Uttar Pradesh

StateCommission

A/291/2023

Meerut Development Authority - Complainant(s)

Versus

Smt. Kavita Seth - Opp.Party(s)

Ramraj And Piyush Mani Tripathi

30 May 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/291/2023
( Date of Filing : 17 Feb 2023 )
(Arisen out of Order Dated 03/01/2023 in Case No. C/2011/218 of District Meerut)
 
1. Meerut Development Authority
through its Secretary Office Add. Meerut Development Auotuority Meerut
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt. Kavita Seth
W/o Sri Nalin Seth R/o H.no. B-143, F-1 Shalimar Garden Ghaziabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Rajendra Singh JUDICIAL MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 30 May 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-84/2023

श्रीमती कविता सेठ

बनाम

मेरठ डेवलपमेंट अथारिटी

एवं

अपील संख्‍या-291/2023

मेरठ डेवलपमेंट अथारिटी

बनाम

श्रीमती कविता सेठ

समक्ष:-                                                   

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

2. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

3. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

परिवादिनी की ओर से उपस्थित       : श्रीमती कविता सेठ, व्‍यक्तिगत                             

                                                        रूप से उपस्थित।

विपक्षी की ओर से उपस्थित          : श्री पीयूष मणि त्रिपाठी,

                                  विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक : 30.05.2023 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.         परिवाद संख्‍या-218/2011, श्रीमती कविता सेठ बनाम मेरठ विकास प्राधिकरण में विद्वान जिला आयोग, मेरठ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 3.1.2023 के विरूद्ध अपील संख्‍या-84/2023 परिवादिनी की ओर से प्रस्‍तुत की गई है, जबकि अपील संख्‍या-291/2023, विपक्षी की ओर से प्रस्‍तुत की गई है। अत: दोनों अपीलों का निस्‍तारण एक ही निर्णय

 

 

-2-

एवं आदेश द्वारा किया जा रहा है। इस हेतु अपील संख्‍या-84/2023 अग्रणी अपील होगी

2.         परिवाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादिनी ने विपक्षी द्वारा निकाली गई नीलामी योजना के अंतर्गत रक्षापुरम आवासीय योजना के सेक्‍टर-1 में व्‍यवसायिक भूखण्‍ड सी-23 क्षेत्रफल 288 वर्गमीटर कीमत अंकन 19,29,600/-रू0 में आवंटन पत्र दिनांकित 16.10.2006 के द्वारा विपक्षी द्वारा आवंटित किया गया था। आवंटन से पूर्व परिवादिनी ने अंकन 15,900/-रू0 विपक्षी के यहां जमा किए थे। आवंटन पत्र में मांग के अनुसार भूखण्‍ड की कीमत की 30 प्रतिशत धनराशि अंकन 5,62,980/-रू0 एक माह के अंदर परिवादिनी को जमा करनी थी। अंकन 4,50,000/-रूपये जमा किए तथा अंकन 15,900/-रू0 पहले ही जमा किए गए थे। बकाया राशि विपक्षी के पत्र दिनांकित 25.6.2007 के अनुसार 8 किश्‍तों में जमा करनी थी। मौके पर कोई विकास कार्य पूर्ण नहीं था। विपक्षी ने शीघ्र ही भूखण्‍ड सी-23 पर विकास कार्य करके कब्‍जा देने की बात कही और यह भी कहा कि कब्‍जा दिए जाने तक कोई दण्‍ड ब्‍याज नहीं लिया जाएगा और शेष किश्‍तें भी कब्‍जा दिए जाने के बाद ही ली जायेंगी। परिवादिनी ने भूखण्‍ड का साईट प्‍लान व रजिस्‍ट्री कराकर कब्‍जा दिए जाने हेतु विपक्षी को पत्र लिखा, किंतु विपक्षी ने साईट प्‍लान नहीं दिया, जिसके कारण परिवादिनी को बैंक से ऋण नहीं मिला। परिवादिनी अंकन 7,15,900/-रू0 जमा कर चुकी है। विपक्षी ने पत्र दिनांकित 28.5.2008 के द्वारा परिवादिनी को सूचित किया कि भूखण्‍ड संख्‍या सी-23 का परिवर्तन भूखण्‍ड संख्‍या सी-22 क्षेत्रफल 227.40 वर्गमीटर में कर दिया है और दिनांक 20.6.2008 तक उक्‍त भूखण्‍ड की फुल एण्‍ड फाईनल कीमत अंकन 19,00,055/-रू0 है। परिवादिनी ने विपक्षी को पत्र लिखा कि दण्‍ड ब्‍याज लगाया गया है, जबकि परिवादिनी पर केवल 14,16,125/-रू0 बकाया हैं, वह अंकन 14,16,125/-रू0 जमा करने के लिए तैयार है और दण्‍ड ब्‍याज माफ करने  के  लिए विपक्षी से अनुरोध करती रही, किंतु विपक्षी ने परिवादिनी का

