Uttar Pradesh

StateCommission

A/645/2022

Ex. Engg Pashchimanchal Electricity Distribution Division Amroha - Complainant(s)

Versus

Smt. Poonam Rana - Opp.Party(s)

Isar Husain

07 Sep 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/645/2022
( Date of Filing : 14 Jul 2022 )
(Arisen out of Order Dated 27/05/2022 in Case No. C/2020/109 of District Jyotiba Phule Nagar)
 
1. Ex. Engg Pashchimanchal Electricity Distribution Division Amroha
Dist. Amroha
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt. Poonam Rana
W/o Late sri Hemant rana R/o Awas Colony First Dist. Amroha
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 07 Sep 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्‍तर प्रदेश, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या:-६४५/२०२२

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, अमरोहा द्धारा परिवाद सं0-१०९/२०२० में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक २७-०५-२०२२ के विरूद्ध)

 

१. एक्‍जक्‍यूटिव इंजीनियर, पश्चिमांचल विद्युत वितरण खण्‍ड अमरोहा, जिला अमरोहा।

२. उपखण्‍ड अधिकारी, पश्चिमांचल विद्युत वितरण खण्‍ड अमरोहा, जिला अमरोहा।

........... अपीलार्थीगण/विपक्षीगण।

बनाम     

श्रीमती पूनम राणा पत्‍नी स्‍व0 हेमन्‍त राणा निवासी आवास विकास कालोनी प्रथम, अमरोहा, जिला अमरोहा।

       …….. प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी।

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।         

 

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित :- श्री इसार हुसैन विद्वान अधिवक्‍ता के           

                              कनिष्‍ठ अधिवक्‍ता श्री काशिम जैदी। 

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित      :- कोई नहीं।

 

दिनांक :- ०७-०९-२०२२.

 

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

 

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी विद्युत विभाग द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम २०१९ की धारा-४१ के अन्‍तर्गत जिला

 

 

 

-२-

उपभोक्‍ता आयोग, अमरोहा द्धारा परिवाद सं0-१०९/२०२० में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक २७-०५-२०२२ के विरूद्ध योजित की गई है।

     दौरान बहस अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री इसार हुसैन के कनिष्‍ठ अधिवक्‍ता श्री काशिम जैदी द्वारा कथन किया गया कि जिला उपभोक्‍ता आयोग, अमरोहा द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक २७-०५-२०२२ में जो अपीलार्थी/विपक्षी के विरूद्ध मानसिक पीड़ा के लिए क्षतिपूर्ति स्‍वरूप ३,०००/- रू० एवं वाद व्‍यय स्‍वरूप २०००/- रू० की अदायगी हेतु आदेशित किया गया है, वह अवैधानिक है, अत्एव उसे समाप्‍त किया जावे। उन्‍होंने यह भी कहा कि यह निर्णय एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है।

      मेरे द्वारा अपलीर्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री इसार हुसैन के कनिष्‍ठ अधिवक्‍ता श्री काशिम जैदी को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेखों का परिशीलन किया गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

     परिवाद पत्र के कथनानुसार परिवादिनी ने दिनांक २१-११-२०१६ को घरेलू विद्युत कनेक्‍शन ०१ किलोवाट का लिया था, जिसका मीटर सं0-०३०१६०५ तथा कनेक्‍शन सं0-१४९१९३ व खाता सं0-४६५१०९२८१५ है और उक्‍त कनेक्‍शन का परिवादिनी उपभोक्‍ता के रूप में प्रयोग कर रही है और देय बिल का भुगतान करती चली आ रही है तथा दिनांक ०४-०२-२०१७ से दिनांक १५-१०-२०२० तक का देय विद्युत बिल निर्धारित समय यसे जमा कर दिया है। दिनांक १४-१२-२०१७ को मीटर का बिल ज्‍यादा आने के कारण

 

 

-३-

चेक मीटर लगाए जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर चेक मीटर लगाया गया और कुछ दिन बाद विभागीय कर्मचारीगण के द्वारा मीटर सही बताते हुए चेक मीटर हटा लिया गया और उक्‍त चेक मीटर जुलाई २०२० में इण्‍ट्री होना बताया जिसकी कोई सूचना परिवादिनी को नहीं दी गई और १४-०९-२०२० को ५८,७७३/- रू० का बिल उसे दिया गया जो सरासर गलत है क्‍योंकि लगातार बिल की अदायगी परिवादिनी करती आ रही है और उसने दिनांक १५-१०-२०२० को भी १५०००/- रू० जमा कर दिए हैं।

