राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
पुनरीक्षण संख्या-15/2023
एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, इलैक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन डिवीजन-I बनाम श्रीमती रम्भा देवी
दिनांक: 21.03.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री दीपक मेहरोत्रा को सुना।
प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, गोरखपुर द्वारा परिवाद संख्या-395/2022 श्रीमती रम्भा देवी बनाम अधिशासी अभियन्ता में पारित निम्न आदेश दिनांक 20.01.2023 के विरूद्ध योजित की गयी है:-
''वाद पुकारा गया। पक्षकार हाजिर है। परिवादिनी की तरफ से प्रार्थना पत्र परिचालित किया गया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत 45 दिन के अन्दर विपक्षी को जवाबदेही दाखिल करनी थी लेकिन विपक्षी द्वारा नोटिस प्राप्ति करने के 45 दिन के बाद WS दाखिल की है। न्यायहित में विपक्षी का WS का अवसर समाप्त करते हुये पत्रावली बहस में लगाया जाये विपक्षी को मध्यस्थता में भी जाने के लिए कहा गया लेकिन विपक्षी मध्यस्थता में जाने के लिए तैयार नही है।
सुना गया पत्रावली का अवलोकन किया गया विपक्षी को नोटिस 30-8-22 को जारी है। जिसकी रसीद पत्रावली दिनांक 31-8-22 की है। विपक्षी द्वारा WS काफी विलम्ब से दाखिल किया गया है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 38 (2A) के अन्तर्गत विपक्षी अपनी जवाबदेही 45 दिन के अन्दर दाखिल किया जाना है। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश न्यू इण्डिया एश्योरेन्स बनाम लिली मल्टी परपज में विपक्षी को WS से वंचित किया गया है। विपक्षी का WS अस्वीकृत किया जाता है। पत्रावली दिनांक 03-2-23 को एकपक्षीय साक्ष्य के लिए पेश हो।''
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा उपरोक्त आदेश द्वारा पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी का लिखित कथन अस्वीकृत करते हुए परिवाद पत्रावली एकपक्षीय साक्ष्य हेतु नियत की गयी क्योंकि
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लिखित कथन प्रस्तुत किये जाने की अवधि समाप्त हो चुकी थी। यहॉं यह स्पष्ट किया जाना आवश्यक है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लिखित कथन प्रस्तुत किये जाने हेतु 45 दिन का समय प्रदान किये जाने हेतु आदेशित किया गया है, जबकि प्रस्तुत वाद में उपरोक्त समय समाप्त हो गया था।
तदनुसार प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका निरस्त की जाती है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1