राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-452/2021
(जिला उपभोक्ता फोरम, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद संख्या-440/2018 में पारित निर्णय दिनांक 16.08.2021 के विरूद्ध)
अर्श प्रोपर्टी एक्सपर्ट प्रा0लि0 द्वारा अधिकृत प्रतिनिधि पता फ्लैट
नं0 11065 टावर नं0 4 ब्लाक नं0ए जी0एच0-7 गौतमबुद्धनगर
स्थित प्रोपर्टी अर्श ग्रीन हाईटस ।। प्लाट 1 से 6 वेलकम सिटी
नीयर राधा स्वामी आश्रम शाहवेरी ग्रेटर नोएडा जिला गौतमबुद्धनगर
व दो अन्य। .........अपीलाथीगण@विपक्षीगण
बनाम्
श्रीमती पूनम मिश्रा पत्नी दुर्गा शंकर मिश्रा निवासी बी-135-136 जी.डी.
कालोनी मयूर बिहार पी.एच. दिल्ली। .......प्रत्यर्थी/परिवादिनी
समक्ष:-
1. मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलाथी की ओर से उपस्थित : श्री अमन कुमार श्रीवास्तव के सहायक श्री
प्रखर उपाध्याय, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री हरिकेश शर्मा, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक 27.07.2022
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी के अधिवक्ता श्री अमन कुमार श्रीवास्तव के सहायक अधिवक्ता श्री प्रखर उपाध्याय उपस्थित, जिनके द्वारा प्रस्तुत अपील को स्थगित किए जाने हेतु प्रार्थना की। विपक्षी की ओर से श्री हरिकेश कुमार शर्मा विद्वान अधिवक्ता उपस्थित हैं, जिनके द्वारा स्थगन का घोर विरोध किया गया तथा अवगत कराया गया कि विपक्षी श्रीमती पूनम मिश्रा पूर्व की भांति आज पुन: इस न्यायालय के सम्मुख स्वयं अपने छोटे 6 वर्षीय पुत्र के साथ उपस्थित हैं, जो कि दिल्ली से आज इस अपील की सुनवाई में हर तिथि पर स्वयं उपस्थित हो रही हैं।
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संक्षेप में अपील के तथ्य इस प्रकार हैं कि विपक्षी अपीलार्थी अर्श प्रोपर्टी एक्सपर्ट प्रा0लि0 व अन्य द्वारा प्रस्तावित फ्लैट अर्श ग्रीन हाईटस-।। प्लाट नं0 1 ता 6 वैलकम सिटी निकट राधा स्वामी आश्रम शाहाबेरी ग्रेटर नोएडा वेस्ट गौतमबुद्धनगर में फ्लैट नं0 509 टावर नं0 बी यानी पांचवां तल पर 780 स्कवायर फिट दिनांक 08.03.18 को आवंटित कराया था। उपरोक्त फ्लैट का सौदा पक्षकारों के मध्य कुल धनराशि रू. 1710000/- में अंतिम रूप से तय हुआ तथा परिवादिनी/विपक्षी द्वारा उपरोक्त फ्लैट के विरूद्ध चेक संख्या-33042452 दि. 24.02.18 को रू. 50000/- बयाने के रूप में अदा किए गए, तदुपरांत पुन: दि. 13.03.18 को रू. 120000/- पुन: 26.04.18 को रू. 170000/- अर्थात कुल धनराशि रू. 340000/- विपक्षी के खाते में जमा की तथा बकाया राशि रू. 1370000/- अदा करने के लिए विपक्षी द्वारा प्रस्तावित फ्लैट के संबंध में सरकारी विभाग के अनापत्ति प्रपत्र व कम्पलीशन प्रमाणपत्र की प्रति उपलब्ध कराए जाने पर देयता हेतु अपनी स्पष्ट सहमति दी। परिवादिनी द्वारा उपरोक्त फ्लैट की रजिस्ट्री हेतु उपरोक्त निर्मित फ्लैट के संबंध में जब पुन: अपीलार्थी कंपनी के कार्यालय में संपर्क किया गया तब अनेकों जानकारियां ऐसी प्राप्त हुई, जिसके कारण परिवादिनी को उपरोक्त प्रस्तावित फ्लैट न प्राप्त होने की जानकारी प्राप्त हुई, तदनुसार विपक्षी/अपीलार्थी कंपनी को लीगल नोटिस दिनांकित 24.08.18 प्रेषित किया गया था तथा जमा धनराशि मय 18 प्रतिशत ब्याज सहित व मानसिक, शारीरिक कष्ट हेतु रू. 50000/- दिए जाने हेतु प्रार्थना की।
अपीलार्थी कंपनी द्वारा उपरोक्त लीगल नोटिस पर किसी प्रकार की अपेक्षित कार्यवाही नहीं किए जाने के कारण परिवादिनी द्वारा विद्वान जिला