     परिवादिनी का यह भी कथन है कि माह नवम्‍बर २०२० का जो बिल ५०,०९५/- रू० का दिया गया था वह कतई फर्जी बिल है, जिसे निरस्‍त कराने हेतु उसने विपक्षीगण को दिनांक १८-११-२०२० को रजिस्‍टर्ड डाक द्वारा नोटिस प्रेषित किया और उक्‍त नोटिस विपक्षीगण को तामील होने के बाद भी कोई जबाव नहीं दिया गया। दौरान् मुकदमा जानबूझकर उक्‍त विद्युत कनेक्‍शन दिनांक १०-०९-२०२१ को परिवादिनी पर ५९,२७४/- रू० देय राशि दर्शाते हुए अस्‍थायी रूप से बिना रीडिंग तहरीर किए काट दिया गया है, जिसे चालू कराया जाना आवश्‍यक है।

     विद्वान जिला आयोग द्वारा विपक्षीगण को नोटिस भेजी गई किन्‍तु विपक्षीगण पर पर्याप्‍त तामीला के बाबजूद उपस्थित न होने के कारण दिनांक ०६-०४-२०२० को एक पक्षीय कार्यवाही का आदेश पारित किया गया। विद्वान जिला आयोग ने उपलब्‍ध साक्ष्‍यों एवं विस्‍तृत विवेचना के आधार पर यह पाया कि परिवादिनी द्वारा विवादित अवधि में समस्‍त विद्युत देयों

 

 

-४-

का भुगतान कर दिया गया है। विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी के प्रार्थना पत्र दिनांक १२-१०-२०२० का निस्‍तारण न करके सेवा में कमी कारित की गई है जिससे परिवादिनी द्वारा दिनांक १४-०९-२०२० व ०९-१२-२०२० को जारी बिलों का भुगतान नहीं किया गया है। अत्एव विपक्षीगण परिवादी के द्वारा प्रस्‍तुत उपरोक्‍त प्रार्थना पत्र का पूर्ण रूप से निस्‍तारण कर संशोधित देय विद्युत बिल परिवादिनी को देने के लिए उत्‍तरदायी हैं, जिसका भुगतान परिवादिनी द्वारा किया जाना है। तद्नुसार परिवादिनी की ओर से प्रस्‍तुत प्रलेखीय साक्ष्‍यों के आधार पर विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा निम्‍नवत् आदेश पारित किया गया :-

     ‘’ परिवादिनी का परिवाद एक पक्षीय रूप से विपक्षीगण के विरूद्ध ३०००/- रू० मानसिक पीड़ा व मु0 २०००/- रू० वाद व्‍यय के लिए स्‍वीकार किया जाता है कि परिवादिनी निर्णय के १५ दिनों के अन्‍दर निर्णय की प्रतिलिपि सहित उक्‍त प्रार्थना पत्र के निस्‍तारण के सम्‍बन्‍ध में विपक्षीगण को आवेदन प्रस्‍तुत करे और विपक्षीगण उक्‍त प्रार्थना पत्र प्राप्‍त होने पर प्रार्थिनी के प्रार्थना पत्र दि0 १२-१०-२०२० का0सं0 १९ग का परिवादिनी के द्वारा इस निर्णय की प्रति के साथ प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत किए जाने के ३० दिन के अन्‍दर निस्‍तारण कर संशोधित बिल परिवादिनी को भुगतान हेतु उपलब्‍ध कराये तथा मु0 ३०००/- रू० (तीन हजार रूपये) मानसिक पीड़ा व मु0 २०००/- रू० (दो हजार रूपये) वाद व्‍यय के लिए अदा करें और निर्धारित अवधि में अदा न करने पर उपरोक्‍त धनराशि पर निर्णय की तिथि से वास्‍तविक भुगतान तक ६ प्रतिशत की दर से ब्‍याज भी देय होगा। ‘’ 

     

-५-

      अधिवक्‍ता अपीलार्थी को सुनने के उपरान्‍त तथा सभी तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए तथा यह पाया जाता है कि अपीलीय स्‍तर पर भी अपीलार्थी की ओर से परिवादिनी के कथित प्रार्थना पत्र दिनांक १२-१०-२०२० के निस्‍तारण के सम्‍बन्‍ध में कोई साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं किया गया है। अत्एव अपीलार्थी विभाग के स्‍तर पर सेवा में कमी कारित किया जाना परिलक्षित होता है। ऐसी स्थिति में विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक २७-०५-२०२२ विधि सम्‍मत है और उसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

अपील व्‍यय अपीलार्थीगण स्‍वयं वहन करेगें।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

                                    (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                  

                                      अध्‍यक्ष                                                                                                                      

 

प्रमोद कुमार,

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-१,

कोर्ट नं0-१.

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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