Uttar Pradesh

StateCommission

A/1779/2015

Cholamandalam MS General Insurance C. Ltd - Complainant(s)

Versus

Smt. Sampat - Opp.Party(s)

Tarun Kumar Misra

28 Feb 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1779/2015
( Date of Filing : 02 Sep 2015 )
(Arisen out of Order Dated 24/07/2015 in Case No. C/154/2012 of District Mahoba)
 
1. Cholamandalam MS General Insurance C. Ltd
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt. Sampat
Mahoba
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 28 Feb 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्‍तर प्रदेश, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील सं0-1779/2015

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, महोबा द्वारा परिवाद सं0-154/2012 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 24-07-2015 के विरूद्ध)

चोलामण्‍डलम एमएस जनरल इंश्‍योरेंस कं0लि0, रीजनल आफिस, द्वितीय तल, 4 मैरी गोल्‍ड, शाहनजफ रोड, सप्रू मार्ग, लखनऊ द्वारा असिस्‍टेण्‍ट जनरल मैनेजर।

                                    ...........अपीलार्थी/विपक्षी।   

बनाम

श्रीमती सम्‍पत पत्‍नी श्री शिव राम निवासी मुहाल समद नगर, महोबा, तहसील व जिला - महोबा।                ................. प्रत्‍यर्थी/परिवादी।

समक्ष:-

1.   मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2.   मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री टी0के0 मिश्रा विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित :  श्री एस0के0 शुक्‍ला विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक :- 06-03-2023.   

मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

 

यह अपील, जिला उपभोक्‍ता आयोग, महोबा द्वारा परिवाद सं0-154/2012 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 24-07-2015 के विरूद्ध योजित की गयी है।

संक्षेप में अपीलार्थी का कथन है कि बीमा पालिसी कथित हानि को कवर नहीं करती है। बीमा पालिसी दिनांक 12-07-2012 को समाप्‍त होने वाली थी और कथित घटना दिनांक 05-07-2012 की है। घटना की सूचना थाने में नहीं दी गई और अपीलार्थी को भी सूचना नहीं दी गई अन्‍यथा अविलम्‍ब अन्‍वेषक की नियुक्ति की जाती। सेवा में कोई कमी नहीं की गई है। विद्वान जिला आयोग का निर्णय पूर्वाग्रह से ग्रसित और तथ्‍यों के परे है। अत: ऐसी स्थिति में मा0 राज्‍य आयोग से निवेदन है कि विद्वान जिला आयोग का प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश अपास्‍त होने एवं अपील स्‍वीकार होने

 

 

 

 

-2-

योग्‍य है।

      हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना एवं पत्रावली का सम्‍यक रूप से परिशीलन किया।

      परिवादिनी का कथन है कि वह वाहन सं0-यू0पी0 95 डी 4777 बुलेरो एस0एल0ई0 की वाहन स्‍वामिनी है जिसका बीमा विपक्षीगण के यहॉं हुआ है और यह बीमा दिनांक 13-07-2011 से 12-07-2011 तक वैध था। परिवादिनी का वाहन दिनांक 05-07-2012 को समय 2-30 बजे अचानक सामने से मोटरसाईकिल आने के कारण पेड़ से टकरा गई जिसकी सूचना विपक्षी कम्‍पनी को दिनांक 06-07-2012 को उनके टोल फ्री नम्‍बर 18002005544 पर दी गई जो कि शिकायत सं0-995114 पर दर्ज की गई एवं दिनांक 10-07-2012 को उक्‍त टोल फ्री नम्‍बर पर पुन: दुर्घटना की शिकायत की थी जिसकी सूचना पर विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को क्‍लेम नं0-997517 दिया गया था तथा तुरन्‍त फोन पर संदेश भी प्राप्‍त हुआ था जिसमें श्री रिषिराज का मोबाइल नं0 09300650416 पर सम्‍पर्क हेतु करा गया था। इसके बाद श्री वेद प्रकाश जी का चेन्‍नई से फोन परिवादिनी के मोबाइल पर आया, जिसमें परिवादिनी को आनन्‍द तिवारी से बात करने तथा अरूण कुमार, झॉंसी से फोन पर बात करने को कहा गया और परिवादिनी की उनसे वार्ता भी हुई। तदनुसार परिवादिनी के उक्‍त वाहन का सर्वे नटराज आटोमोबाइल्‍स, झॉंसी में हुआ। सर्वेकर्ता ने पालिसी की प्रति मांगी तो परिवादिनी द्वारा अपने एजेण्‍ट रजनी तिवारी से पालिसी मांगी तो उन्‍होंने परिवादिनी को थर्ड पार्टी की पालिसी प्रदान की जबकि परिवादिनी ने फर्स्‍ट पार्टी का प्रीमियम 13,835/- रू0 दिनांक 13-07-2011 को प्राप्‍त करा दिया था। परिवादिनी ने इसकी शिकायत भी उक्‍त टोल फ्री नम्‍बर पर दर्ज      कराई थी। वाहन का सर्वे होने के बाद गाड़ी सही करने पर 72,430/- रू0