-3-

प्रार्थना पत्र निरस्‍त कर दिया। विपक्षी ने दिनांक 25.10.2008 को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया कि परिवादिनी विपक्षी के यहां अंकन 16,55,900/-रू0 जमा कर दे और अपने पक्ष में बैनामा करा ले। यह पत्र भूखण्‍ड आवंटन के लगभग दो वर्ष पश्‍चात दिया गया। विपक्षी ने दण्‍ड ब्‍याज माफ नहीं किया और दिनांक 2.12.2008 को भूखण्‍ड सी-22 का कब्‍जा पत्र भी जारी कर दिया। दिनांक 16.3.2011 को विपक्षी ने पत्र जारी किया कि परिवादिनी का भूखण्‍ड सी-22 निरस्‍त कर दिया है और उसकी समस्‍त राशि जब्‍त कर ली गई है। उक्‍त भूखण्‍ड सी-22 पर आज भी परिवादिनी का कब्‍जा है, किंतु विपक्षी उसके भूखण्‍ड को किसी अन्‍य व्‍यक्ति को आवंटित करने की धमकी दे रहा है, इस कारण परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

3.         विपक्षी प्राधिकरण का कथन है कि परिवादिनी ने 30 प्रतिशत धनराशि एक माह के अंदर जमा नहीं की है। यह राशि दिनांक 27.10.2007 को जमा की थी। कब्‍जा परिवर्तन की औपचारिकताएं भी पूर्ण नहीं की गईं। कब्‍जा दिए जाने से पूर्व परिव‍ादिनी पर अंकन 50,934/-रू0 बकाया थे। परिवादिनी को दिनांक 21.11.2008 को कब्‍जा दिया गया। परिवादिनी के पक्ष में ऋण लेने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दिनांक 25.10.2008 को जारी कर दिया गया, परन्‍तु परिवादिनी द्वारा ऋण लेने का प्रयास नहीं किया गया। परिवादिनी पर भूखण्‍ड सी-22 के सापेक्ष अंकन 16,31,044/-रू0 देय हो चुके हैं, जिसका भुगतान न करने के कारण आवंटन दिनांकित 10.3.2011 को निरस्‍त कर दिया गया। ओ.टी.एस. के लिए भी आवेदन स्‍वीकार किया गया, परन्‍तु परिवादिनी ने धनराशि जमा नहीं की। डिफॉल्‍टर का प्रकाशन अखबार में भी कराया गया। परिवादिनी द्वारा इन सभी तथ्‍यों को छिपाया गया है।

4.         दोनों पक्षकारों की साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात विद्वान जिला आयोग द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया कि परिवादिनी द्वारा अंकन 16,55,900/-रू0 जमा किए गए हैं, जबकि आवंटित भूखण्‍ड का कुल मूल्‍य अंकन 19,00,055/-रू0  है,  इसलिए  इस  रकम  को  जब्‍त करने का कोई

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औचित्‍य नहीं था। तदनुसार जमा की गई राशि को 7 प्रतिशत ब्‍याज के साथ वापस करने का आदेश दिया गया है, परन्‍तु भूखण्‍ड के पुनर्स्‍थापन का कोई आदेश नहीं दिया गया, इसी आदेश से प्रभावित होकर परिवादिनी द्वारा अपील संख्‍या-84/2023 प्रस्‍तुत की गई, जिसके माध्‍यम से यह अनुरोध किया गया कि भूखण्‍ड का आवंटन निरस्‍त करते हुए उनके पक्ष में पुनर्स्‍थापित किए जाने का आदेश पारित किया जाए, जबकि विपक्षी प्राधिकरण द्वारा अपील संख्‍या-291/2023 प्रस्‍तुत करते हुए अनुरोध किया गया कि परिवादिनी डिफॉल्‍टर रही हैं, इसलिए उनके द्वारा जमा राशि विधि अनुसार जब्‍त की गई है, इसलिए विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्‍त किया जाए।

