Uttar Pradesh

StateCommission

A/401/2021

Kanpur Development Authority - Complainant(s)

Versus

Smt. Kokila Mishra - Opp.Party(s)

Arvind Kumar

29 Aug 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/401/2021
( Date of Filing : 16 Aug 2021 )
(Arisen out of Order Dated 19/02/2021 in Case No. C/2016/370 of District Kanpur Nagar)
 
1. Kanpur Development Authority
Kanpur
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt. Kokila Mishra
Kanpur Nagar
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 29 Aug 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-401/2021

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, कानपुर नगर द्धारा परिवाद सं0-370/2016 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19.02.2021 के विरूद्ध)

कानपुर विकास प्राधिकरण, कानपुर नगर द्वारा उपाध्‍यक्ष।

                                              ........... अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम          

श्रीमती काकोली मिश्रा पत्‍नी श्री दिनेश कुमार मिश्रा, निवासी मकान नं0-106/187 ए. शतुघ्‍न पार्क गॉधी नगर, कानपुर नगर।

…….. प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य                  

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता   :- श्री अरविन्‍द कुमार के सहयोगी श्री मनोज कुमार

प्रत्‍यर्थी के प्रतिनिधि          :- श्री अरविन्‍द्र कुमार शुक्‍ला

दिनांक :- 29-8-2022

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

जिला उपभोक्‍ता आयोग, कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-370/2016 श्रीमती काकोली मिश्रा बनाम उपाध्‍यक्ष, कानपुर विकास प्राधिकरण व एक अन्‍य में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19.02.2021 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए परिवादिनी तथा विपक्षी को इस प्रकार आदेशित किया है कि परिवादिनी 30 दिन के अन्‍दर अंकन 1,30,000.00 रू0 विपक्षी के यहॉ जमा करे, उसके बाद उसे आवंटित फ्लैट उपलब्‍ध कराया जाए।

इस निर्णय/आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा विधि विरूद्ध निर्णय/आदेश पारित किया गया है, क्‍योंकि आवं‍टी ने फ्लैट का मूल्‍य जमा नहीं किया, अन्‍य शर्तों का अनुपालन

-2-

नहीं किया, कम धनराशि जमा की गई, इसलिए अपीलार्थी सभी बकाया राशि दण्‍ड ब्‍याज सहित वसूल करने के लिए अधिकृत है।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता और प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित उनके प्रति‍निधि के तर्कों को सुना तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया।

प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग के आदेश के अनुपालन में अंकन 1,30,000.00 रू0 दिनांक 13.6.2022 को जमा करा दिये गये हैं, जिसकी रसीद दस्‍तावेज सं0-25 है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि यह राशि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय में दी गई समय अवधि के अन्‍तर्गत जमा नहीं करायी गई है। यह सही है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा 30 दिन के अन्‍दर यह धनराशि जमा कराने का आदेश पारित किया था, परन्‍तु इस धनराशि को जमा करते समय प्राधिकरण द्वारा कोई आपत्ति नहीं की गई। अत: यह माना जायेगा कि प्राधिकरण द्वारा देरी से जमा राशि पर ब्‍याज प्राप्‍त करना सुनिश्चित किया है और अंकन 1,30,000.00 रू0 जमा करने की अनुमति प्रदान की है। यद्यपि प्राधिकरण देरी से जमा करने के कारण इस राशि पर ब्‍याज वसूल करने के लिए अधिकृत है, परन्‍तु शेष निर्णय में हस्‍तक्षेप करने का कोई आधार प्रतीत नहीं होता है, क्‍योंकि 25 प्रतिशत राशि जमा करने के लिए जो 15 दिन का समय दिया गया था, वह अत्‍यधिक कम है। दुर्बल आय वर्ग के किसी सदस्‍य को आवंटित भवन के मूल्‍य की राशि की 25 प्रतिशत राशि को 15 दिन के अन्‍दर जमा करने का आदेश लोक नीती के विरूद्ध है तथा शासन की नीतियों के विपरीत है। दुर्बल आय वर्ग का व्‍यक्ति 15 दिन के अन्‍दर आवंटित मूल्‍य के 25 प्रतिशत के बराबर की धनराशि का प्रबन्‍ध नहीं का सकता है। अत: जिला

-3-

उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय में हस्‍तक्षेप करने का कोई अवसर नहीं है। अपील खारिज होने योग्‍य है।

आदेश

अपील खारिज की जाती है। यद्यपि प्राधिकरण देरी से जमा की गई राशि अंकन 1,30,000.00 रू0 पर देरी की अवधि का ब्‍याज वसूल करने के लिए अधिकृत है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित शेष निर्णय पुष्ट किया जाता है।

 धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाये।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की बेवसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                   (सुशील कुमार)              

                  अध्‍यक्ष                                             सदस्‍य                                                                           

हरीश आशु.,

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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