(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-395/2006
रिजनल मैनेजर, लाइफ इंश्योरेंस कारपोरेशन आफ इण्डिया तथा दो अन्य
बनाम
श्रीमती प्रभावति देवी पत्नी स्व0 राम इकबाल राय
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री संजय जायसवाल।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 20.06.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-194/2004, श्रीमती प्रभावति देवी बनाम भारतीय जीवन बीमा निगम तथा दो अन्य में विद्वान जिला आयोग, बलिया द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 17.1.2006 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री संजय जायसवाल को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए बीमा राशि अदा करने का आदेश पारित किया है।
3. अपील के दौरान अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि उन्हें सुनवाई का अवसर प्रदान नहीं हुआ है, जबकि निर्णय के पैरा सं0-1 में ही उल्लेख है कि विपक्षीगण उपस्थित हुए,
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उनके द्वारा लिखित कथन दाखिल करने का समय मांगा गया, समय स्वीकार किया गया, परन्तु इसके बाद भी कोई लिखित कथन प्रस्तुत नहीं किया गया। अत: विद्वान जिला आयोग के समक्ष जो परिवाद प्रस्तुत किया गया एवं उसके समर्थन में जो शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया, वह अखण्डनीय है और अखण्डनीय साक्ष्य के आधार पर विद्वान जिला आयोग द्वारा बीमा राशि अदा करने का आदेश दिया गया है। बीमा निगम ने इस तथ्य से इंकार नहीं किया है कि बीमाधारक ने बीमा पालिसी प्राप्त नहीं की गई थी, इसलिए विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में कोई हस्तक्षेप अपेक्षित नहीं है। तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2