( मौखिक )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या :434/2022
मै0 जील मोटर्स द्वारा मैनेजर
बनाम्
श्रीमती शबनम अंसारी आयु लगभग 52 वर्ष पत्नी श्री नासिर हुसैन अंसारी व अन्य
समक्ष :-
- मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री एस0 के0 श्रीवास्तव।
प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित-श्री अखिलेश त्रिवेदी।
प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से उपस्थित- श्री प्रसून कुमार राय।
दिनांक : 16-05-2024
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
परिवाद संख्या-444/2019 श्रीमती शबनम अंसारी बनाम मै0 भारती अक्सा जनरल इं0कं0लि0 व एक अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम, बरेली द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 11-11-2021 के विरूद्ध यह अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत की गयी है।
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विद्धान जिला आयोग द्वारा परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्या-2 के विरूद्ध स्वीकार करते हुए निम्नलिखित निर्णय एवं आदेश पारित किया है:-
‘’परिवादिनी का परिवाद विपक्षी संख्या-2 के विरूद्ध इस प्रकार स्वीकार किया जाता है कि विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा प्राप्त धनराशि रू0 4,91,309/-रू0 मय 07 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज सहित विपक्षी संख्या-2 परिवादिनी को 30 दिन में वापस करेंगे। ब्याज की गणना बीमा कम्पनी द्वारा विपक्षी संख्या-2 को पैसा देने की तिथि से परिवादिनी को वापस किये जाने की तिथि तक किया जायेगा। इसके अलावा क्षतिग्रस्त वाहन परिवादिनी को उसी हालत में वापस किया जायेगा। इस संबंध में विपक्षी संख्या-2 परिवादिनी को रू0 10,000/- क्षतिपूर्ति व रू0 5000/- खर्चा मुकदमा के रूप में अदा करेगा। आदेश का अनुपालन 30 दिन में किया जायेगा।‘’
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री एस0 के0 श्रीवास्तव उपस्थित आए। प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री अखिलेश त्रिवेदी उपस्थित आए। प्रत्यर्थी संख्या-2 की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री प्रसून कुमार राय उपस्थित आए।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि वह जिला आयोग के समक्ष नियत तिथि पर उपस्थित नहीं हो सके और विद्धान जिला आयोग द्वारा परिवादी एवं विपक्षी संख्या-1 को सुनने के पश्चात विपक्षी संख्या-2 के
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विरूद्ध निर्णय एवं आदेश पारित कर दिया गया। चूंकि अपीलार्थी जो परिवाद के विपक्षी संख्या-2 हैं, को बिना सुने ही जिला आयोग द्वारा निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है जिस कारण वह जिला आयोग के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं कर सके अत: उसे न्यायहित में अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु एक अवसर प्रदान किया जावे।
मेरे द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का सम्यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।
उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का परिशीलन एवं परीक्षण करने के पश्चात मैं इस मत का हूँ कि विद्धान जिला आयोग द्वारा अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-2 को बिना सुने ही उसके विरूद्ध निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है जिस कारण वह जिला आयोग के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं कर सका अत: न्यायहित में अपीलार्थी जो परिवाद के विपक्षी संख्या-2 है, को अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु एक अवसर प्रदान किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है। तदनुसार अपील स्वीकार की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्त किया जाता है तथा पत्रावली जिला आयोग को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की जाती है कि जिला आयोग परिवाद को अपने मूल नम्बर पर प्रतिस्थापित करते हुए उभयपक्ष को साक्ष्य और
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सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का निस्तारण गुणदोष के आधार पर 06 माह की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें। पुन: स्थगन किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं किया जावेगा।
उभयपक्ष जिला आयोग के सम्मुख दिनांक 15-06-2024 को उपस्थित होंवे।
अपील योजित करते समय अपीलार्थी द्वारा अपील में जमा धनराशि (यदि कोई हो) तो नियमानुसार अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को विधि अनुसार निस्तारण हेतु यथाशीघ्र प्रेषित की जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1