Uttar Pradesh

StateCommission

A/2001/272

Kanpur Development Authority - Complainant(s)

Versus

Smt. Krishna Bajpai - Opp.Party(s)

Piyush Mani Tripathi

14 Dec 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2001/272
( Date of Filing : 12 Feb 2001 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Kanpur Development Authority
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt. Krishna Bajpai
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 14 Dec 2022
Final Order / Judgement

 (मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-272/2001

कानपुर डेवलपमेंट अथारिटी, द्वारा वाइस चेयरमैन, मोती झील, कानपुर नगर।

                             अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम्  

श्रीमती कृष्‍णा देवी बाजपेयी पत्‍नी श्री राम सेवक बाजपेयी, निवासी 81/60-ए, सब्‍जी मण्‍डी, बादशाही नाका, कानपुर नगर।

                      प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी

 

समक्ष:-                                                              

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य

2. माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित   : श्री पीयूष मणि त्रिपाठी।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित           : कोई नहीं।

दिनांक:  14.12.2022 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.                    परिवाद संख्‍या-575/1996, कृष्‍णा देवी बनाम कानपुर विकास प्राधिकरण में विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, कानपुर नगर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 10.01.2001 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। इस निर्णय एवं आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए अपीलार्थी को आदेशित किया है कि दण्‍ड ब्‍याज की धनराशि को आगामी किस्‍तों में समायोजित किया जाए और किस्‍तों का नवीन निर्धारण किया जाए।

2.          अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री पीयूष मणि त्रिपाठी उपस्थित आए। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

3.          परिवादिनी का कथन यह है कि परिवादिनी ने दुर्बल आय वर्ग में भवन  प्राप्‍त  करने  के  लिए  अंकन 04 हजार रूपये की धनराशि जमा की थी,

-2-

परन्‍तु लाट्री निकलने की कोई सूचना परिवादिनी को नहीं दी गई, इसलिए परिवादिनी शेष राशि जमा नहीं कर पायी। इसी तथ्‍य को सही मानते हुए विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने दण्‍ड ब्‍याज को लौटाने का आदेश पारित किया है। चूंकि पत्रावली में इस आशय का कोई सबूत मौजूद नहीं है कि प्राधिकरण द्वारा परिवादिनी को आवंटन की सूचना दी गई हो, इसलिए सूचना के अभाव में परिव‍ादिनी वांछित किस्‍त जमा करने में सफल नहीं हो सकी, इसलिए प्राधिकरण परिवादिनी से दण्‍ड ब्‍याज प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत नहीं है। अत: विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा दिया गया निर्णय/आदेश विधिसम्‍मत है, इसमें कोई हस्‍तक्षेप अपेक्षित नहीं है। अपील तदनुसार निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

4.          प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

            उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय स्‍वंय वहन करेंगे।

            आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

(विकास सक्‍सेना)                        (सुशील कुमार)

   सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0,   

    कोर्ट-3

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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