Uttar Pradesh

StateCommission

A/339/2023

Baroda UP Bank - Complainant(s)

Versus

Smt. Pratima Devi - Opp.Party(s)

Awadhesh Shukla

10 Aug 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/339/2023
( Date of Filing : 27 Feb 2023 )
(Arisen out of Order Dated 12/01/2023 in Case No. CC/09/2021 of District Sant Ravidas Nagar)
 
1. Baroda UP Bank
Branch Manager , Ugapur Branch, Tehsil& Post- Aurai, Distt. Bhadohi
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt. Pratima Devi
W/O Rupesh Tiwari R/O Ugapur, Tehsil& Post- Aurai, Distt. Bhadohi
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 10 Aug 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

(मौखिक)

अपील संख्‍या-339/2023

बड़ौदा यू0पी0 बैंक (पूर्व में काशी गोमती संयुक्‍त ग्रामीण बैंक)

बनाम

श्रीमती प्रतिमा देवी पत्‍नी श्री रूपेश तिवारी व दो अन्‍य

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अवधेश शुक्‍ला,  

                            विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी की ओर से उपस्थित : श्री संजय कुमार वर्मा,  

                                   विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं02 व 3 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 10.08.2023

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील अपीलार्थी द्वारा इस न्‍यायालय के सम्‍मुख  जिला उपभोक्‍ता आयोग, भदोही द्वारा परिवाद संख्‍या-09/2021 श्रीमती प्रतिमा देवी बनाम जिला कृषि अधिकारी व दो अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 12.01.2023 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है।

मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता  श्री अवधेश शुक्‍ला एवं प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री संजय कुमार वर्मा को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।

     संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादिनी द्वारा कृषि कार्य हेतु विपक्षी संख्‍या-3 काशी गोमती संयुक्‍त ग्रामीण बैंक से वर्ष 2016 में किसान क्रेडिट कार्ड का ऋण लिया गया। परिवादिनी को कुल 86,000/-रू0 का ऋण स्‍वीकृत हुआ था, परन्‍तु प्रथम किश्‍त अंकन 59,100/-रू0 निर्गत की गयी। वर्ष  2016 में मौसम अनुकूल न होने के कारण फसल खराब हो  गयी।

 

 

-2-

उत्‍तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 में ऋण माफी योजना के अन्‍तर्गत कृषि ऋण का अंकन 1,00,000/-रू0 तक की धनराशि को माफ किया गया तथा राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज सभी लघु कृषकों का ऋण माफ हुआ। परिवादिनी भी ऋण माफी हेतु पात्र थी। परिवादिनी द्वारा ऋण माफी हेतु आवेदन प्रस्‍तुत किया गया, जिसके साथ खतौनी की प्रति, बैंक पासबुक एवं ऋण खाते का स्‍टेटमेन्‍ट, आधार कार्ड तथा निर्वाचन कार्ड की प्रति विपक्षीगण को दिया गया। विपक्षी संख्‍या-1 जिला कृषि अधिकारी द्वारा आवेदन तथा समस्‍त प्रपत्र प्राप्‍त कर के0सी0सी0 ऋण माफ करने की कार्यवाही किये जाने को कहा गया तथा परिवादिनी को आवश्‍वस्‍त किया गया कि वह उपयुक्‍त पात्र है।

     परिवादिनी का कथन है कि विपक्षीगण के द्वारा घोर लापरवाही करते हुए कम्‍प्‍यूटर में डीटेल फीडिंग करते मय परिवादिनी के आधार नम्‍बर की गलत फीडिंग कर दी गयी, जिसके कारण लखनऊ मुख्‍यालय से परिवादिनी को ऋण माफी योजना से वंचित कर दिया गया। विपक्षीगण से मौखिक सूचना मिलने पर परिवादिनी द्वारा उसके सही आधार संख्‍या की फीडिंग करके कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया तथा इस संबंध में परिवादिनी द्वारा ऑनलाइन शिकायत दिनांक 22.02.2018 को की गयी तथा विपक्षीगण को दिनांक 25/26.09.2019 को नोटिस प्रेषित की गयी, परन्‍तु विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी, जिसके कारण परिवादिनी को आर्थिक क्षति हुई। अत: क्षुब्‍ध होकर परिवादिनी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।

     विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख विपक्षी संख्‍या-1 जिला कृषि अधिकारी द्वारा जवाबदावा दाखिल किया गया तथा मुख्‍य रूप से कथन किया गया कि परिवादिनी ऋण माफी की पात्र थी तथा  दिनांक 31.03.2016  को  परिवादिनी  के  एकाउण्‍ट  में

 

 

