राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-३४४/२०१९
(जिला मंच, इलाहाबाद द्वारा परिवाद सं0-४३५/२०१६ में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक १९-०१-२०१९ के विरूद्ध)
१. रिलायंस रिटेल लि0, यूई-एबीडीडी-जेसी-०१, १२२/४८, जे0एल0 नेहरू रोड, निकट बालसन, इलाहाबाद।
२. रिलायंस रिटेल लि0, रजिस्टर्ड आफिस तृतीय तल, कोर्ट हाउस, लोकमान्य तिलक मार्ग, धोबी तालाब, मुम्मबई-४००००२.
३. रिलायंस रिटेल लि0, ई-१/३, सागर कॉम्प्लेक्स, एस0पी0 पेट्रोल पम्प के सामने, ओखला गॉंव, भिवण्डी, महाराष्ट्र-४२१३०२.
४. इम्पोर्टर एण्ड सैलर, रिलायंस रिटेल लि0, शेड नं0-७७/८०, इण्डियन कारपोरेशन गोदाम, मनकोली नाका, ग्राम डपोडे, तहसील भिवण्डी, महाराष्ट्र।
५. रिलायन्स जीओ चेयरमेन, रिलायन्स इण्डस्ट्रीज, रिलायन्स हाउस, बेलाड ऐस्टेट, मुम्बई-४०००३८.
(All appellants are being represented through their Authorized Officer)
................... अपीलार्थीगण/विपक्षीगण।
बनाम
१. श्रीमती नीरजा त्रिपाठी पत्नी श्री देवेन्द्र मणि त्रिपाठी।
२. श्री देवेन्द्र मणि त्रिपाठी।
दोनों निवासीगण-९५५, पुराना कटरा, यूनीवर्सिटी रोड, थाना कर्नलगंज, तहसील सदर, इलाहाबाद।
.................... प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण।
समक्ष:-
१.मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य ।
२.मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण की ओर से उपस्थित:- प्रत्यर्थी श्री देवेन्द्र मणि त्रिपाठी स्वयं।
दिनांक : १८-१२-२०१९.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला मंच, इलाहाबाद द्वारा परिवाद सं0-४३५/२०१६ में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक १९-०१-२०१९ के विरूद्ध योजित की गयी है।
हमने प्रत्यर्थी श्री देवेन्द्र मणि त्रिपाठी के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन
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किया। अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
पत्रावली के अवलोकन से यह विदित होता है कि दिनांक १४-१०-२०१९ को भी अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं था। आज पुन: अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। श्री देवेन्द्र मणि त्रिपाठी प्रत्यर्थी द्वारा सूचित किया गया कि वह जनपद इलाहाबाद से प्रस्तुत अपील की सुनवाई हेतु उपस्थित हो रहे हैं।
पत्रावली के अवलोकन से यह भी विदित होता है कि आज यह अपील विलम्ब क्षमा प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हेतु सूचीबद्ध है। प्रत्यर्थीगण की ओर से विलम्ब क्षमा प्रार्थना पत्र के विरूद्ध आपत्ति प्रस्तुत की गई है।
प्रश्नगत परिवाद दिनांक १९-०१-२०१९ को निर्णीत किया गया जिसकी नि:शुल्क प्रमाणित प्रति दिनांक २४-०१-२०१९ को अपीलार्थी द्वारा प्राप्त की गई। विलम्ब क्षमा प्रार्थना पत्र के अभिकथनों के अनुसार अपीलार्थी का यह कथन है कि अपीलार्थी कम्पनी के अधिवक्ता द्वारा दिनांक २४-०१-२०१९ को निर्णय की प्रति प्राप्त करने के उपरान्त निर्णय की प्रति कम्पनी को नहीं भेजी गई। कम्पनी को निर्णय की प्रति दिनांक १५-०२-२०१९ को उसके अधिवक्ता द्वारा प्राप्त हुई। उसी दिन यह कापी कम्पनी के हैड क्वार्टर भेजी गई। तदोपरान्त कम्पनी द्वारा निर्णय के विरूद्ध अपील योजित करने का निर्णय लिया गया तथा कम्पनी के लीगल मैनेजर को दिनांक २७-०२-२०१९ को इस सन्दर्भ में मेल द्वारा सूचना प्रेषित की गई। तदोपरान्त कम्पनी द्वारा निर्णय के विरूद्ध अपील तैयार कराके यह अपील योजित की गई। अपीलार्थी कम्पनी द्वारा विलम्ब क्षमा हेतु प्रस्तुत प्रार्थना पत्र के अवलोकन से यह विदित होता है कि प्रश्नगत निर्णय के विरूद्ध अपील योजित किए जाने में हुए विलम्ब का कोई उचित स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया है। अपीलार्थीगण विलम्ब को क्षमा किए जाने का अधिकारपूर्वक दावा नहीं कर सकते। विलम्ब का कारण सन्तोषजनक दर्शित किया जाना आवश्यक होगा। प्रस्तुत प्रकरण के सन्दर्भ में अपीलार्थीगण की ओर से विलम्ब का कारण समुचित नहीं दर्शित किया गया है और न ही अपीलार्थीगण की ओर से कोई उपस्थित हो रहा है।
अपील के प्रस्तुतीकरण में हुए विलम्ब का पर्याप्त कारण प्रस्तुत न किए जाने के
-३-
कारण विलम्ब क्षमा प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है। तद्नुसार विलम्ब क्षमा प्रार्थना पत्र निरस्त करते हुए अपील अंगीकरण के स्तर पर निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
अपील अंगीकरण के स्तर पर निरस्त की जाती है।
इस अपील का व्यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना वहन करेंगे।
पक्षकारों को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी) (गोवर्द्धन यादव)
पीठासीन सदस्य सदस्य
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-१.