5.         परिवादिनी/अपीलार्थी, श्रीमती कविता सेठ व्‍यक्तिगत रूप से उपस्थित हैं। विपक्षी/प्राधिकरण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री पीयूष मणि त्रिपाठी उपस्थित हैं। उभय पक्ष को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं पत्रावलियों का अवलोकन किया गया।

6.         परिवादिनी/अपीलार्थी का मुख्‍य तर्क यह है कि परिवादिनी को जो भूखण्‍ड आवंटित किया गया था, वह यथार्थ में मौके पर मौजूद नहीं था, इसलिए धनराशि जमा करने में मामूली देरी हुई है। पत्रावली पर दस्‍तावेज संख्‍या-45 के अवलोकन से जाहिर होता है कि स्‍वंय प्राधिकरण द्वारा श्रीमती कविता सेठ को भूखण्‍ड संख्‍या सी-23 के स्‍थान पर भूखण्‍ड संख्‍या सी-22 आवंटित किया गया है तथा पूर्व में जमा राशि को समायोजित किया गया है। इस पत्र में कहीं पर भी यह उल्‍लेख नहीं है कि ऐसा परिवादिनी के अनुरोध पर किया गया, इसलिए स्‍वंय प्राधिकरण को स्‍वीकार्य है कि भूखण्‍ड संख्‍या सी-23 परिवादिनी को आवंटित योग्‍य नहीं था। प्राधिकरण के विद्वान अधिवक्‍ता की ओर से यह बहस की गई कि यह भूखण्‍ड ऑक्‍शन में क्रय किया गया है, इसका आवंटन नहीं किया गया है। यह तर्क इस आधार पर स्‍वीकार्य नहीं है कि यह ऑक्‍शन केवल कीमत सुनिश्चित करने के उद्देश्‍य से किया  गया  है।  यथार्थ  में  यह  तरीका आवंटन ही माना जाएगा, इसलिए

-5-

उपभोक्‍ता परिवाद संधारणीय है और चूंकि स्‍वंय प्राधिकरण द्वारा अपने वायदे का अनुपालन नहीं कया गया यानी कि भूखण्‍ड संख्‍या सी-23 परिवादिनी को उपलब्‍ध नहीं कराया गया, उसको भूखण्‍ड संख्‍या सी-22 में बदल दिया गया। परिवादिनी द्वारा लगभग 90 प्रतिशत राशि जमा की जा चुकी थी, इसलिए समुचित नोटिस दिए बिना तथा सुनवाई का अवसर दिए बिना आवंटन निरस्‍त करने का आदेश अवैधानिक है। विद्वान जिला आयोग को जमा राशि वापस करने के बजाय आवंटन निरस्‍त कर परिव‍ादिनी को आवंटित भूखण्‍ड को पुनर्स्‍थापित करने का आदेश पारित करना चाहिए था। अत: परिवादिनी द्वारा प्रस्‍तुत की गई अपील संख्‍या-84/2023 स्‍वीकार होने योग्‍य है तथा विपक्षी प्राधिकरण द्वारा प्रस्‍तुत की गई अपील संख्‍या-291/2023 निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

7.         परिवादिनी द्वारा प्रस्‍तुत की गई अपील संख्‍या-84/2023 स्‍वीकार की जाती है तथा विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 3.1.2023 अपास्‍त किया जाता है। परिवादिनी के पक्ष में आवंटित भूखण्‍ड संख्‍या सी-22 को पुनर्स्‍थापित किया जाता है। इस भूखण्‍ड का कब्‍जा पूर्व में ही प्रदान किया जा चुका है। अत: परिवादिनी से ओ.टी.एस. योजना के अंतर्गत अवशेष राशि प्राप्‍त कर विक्रय पत्र निष्‍पादित कराए।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

           विपक्षी प्राधिकरण द्वारा प्रस्‍तुत की गई अपील संख्‍या-291/2023 निरस्‍त की जाती है

           प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की  गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला

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उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

           इस निर्णय/आदेश की मूल प्रति अपील संख्‍या-84/2023 में रखी जाए एवं इसकी एक सत्‍य प्रति संबंधित अपील में भी रखी जाए।

           आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)       (राजेन्‍द्र सिंह)          (सुशील कुमार)

       अध्‍यक्ष                सदस्‍य                  सदस्‍य

 

 

 

 लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
JUDICIAL MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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