-3-

आउटस्‍टैण्डिंग धनराशि 60007.36/-रू0 थी। दिनांक 31.03.2017 तक परिवादिनी द्वारा अंकन 3117.87/-रू0 जमा किया गया था। योजना के अनुसार अवशेष अंकन 59952.78/-रू0 का ऋण माफ होना था। प्रथम चरण के बाद से फीडिंग के समय परिवादिनी का डिमाण्‍ड जनरेट नहीं हुआ था। शासन द्वारा पात्र ऋणी कृ‍षकों को आनलाइन शिकायत करने का विकल्‍प दिया गया, जिसमें परिवादिनी द्वारा शिकायत संख्‍या 198000162  के माध्‍यम से ऋण माफ होने के लिये शिकायत किया, जिसमें मोबाइल नम्‍बर 7388616060 एवं आधार संख्‍या 878102098402 है, जिसमें जनपद स्‍तरीय माफी द्वारा ऋण माफी के लिए फाइनल रिपोर्ट सबमिट कर दिया गया। तदोपरान्‍त ''आलरेडी बे‍नीफिटेड ऑन आधार'' का फिल्‍टर लगाकर शासन द्वारा परिवादिनी का नाम वापस कर दिया गया। बैंक द्वारा परिवादिनी का आधार अन्‍य पात्र ऋणी कृषक के खाता संख्‍या में गलत फीड कर देने के कारण सम्‍बन्धित ऋणी कृषक का ऋण माफ किया गया, जबकि परिवादिनी का ऋण माफ नहीं हुआ। पुन: परिवादिनी के आधार संख्‍या को सही पात्र ऋणी कृषक के खाते में फीड कर जनपद स्‍तरीय कमेटी द्वारा प्राप्‍त करने के फलस्‍वरूप एनआईसी लखनऊ द्वारा संचालित सॉफ्टवेयर से श्रीमती प्रतिभा देवी पत्‍नी रूपेश तिवारी का डाटा फिल्‍टर करके बाहर कर दिया गया, जिसके कारण परिवादिनी का ऋण माफ नहीं हुआ।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख विपक्षी संख्‍या-3 काशी गोमती संयुक्‍त ग्रामीण बैंक बड़ौदा यू0पी0 बैंक शाखा उगापुर पूर्ववर्ती काशी संयुक्‍त ग्रामीण बैंक उगापुर जिला भदोही द्वारा जवाबदावा दाखिल किया गया तथा मुख्‍य रूप से कथन किया गया कि ऋण प्राप्‍त करने के उपरान्‍त परिवादिनी द्वारा अनु‍बन्‍ध के अनुसार खाते का नियमित संचालन नहीं किया गया। लिपिकीय त्रुटि के कारण परिवादिनी का आधार संख्‍या कपिल देव दूबे के कृषक खाते से जुड़ गया, जो स्‍वयं भी लाभार्थी की श्रेणी में थे तथा

 

 

-4-

उनकी पात्रता 1,00,000/-रू0 ऋण माफी की थी। परिवादिनी की पात्रता अंकन 59952.78/-रू0 की थी, परन्‍तु कृषि विभाग द्वारा बिना आधार नम्‍बर व खाता नम्‍बर मिलान किये धनराशि कपिल देव दूबे के खाते में स्‍थानांतरित कर दी गयी तथा यह कि शासन द्वारा एक बार उस आधार नम्‍बर पर ऋण माफी योजना स्‍वीकृत करने के कारण दोबारा परिवादिनी के शिकायती प्रार्थना पत्र पर विचार न करते हुए क्‍लेम खारिज कर दिया गया।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख विपक्षी संख्‍या-2 नोटिस तामीला के बावजूद उपस्थित नहीं हुए, अत: उनके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गयी।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्‍त विपक्षी संख्‍या-3 बैंक की सेवा में कमी पायी गयी। तदनुसार विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया गया:-

''परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्‍या 3 जो वर्तमान में बड़ौदा यू0पी0 बैंक शाखा उगापुर के नाम से संचालित है, को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादिनी के किसान क्रेडिट खाता संख्‍या 212015050001853 के सापेक्ष, खाते में अब तक की बकाया धनराशि मय ब्‍याज, स्‍वयं बैंक द्वारा समायोजित किया जाय तथा परिवादिनी को एक माह के अन्‍दर नो ड्यूज प्रमाणपत्र जारी किया जाय।

विपक्षी संख्‍या 3 बैंक द्वारा परिवादिनी के प्रति की गयी सेवा में कमी के कारण विपक्षी संख्‍या 3 बैंक को आदेशित किया जाता है कि वह क्षतिपूर्ति के रूप में 25,000/-रुपये परिवादिनी को अदा करे। विपक्षी संख्‍या 3 को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह परिवादिनी को वाद खर्च के रूप में एक माह के अन्‍दर 2,000/-रुपये अदा करे।

 

 

 

-5-

विपक्षी बैंक द्वारा उक्‍त आदेश का एक माह के अन्‍दर अनुपालन न करने की दशा में विपक्षी संख्‍या 3 बैंक से परिवादिनी को कुल स्‍वीकृत ऋण राशि 86,000/-रुपये एवं ऋण निर्गत किये जाने की तिथि से इस धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज परिवादिनी प्राप्‍त करने की अधिकारिणी होगी।''

अपीलार्थी बैंक के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि अपीलार्थी बैंक द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश विधिसम्‍मत नहीं है, जो अपास्‍त किये जाने योग्‍य है।

अपीलार्थी बैंक के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी का सही नाम ‘प्रतिभा देवी’ है न कि ‘प्रतिमा देवी’।

प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश विधिसम्‍मत है, जिसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

समस्‍त तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हूँ कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों का सम्‍यक अवलोकन/परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय एवं आदेश पारित किया गया, परन्‍तु मेरे विचार से जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा जो क्षतिपूर्ति के रूप में 25,000/-रू0 (पच्‍चीस हजार रूपये) अदा करने हेतु आदेशित किया गया है, उसे न्‍यायहित में कम कर 5,000/-रू0 (पॉंच हजार रूपये) किया जाना उचित है।

तदनुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग, भदोही द्वारा परिवाद संख्‍या-09/2021 श्रीमती प्रतिमा देवी बनाम जिला कृषि अधिकारी  व  दो

 

 

 

-6-

अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 12.01.2023 को संशोधित करते हुए क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/-रू0 (पॉंच हजार रूपये) की देयता निर्धारित की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग का शेष आदेश यथावत् रहेगा।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

     (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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