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फोरम गौतमबुद्धनगर द्वारा परिवाद संख्या 440/18 योजित किया गया, जो अनेकों तिथियों पर विद्वान जिला फोरम के सम्मुख सूचीबद्ध हुआ, जिसमें परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथपत्र के साथ एग्रीमेंट सेल एण्ड परचेज, एप्लीकेशन फार्म, लीगल नोटिस, बैंक पास बुक, आदि प्रपत्रों की छायाप्रतियां प्रलेखीय साक्ष्य में दाखिल है। विपक्षी/अपीलार्थी को नोटिस की तामीला के उपरांत भी किसी भी तिथि पर विपक्षी द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया, तदनुसार विद्वान जिला फोरम द्वारा परिवादिनी की एकपक्षीय बहस सुनने के उपरांत तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त साक्ष्यों का अवलोकन करने के पश्चात निर्णय व आदेश दि. 16.08.21 पारित किया गया, जिसके विरूद्ध प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख विगत लगभग 1 वर्ष से लंबित है।
पूर्व में विभिन्न तिथियों पर अपील स्थगित की गई, पुन: आज अपीलार्थी की ओर से स्थगन किए जाने की प्रार्थना की गई, जिस पर विपक्षी के अधिवक्ता द्वारा तथा परिवादिनी जो स्वयं उपस्थित है, उनके द्वारा विरोध किया गया। समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए तथा यह कि विद्वान जिला फोरम को परिवाद को स्वीकार करते हुए विपक्षी/परिवादिनी को यह आदेशित किया गया कि परिवादिनी को उसके द्वारा जमा धनराशि अंकन रू. 340000/- 6 प्रतिशत साधारण ब्याज सहित 30 दिवस के अंदर प्राप्त करावें तथा यह कि ब्याज की गणना परिवाद दायर करने की तिथि से अदायगी की तिथि तक की जाएगी तथा मानसिक संताप हेतु रू. 10000/- और वाद व्यय हेतु रू. 1000/- भी 30 दिवस की अवधि में अपीलार्थी कंपनी द्वारा परिवादिनी को देय था।
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उपरोक्त निर्णय व आदेश का हमारे द्वारा संपूर्ण परिशीलन किया गया। अधिवक्ता द्वय को सुना तथा यह पाया गया कि उपरोक्त निर्णय एवं आदेश द्वारा जिला फोरम गौतमबुद्धनगर में किसी प्रकार की त्रुटि न तो इंगित की जा सकी न ही हमारे द्वारा पाई गई, तदनुसार उपरोक्त निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है, तदनुसार अपील निरस्त की जाती है।
चूंकि अपीलार्थी द्वारा उपरेाक्त निर्णय व आदेश का अनुपालन आज दिनांक तक सुनिश्चित नहीं किया गया तथा इस न्यायालय द्वारा अंतरिम आदेश दि. 16.09.21 के अनुपालन में अपीलार्थी से अपेक्षित धनराशि रू. 175000/- 30 दिवस की अवधि में जमा करने हेतु आदेशित किया गया था जो अपीलार्थी द्वारा जिला फोरम के समक्ष जमा किया जाना बताया गया, जिसे राष्ट्रीयकृत बैंक की सावधि संचयन जमा योजना में जमा किया गया होगा, तदनुसार प्रस्तुत अपील अस्वीकार करते हुए उपरोक्त जमा धनराशि विद्वान फोरम द्वारा विधिनुसार परिवादिनी/विपक्षी द्वरा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र को दृष्टिगत रखते हुए प्रार्थना पत्र की तिथि से 2 सप्ताह की अवधि में परिवादिनी पूनम मिश्रा को प्राप्त कराई जाए। अपीलार्थी को आदेशित किया जाता है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय व आदेश के अनुपालन में बाकी की धनराशि 30 दिवस की अवधि में मय ब्याज व मानसिक संताप व वाद व्यय के रूप में अंकित धनराशि के साथ विद्वान जिला फोरम में जमा कराया जाए, जिससे परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र के एक सप्ताह की अवधि में पूनम मिश्रा को विधिनुसार प्राप्त कराए जाए। प्रस्तुत अपील निरस्तीकरण के साथ चूंकि परिवादिनी को जो शारीरिक, मानसिक व आर्थिक हानि हुई एवं उसे अपील की सुनवाई पर इस न्यायालय के सम्मुख
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अनेकों तिथियों पर उपस्थित होकर भी धनराशि व्यय करनी पड़ी, अतएव समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए अपीलार्थी द्वारा विपक्षी परिवादिनी को हर्जाने के रूप में रू. 50000/- की धनराशि एक माह की अविध में प्राप्त कराई जाए। यदि इस आदेश का अनुपालन ऊपर लिखित समयावधि में सुनिश्चित नहीं किया जावेगा तब उस दशा में संपूर्ण देय धनराशि पर धनराशि जमा की तिथि से देयता की तिथि तक 10 प्रतिशत ब्याज भी देय होगा।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार) अध्यक्ष सदस्य
राकेश, पी0ए0-2
कोर्ट-1