 

 

 

 

 

-3-

परिवादिनी ने जमा किया था तथा इसके अलावा महोबा से झॉंसी ले जाने में तथा नया टायर मु0 5,800/- रू0 में डलवाया। इस प्रकार परिवादिनी को अपने वाहन को ठीक कराने में कुल 83,230/- रू0 का खर्च आया। परिवादिनी जब विपक्षीगण से क्षतिपूर्ति दिलाए जाने की बात करती है तो उनके द्वारा यही आश्‍वासन दिया जाता है कि 2 – 4 दिन में चेक भिजवा दिया जाएगा। परिवादिनी ने इस सम्‍बन्‍ध में लिखित रूप से प्रार्थना पत्रभी दिया लेकिन जब उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई तब परिवादिनी ने परिवाद जिला आयोग में प्रस्‍तुत किया।

      विद्वान जिला आयोग ने इन तथ्‍यों को देखते हुए निम्‍न आदेश पारित किया :-

      ‘’ परिवादिनी का परिवाद खिलाफ विपक्षीगण स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादिनी को बीमित धनराशि 87,000/- रूपये इस निर्णय के अंदर एक माह प्रदान करे। विपक्षीगण उक्‍त आदेश का अनुपालन इस निर्णय के अंदर एक माह करे अन्‍यथा विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को उपरोक्‍त धनराशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज भी देय होगा। ‘’    

      हमने विद्वान जिला आयोग के प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश का अवलोकन किया। वर्तमान मामले के उपरोक्‍त तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचते हैं कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा दिया गया प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश विधि सम्‍मत है किन्‍तु विद्वान जिला आयोग ने मानसिक यन्‍त्रणा के मद में 5,000/- रू0 दिलाया है जो अधिक है और इसे घटाकर 1,000/- रू0 किया जाना उचित है। इसी प्रकार विद्वान जिला आयोग द्वारा 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की अदायगी हेतु आदेशित किया गया है वह भी हमारे विचार से अधिक है और

 

 

 

 

 

-4-

इसे घटाकर 08 प्रतिशत किया जाना उचित है। तद्नुसार वर्तमान अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है। 

आदेश

वर्तमान अपील आशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग, महोबा द्वारा परिवाद सं0-154/2012 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 24-07-2015 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादिनी को बीमित धनराशि 83,000/- रूपये इस निर्णय के अंदर एक माह प्रदान करे। विपक्षीगण उक्‍त आदेश का अनुपालन इस निर्णय के अंदर एक माह करें  अन्‍यथा विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को उपरोक्‍त धनराशि पर 08 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज की दर से ब्‍याज भी देय होगा। शेष निर्णय की पुष्टि की जाती है।

अपील व्‍यय उभय पक्ष पर।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाए।

      वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

         (सुशील कुमार)                       (राजेन्‍द्र सिंह)

            सदस्‍य                                  सदस्‍य    

              

 

निर्णय आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

         (सुशील कुमार)                       (राजेन्‍द्र सिंह)

            सदस्‍य                                 सदस्‍य                    

 

 

 

प्रमोद कुमार

वैय0सहा0ग्रेड-1,

कोर्ट नं.-2.     

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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