Uttar Pradesh

StateCommission

A/1189/2022

CMO, District Hospital Etah - Complainant(s)

Versus

Smt. Poonam Devi - Opp.Party(s)

S. K. Shukla

11 Jun 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1189/2022
( Date of Filing : 03 Nov 2022 )
(Arisen out of Order Dated 13/09/2022 in Case No. Complaint Case No. CC/78/2015 of District Etah)
 
1. CMO, District Hospital Etah
Etah
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt. Poonam Devi
Etah
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 11 Jun 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1189/2022

(सुरक्षित)

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, एटा द्वारा परिवाद संख्‍या 78/2015 में पारित आदेश दिनांक 13.09.2022 के विरूद्ध)

चीफ मेडिकल आफिसर, जिला हास्पिटल एटा, कस्‍बा व जिला-एटा, यू0पी0

                       ........................अपीलार्थी/विपक्षी सं02

बनाम

1. श्रीमती पूनम देवी, पत्‍नी- जयप्रकाश, निवासी-मगंदपुर, पी0एस0-नया गांव, तहसील-अलीगंज, परगना-आजम नगर, जिला-एटा, यू0पी0

2. श्रीमती शशी तत्‍कालीन आशा तैनात-सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र, अलीगंज, जिला-एटा, यू0पी0

3. जिलाधिकारी महोदय, एटा द्वारा शासकीय अधिवक्‍ता (दीवानी) जिला-एटा, यू0पी0

         ............प्रत्‍यर्थीगण/परिवादिनी तथा विपक्षी सं01 व 3

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री एस0के0 शुक्‍ला,

                            विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं01 की ओर से उपस्थित : श्री आर0डी0 क्रान्ति,

                               विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं02 व 3 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 11.06.2024

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

     प्रस्‍तुत  अपील  अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-2  चीफ  मेडिकल

 

 

-2-

आफिसर द्वारा इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग, एटा द्वारा परिवाद संख्‍या-78/2015 श्रीमती पूनम देवी बनाम श्रीमती शशी तत्‍कालीन आशा व दो अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 13.09.2022 के विरूद्ध योजित की गयी।

हमारे द्वारा अपील की अंतिम सुनवाई की तिथि पर अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री एस0के0 शुक्‍ला एवं प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1/परिवादिनी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता  श्री आर0डी0 क्रान्ति को सुना गया तथा आक्षेपित निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। प्रत्‍यर्थी संख्‍या-2 व 3 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

     संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादिनी एक गरीब महिला है, ज्‍यादा बच्‍चों का भार उठाने में परिवादिनी व उसके पति असमर्थ होने के कारण परिवादिनी द्वारा अपना नसबन्‍दी  आपरेशन कराने का निर्णय लिया गया तथा दिनांक 19.12.2013 को नसबन्‍दी केन्‍द्र उभई तहसील अलीगंज जिला एटा पर परिवादिनी का विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा नसबन्‍दी आपरेशन किया गया।

     परिवादिनी का कथन है कि परिवादिनी का नसबन्‍दी आपरेशन विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा अत्‍यन्‍त लापरवाहीपूर्वक किया गया। परिवादिनी अपना नसबन्‍दी आपरेशन कराने के बाद भी गर्भवती हो गयी, जो कि चिकित्‍सक की सेवा में कमी व लापरवाही को  दर्शाता

 

 

-3-

है। परिवादिनी द्वारा दिनांक 11.05.2015 को सी0एच0सी0 अलीगंज पर एक पुत्री को जन्‍म दिया गया।

     परिवादिनी का कथन है कि परिवादिनी द्वारा शासन से मुआवजा पाने हेतु दिनांक 26.03.2015 को एक विधिक नोटिस विपक्षी संख्‍या-3 को भेजा गया, परन्‍तु कोई कार्यवाही नहीं की गयी। विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा आपरेशन में की गयी लापरवाही से परिवादिनी को आर्थिक व शारीरिक कष्‍ट पहुँचा। अत: क्षुब्‍ध होकर परिवादिनी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख परिवाद योजित करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।

जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख विपक्षी संख्‍या-1 की ओर से उत्‍तर पत्र प्रस्‍तुत किया गया तथा मुख्‍य रूप से यह कथन किया गया कि विपक्षी संख्‍या-1 दिनांक 19.12.2013 को सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र अलीगंज जिला एटा पर आशा के रूप में तैनात थी। दिनांक 19.12.2013 को सभी औपचारिकतायें पूर्ण करके तैनात चिकित्‍सक द्वारा परिवादिनी का नसबन्‍दी का आपरेशन किया गया तथा उक्‍त आपरेशन के संबंध में प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। परिवादिनी आपरेशन कराने के बावजूद पुन: गर्भवती हो गयी तथा दिनांक 11.05.2015 को सी0एच0सी0 अलीगंज पर परिवादिनी द्वारा एक पुत्री को जन्‍म दिया गया।

जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख विपक्षी संख्‍या-2 व 3 की

 

 

-4-

ओर से उत्‍तर पत्र प्रस्‍तुत किया गया तथा परिवादिनी का नसबन्‍दी  आपरेशन दिनांक 19.12.2013 को किया जाना व नसबन्‍दी आपरेशन के उपरान्‍त दिनांक 11.05.2015 को परिवादिनी द्वारा एक पुत्री को जन्‍म दिया जाना स्‍वीकार किया गया।

