Uttar Pradesh

StateCommission

A/687/2017

Sriram Transport Finance co - Complainant(s)

Versus

Smt. Mehtab - Opp.Party(s)

Yatish Gupta

18 Aug 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/767/2019
( Date of Filing : 14 Jun 2019 )
(Arisen out of Order Dated 20/07/2016 in Case No. cc/158/2012 of District Allahabad)
 
1. Smt. Mehtab
Allahabad
Allahabad
UP
...........Appellant(s)
Versus
1. Shriram Transport Financial co ltd.
Allahabad
Allahabad
UP
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/687/2017
( Date of Filing : 18 Apr 2017 )
(Arisen out of Order Dated 20/07/2016 in Case No. C/158/2012 of District Allahabad)
 
1. Sriram Transport Finance co
Chennai
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt. Mehtab
Allabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 18 Aug 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-767/2019

श्रीमती मेहताब

बनाम

श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कम्‍पनी लिमिटेड व अन्‍य

एवं

अपील सं0 687/2017

श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कम्‍पनी लिमिटेड व अन्‍य

बनाम

श्रीमती मेहताब

समक्ष:-                                                            

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित:श्री अनिल कुमार मिश्रा, विद्धान

                                अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी फाइनेंस कम्‍पनी की ओर से उपस्थित: श्री विष्‍णु कुमार मिश्रा,

                                      विद्धान अधिवक्‍ता

दिनांक :18.08.2023 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.       परिवाद संख्‍या-158/2012, श्रीमती महताब बनाम श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कम्‍पनी लिमिटेड में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 20.07.2016 के विरूद्ध अपील सं0 767/2019 स्‍वयं श्रीमती महताब द्वारा इस अनुरोध के साथ प्रस्‍तुत की गयी है कि प्रश्‍नगत व्‍हीकल को शेष धन प्राप्‍त करने के पश्‍चात परिवादिनी को लौटाने का आदेश पारित किया जाये। उल्‍लेखनीय है कि जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा टैम्‍पो ऋण प्रदाता कम्‍पनी द्वारा टैम्‍पो खींचने के पश्‍चात से 100/-रू0 प्रतिदिन की क्षतिपूर्ति का आदेश भुगतान किये जाने की तिथि तक अदा करने के लिए निर्देशित किया गया है एवं अपील सं0 687/2017 श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कम्‍पनी द्वारा प्रस्‍तुत की गयी है और जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश को अपास्‍त किये जाने का अनुरोध किया गया है। उपरोक्‍त अपीलों में तथ्‍य एवं विधि के एक जैसे प्रश्‍न निहित हैं। अत: दोनों अपीलों का निस्‍तारण एक साथ किया जा रहा है।

2.          अपील में आधार यह लिया गया है कि परिवादिनी द्वारा व्‍यापारिक उद्देश्‍य के लिए वाहन क्रय किया गया था। करार के अनुसार मध्‍यस्‍थ के समक्ष विवाद प्रस्‍तुत किया जाना चाहिए था। स्‍वयं परिवादिनी द्वारा ऋण की राशि नहीं लौटायी जा रही है और एक असत्‍य परिवाद प्रस्‍तुत कर दिया गया है। 100/-रू0 प्रतिदिन अदा करने का आदेश विधि विरूद्ध है। इसी प्रकार हजार रूपये हर्जे का आदेश भी विधि विरूद्ध है।

3.           दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍ता को सुना। निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया। दोनों पक्षकारों को यह तथ्‍य स्‍वीकार है कि परिवादिनी द्वारा टैम्‍पो क्रय करने के लिए अंकन 1,40,000/-रू0 का ऋण प्राप्‍त किया गया। 1,00,000/-रू0 परिवादिनी द्वारा अपने पास से दिये गये और दिनांक 19.11.2009 को 2,40,000/-रू0 में टैम्‍पो क्रय किया गया। यह तथ्‍य भी दोनों पक्षों को स्‍वीकार है कि प्रति माह अंकन 6,360/-रूपये ऋण राशि की अदायगी के लिए परिवादिनी द्वारा  अदा करने थे।

4.         अत: इन सभी बिन्‍दुओं पर विस्‍तृत विवेचना की आवश्‍यकता नहीं है। परिवादिनी ने स्‍वयं अपने परिवाद पत्र में कथन किया है कि उनके द्वारा 14 किश्‍तें समय से जमा की गयी, परंतु इसके पश्‍चात की किश्‍त जमा नहीं की गयी। यह तथ्‍य भी स्‍वीकार है कि 01.02.2012 को 1,90,759/-रू0 बकाया होने का नोटिस ऋण प्रदाता कम्‍पनी द्वारा दिये गये। परिवादिनी का केवल यह कथन है कि ब्‍याज बहुत अधिक लगाया गया है और परिवादिनी 1,00,430/- रूपये जमा कर चुकी है और विपक्षीगण के कर्मचारियों द्वारा बलपूर्वक वाहन खींच लिया गया है, चूंकि स्‍वयं परिवादिनी को यह तथ्‍य  स्‍वीकार है कि उनके द्वारा किश्‍तों का समय पर भुगतान नहीं किया गया इसलिए वाहन को बीमा कम्‍पनी द्वारा बलपूर्वक खींच लिया गया। ऋण प्रदाता कम्‍पनी की ओर से नोटिस देकर वाहन को कब्‍जे में लेने और विक्रय करने का कोई सबूत पत्रावली पर मौजूद नहीं है इसलिए परिवादिनी पर अवशेष राशि के रहते हुए वाहन का विक्रय कर दिया गया और इस राशि से जो धन प्राप्‍त हुआ है, वह ऋण खाते में समायोजित किया जा चुका है। अत: इस स्थिति में वाहन को वापस प्राप्‍त कर परिवादिनी को सुपुर्द नहीं किया जा सकता। अत: परिवादिनी द्वारा प्रस्‍तुत की गयी अपील खारिज होने योग्‍य है।

5.        चूंकि विक्रय करने से पूर्व नोटिस दिया जाना साबित नहीं है इसलिए 100/-रू0 प्रतिदिन के हिसाब से क्षतिपूर्ति का आदेश विधिसम्‍मत है यद्यपि ऋण प्रदाता कम्‍पनी अपनी अवशेष राशि वसूलने के लिए अधिकृत है और यदि राशि बकाया चल रही है तो इस राशि को ऋण की राशि में समायोजित कर सकती है और नकद भुगतान करने की आवश्‍यकता नहीं है। अत: इस टिप्‍पणी के साथ अपील सं0 687/2017 खारिज होने योग्‍य है। तदनुसार अपील सं0 767/2019 एवं अपील सं0 687/2017 खारिज होने योग्‍य है।   

आदेश

           परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत की गयी अपील सं0-767//2019 खारिज की जाती है।

           फाइनेंस कम्‍पनी द्वारा प्रस्‍तुत की गयी अपील सं0 687/2017 खारिज की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।

          इस निर्णय व आदेश की मूल प्रति अपील सं0-767/2019 में रखी जाये एवं इसकी प्रमाणित प्रतिलिपि सम्‍बंधित अपील सं0-687/2017 में रखी जाये। 

          उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपीलों में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)(सुशील कुमार)

अध्‍यक्ष सदस्‍य

 

  

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 1

 

 

 

 

 

         

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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