारा परिवाद संख्या-233/2009 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 21-10-2019 के परिशीलनोपरान्त यह पाया गया कि निर्विवादित रूप से परिवादिनी श्रीमती सरश्वती शुक्ला की चिकित्सा अपीलार्थी/विपक्षी डा0 एस0 के0 पाण्डेय द्वारा अपने नर्सिंग होम में सम्पादित की गयी है जिसमें कुछ चिकित्सीय त्रुटियॉं विपक्षी चिकित्सक द्वारा स्वीकृत की गयी, परन्तु वह त्रुटियॉं विपक्षी चिकित्सक द्वारा चिकित्सा पद्धति अपनाते हुए लगभग समाप्त कर दी गयी, परन्तु चूंकि परिवादिनी को पुन: परेशानी हुई अतएव उसके द्वारा एस0जी0पी0जी0आई0 लखनऊ में भविष्य में इलाज कराये जाने हेतु सम्पर्क किया गया, जहॉं पर चिकित्सा कराने पर लगभग प्रथम चरण में 13,243/-रू0 और द्धितीय चरण में रू0 79,813.34 पैसे अर्थात लगभग रू0 93,000/- खर्च हुआ, जब कि परिवादिनी द्वारा अपीलार्थी चिकित्सक के चिकित्सालय में चिकित्सा हेतु लगभग 20,000/-रू0 का खर्च किये गये। तदनुसार चिकित्सा में लगभग 1,15,000/-रू0 का खर्च परिवादिनी की चिकित्सा पद्धति में हुआ है जो अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्धान अधिवक्ता द्वारा पाया गया, जब कि जिला आयोग द्वारा निर्णय पारित करते हुए समस्त तथ्यों को विस्तार से उल्लिखित करने के उपरान्त
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परिवादिनी की चिकित्सा में कुल खर्च की गणना करते हुए 1,60,000/-रू0 की देयता निर्धारित विपक्षी पर निर्धारित की गयी है, साथ ही शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक यात्रा व्यय के मद में 35000/-रू0 व परिवाद वाद व्यय के मद में 5,000/-रू0 भी परिवादिनी को अदा करने हेतु निर्देशित किया गया है अर्थात कुल धनराशि रू0 2,00,000/- की देयता जिला आयोग द्वारा विपक्षी पर निर्धारित की गयी है।
हमारे द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण को सुना गया तथा समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए न्यायहित में प्रस्तुत अपील अंतिम रूप से निम्न आदेश के द्वारा संशोधित करते हुए निस्तारित की जाती है :-
‘’ अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है और विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को संशोधित करते हुए परिवादिनी को विपक्षी अर्थात अपीलार्थी द्वारा कुल देय धनराशि 2,00,000/-रू0 को कम करते हुए रू0 80,000/- की देयता चिकित्सीय व्यय के रूप में निर्धारित की जाती है, साथ ही शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक यात्रा व्यय के मद में रू0 15,000/- एवं वाद व्यय के रूप में रू0 5,000/- अर्थात कुल धनराशि रू0 1,00,000/- की देयता विपक्षी पर निर्धारित की जाती है। उपरोक्त 1,00,000/-रू0 की धनराशि विपक्षी परिवादिनी को इस निर्णय से एक माह की अवधि में अदा करेगा अन्यथा की स्थिति में परिवादिनी विपक्षी से रू0 1,00,000/- पर 09 प्रतिशत वार्षिक की दर से
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ब्याज परिवाद प्रस्तुत किये जाने की तिथि से अंतिम अदायगी की तिथि तक पाने की अधिकारिणी होगी।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना) (सुधा उपाध्याय)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य
प्रदीप मिश्रा, आशु0 कोर्ट नं0-1