विपक्षी संख्‍या-2 व 3 द्वारा मुख्‍य रूप से यह कथन किया गया कि परिवादिनी को कोई वाद कारण उत्‍पन्‍न नहीं हुआ है। परिवादिनी उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आती है क्‍योंकि विपक्षीगण द्वारा की गयी कथित सेवा के बदले परिवादिनी से कोई प्रतिफल प्राप्‍त नहीं किया गया। इस आधार पर परिवाद पोषणीय नहीं है। परिवादिनी का आपरेशन विपक्षी संख्‍या-1 श्रीमती शशी द्वारा नहीं किया गया था, बल्कि विपक्षी संख्‍या-1 प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र  अलीगंज पर आशा के पद पर कार्यरत थी, जिसके द्वारा परिवादिनी को मात्र परामर्श दिया गया था। परिवादिनी का नसबन्‍दी आपरेशन शल्‍य चिकित्‍सक द्वारा किया गया था। परिवादिनी द्वारा अपनी स्‍वेच्‍छा से बिना किसी दबाव व प्रलोभन के नसबन्‍दी आपरेशन का निर्णय लिया गया था तथा उसे अवगत कराया गया था कि आपरेशन के बाद संयम व सावधानी बरती जाये क्‍योंकि कभी-कभी नसबन्‍दी आपरेशन असफल हो जाता है।

परिवादिनी को यह भी अवगत कराया गया था कि नसबन्‍दी  आपरेशन असफल हो जाने पर यदि वह पुन: गर्भधारण करती है तो वह अनचाहा गर्भ से  निजात  पाने  के  लिए  अविलम्‍ब  सरकारी

 

 

-5-

अस्‍पताल में सम्‍पर्क करे, जिससे गर्भ समाप्‍त करते हुए पुन: नसबन्‍दी आपरेशन किया जा सके, परन्‍तु परिवादिनी द्वारा पुन: गर्भ धारण करने की कोई सूचना सम्‍बन्धित सरकारी अस्‍पताल को नहीं दी गयी तथा न ही गर्भ समापन अथवा चिकित्‍सीय परामर्श हेतु सम्‍पर्क किया गया।

परिवादिनी से नसबन्‍दी आपरेशन के संबंध में विपक्षीगण द्वारा कोई धनराशि प्राप्‍त नहीं की गयी है, बल्कि नि:शुल्‍क  नसबन्‍दी आपरेशन किया गया तथा नसबन्‍दी आपरेशन कराने के उपरान्‍त  प्रोत्‍साहन स्‍वरूप 600/-रू0 का भुगतान भी किया गया। नसबन्‍दी असफल होने के उपरान्‍त गर्भधारण करने की स्थिति में नसबन्‍दी असफल होने के 90 दिन के अन्‍दर दावा प्रस्‍तुत करने पर 30,000/-रू0 देने का प्राविधान है। यदि परिवादिनी द्वारा नसबन्‍दी  असफल होने के 90 दिन के अन्‍दर विपक्षी को प्रार्थना पत्र/दावा प्रस्‍तुत किया जाता तो उसे नियमानुसार 30,000/-रू0 का भुगतान दावा बीमा प्रदाता कम्‍पनी को प्रेषित किया जाता, परन्‍तु परिवादिनी द्वारा इस संबंध में समयावधि के अन्‍तर्गत दावा प्रेषित नहीं किया गया। अत: विपक्षीगण परिवादिनी को वांछित धनराशि के भुगतान हेतु उत्‍तरदायी नहीं हैं। परिवाद निरस्‍त होने योग्‍य है।

जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्‍त यह निष्‍कर्ष दिया गया कि परिवादिनी को राज्‍य द्वारा निर्धारित/मुआवजा  राशि

 

 

-6-

30,000/-रू0 व मानसिक पीड़ा के मद में 2000/-रू0 विपक्षी संख्‍या-2 व 3 से दिलाया जाना न्‍यायोचित है।

''परिवादिनी का परिवाद विरूद्ध विपक्षी सं0 2 व 3 आंशिक तौर पर स्‍वीकार किया जाता है।

विपक्षी सं0 2 व 3 को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादिनी को मु0 30,000/-रू0 (तीस हजार रुपये) बतौर राहत राशि दो माह के अन्‍दर भुगतान करें।

विपक्षी सं0 2 व 3 को यह भी आदेशित किया जाता है कि परिवादिनी द्वारा सहन किये गये मानसिक पीड़ा के लिए मु0 2,000/-रु0 (दो हजार रुपये) अतिरिक्‍त रूप से दिया जाना भी सुनिश्चित करें।''

सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त हम इस मत के हैं कि प्रथम दृष्‍ट्या यह मामला उपभोक्‍ता विवाद की श्रेणी में नहीं आता है क्‍योंकि विपक्षीगण द्वारा की गयी कथित सेवा के विरूद्ध परिवादिनी से कोई प्रतिफल प्राप्‍त नहीं किया गया तथा यह कि परिवादिनी द्वारा नसबन्‍दी आपरेशन असफल होने के                90 दिन के अन्‍दर दावा प्रस्‍तुत नहीं किया गया, इसलिए वह राज्‍य द्वारा निर्धारित राहत/मुआवजा राशि 30,000/-रू0 भी प्राप्‍त  करने की अधिकारी नहीं है। तदनुसार जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश विधिसम्‍मत नहीं है, जो अपास्‍त किये जाने योग्‍य है।

 

 

-7-

आदेश

     प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग, एटा द्वारा परिवाद संख्‍या-78/2015 श्रीमती पूनम देवी बनाम श्रीमती शशी तत्‍कालीन आशा व दो अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 13.09.2022 अपास्‍त किया जाता है।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

     (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)            (विकास सक्‍सेना)       

              अध्‍यक्ष                      सदस्‍य      

 

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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