( मौखिक )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या :432/2020
- एच0डी0एफ0सी0 ईरगो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, द्वारा क्लेम्स मैनेजर, यूनिट नम्बर-502,504,506, पॉंचवी मंजिल, महत्ता टावर बी-1 ब्लाक, कम्युनिटी सेंटर जनकपुरी, नई दिल्ली-110058
- एच0डी0एफ0सी0, ईरगो जनरल इन्श्योरेंस कम्पनी लि0 द्वारा ब्रांच मैनेजर, द्धितीय तल, अजन्ता प्लाजा, नेक्ट अजन्ता थ्रेंटर, एम0जी0 रोड, आगरा।
(द्वारा मिस्टर शिव प्रकाश सिंह, असिस्टेंट मैनेजर, लीगल, नियुक्त रतन स्क्वायर, विधानसभा मार्ग, लखनऊ)
अपीलार्थी/विपक्षीगण
बनाम्
श्रीमती मीनाक्षी यादव पत्नी अवनीश यादव, निवासी दुर्गा नगर, नई मण्डी, शहर व जिला इटावा-206001.
प्रत्यर्थी/परिवादिनी
समक्ष :-
1-मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री टी0जे0एस0 मक्कड़।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित- श्री उमेश कुमार शर्मा।
दिनांक : 15-12-2022
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
परिवाद संख्या-24/2017 श्रीमती मीनाक्षी यादव बनाम क्लेम्स मैनेजर, एच0डी0एफ0सी0, ईरगो जनरल इं0कं0लि0 में जिला उपभोक्ता
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आयोग, इटावा द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 03-11-2020 के विरूद्ध यह अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत की गयी है।
‘’आक्षेपित निर्णय एवं आदेश के द्वारा जिला आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है :-
जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय व आदेश से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षीगण की ओर से यह अपील प्रस्तुत की है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार है कि परिवादिनी पजेरो कार की पंजीकृत स्वामिनी है, जिसका बीमा विपक्षी संख्या-2 बीमा कम्पनी से दिनांक 07-01-2016 से दिनांक 06-01-2017 की अवधि के लिए, प्राइवेट कार पैकेज पालिसी के अन्तर्गत कराया गया था। बीमित अवधि में ही दिनांक 13-06-2016 को जब परिवादिनी चालक अवनीश कुमार के साथ आगरा से इटावा आ रही थी, उसकी कार ट्रक से टकरा जाने के
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कारण लाइन सफारी, इटावा के पास क्षतिग्रस्त हो गयी। दिनांक 14-06-2016 को उपरोक्त वाहन जे0 आर0 आटोमोटिव, नियर सब्जी मण्डी, सिकन्दरा, आगरा में मरम्मत हेतु ले जाया गया, जिसकी सूचना उक्त फर्म के प्रोपराइटर के द्वारा विपक्षी बीमा कम्पनी को दी गयी और आंकलित खर्च रूपया दस लाख बताया गया। परिवादिनी ने क्लेम फार्म भरकर विपक्षीगण को भिजवाया, किन्तु विपक्षी बीमा कम्पनी ने गलत आधार पर परिवादिनी का बीमा क्लेम खारिज कर दिया। परिवादिनी ने विपक्षी बीमा कम्पनी को विधिक नोटिस भेजा, जिसका कोई जवाब नहीं दिया गया। अत: विवश होकर परिवादिनी ने परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया है।
विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत करते हुए श्रीमती सारस्वता बनर्जी, लीगल क्लेम मैनेजर, एच0डी0एफ0सी0 एरगो जनरल इं0कं0लि0 का विस्तृत शपथ पत्र और साथ में जे0 आर0 आटोमोटिव आगरा के द्वारा कथित रूप से जारी इनवाइस दिनांक 13-06-2016 मु0 10,275/-रू0 जो अवनीश यादव के नाम है और जिसमें एक्सीडेन्टल के मद में रू0 10,273/-रू0 खर्च/टैक्स दिखलाया गया है। कथित रूप से मीनाक्षी यादव पत्नी अवनीश कुमार के बयान की छाया प्रतिलिपि जिसमें कथित रूप से घटना दिनांक 13-06-2016 समय 9.30 बजे रात्रि दिखलायी गयी है। कथित रूप से अविनाश कुमार पुत्र देवेन्द्र कुमार के ब्याज की छायाप्रति, क्लेम फार्म दिनांक 07-04-2016 की छायाप्रति, नो क्लेम पत्र दिनांक 07-09-2016 की छायाप्रति, सर्वेयर अनूप कुमार पोरवाल की रिपोर्ट दिनांक 19-08-2016 की छायाप्रति जिसमें उन्होंने कथित दुर्घटना में हुई क्षति को सही पाया है और टोटल
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दायित्व व रू0 8,95,000/- तक सही पाया, किन्तु कथित रूप से कथित दुर्घटना की दिनांक 13-06-2016 समय 9.00 पी.एम. और मरम्मत हेतु गाड़ी की पार्किंग का कथित समय 13-06-2016 समय 10.35 ए.एम. के विभेद के कारण, क्लेम अदेय बतलाया गया है, संबंधित बीमा पालिसी की छायाप्रति और साथ में श्री अनूप कुमार पोरवाल, उम्र लगभग 49 वर्ष स्वीकृत सर्वेयर, एच0डी0एफ0सी0 एरगो जनरल इं0कं0लि0 का शपथ पत्र दाखिल किया गया है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री टी0जे0एस0 मक्कड़ उपस्थित। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री उमेश कुमार शर्मा उपस्थित।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्य एवं विधि के विरूद्ध है। अत: अपील
स्वीकार करते हुए जिला आयोग के निर्णय एवं आदेश को अपास्त किया जावे।
प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्य एवं विधि के अनुसार है। अत: अपील निरस्त की जावे।
मेरे द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का सम्यक अवलोकन किया गया।
उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का
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भली-भॉंति परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्त मैं इस मत का हूँ कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्त तथ्यों पर गहनतापूर्वक विचार करने के उपरान्त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया है जिसमें हस्तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है। तदनुसार अपील निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील निरस्त की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1