Uttar Pradesh

StateCommission

A/2001/129

Knapur Development Authority - Complainant(s)

Versus

Smt. Kaushalya Devi - Opp.Party(s)

N.C. Upadhyay

17 Oct 2001

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2001/129
( Date of Filing : 23 Jan 2001 )
(Arisen out of Order Dated 23/12/2000 in Case No. C/421/1996 of District Kanpur Nagar)
 
1. Knapur Development Authority
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt. Kaushalya Devi
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 
PRESENT:
 
Dated : 17 Oct 2001
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-129/2001

 (जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्‍या-421/1996 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 23.12.2000 के विरूद्ध)

 

कानपुर डेवलपमेंट अथारिटी, कानपुर नगर, द्वारा चेयरमैन, मोती झील, कानपुर नगर।

अपीलार्थी/विपक्षी

                                               बनाम        

श्रीमती कौशल्‍या देवी, 12/45, ग्‍वाल टोला, कानपुर नगर।

                                                   प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी

समक्ष:-                                                   

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य

2. माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से     : श्री सर्वेश कुमार शर्मा, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से       : कोई नहीं।

दिनांक:  21.01.2021 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.         परिवाद संख्‍या-421/1996, कौशल्‍या देवी बनाम कानपुर विकास प्राधिकरण में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 23.12.2000 के विरूद्ध उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के अन्‍तर्गत यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। इस निर्णय एवं आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग, कानपुर नगर द्वारा निम्‍नलिखित आदेश पारित किया गया है :-

'' अत: विपक्षी कानपुर विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया जाता है कि वह इस आदेश की प्राप्ति के एक माह के अंदर आवंटित भूखण्‍ड के आस-पास के समस्‍त  विकास  कार्य पूर्ण करके आवंटित भूखण्‍ड

 

-2-

का कब्‍जा परिवादिनी को प्रदान करे तथा कब्‍जा देने की तिथि से किश्‍तों का पुर्ननिर्धारण करें। ''    

2.         परिवाद पत्र में वर्णित तथ्‍यों के अनुसार परिवादिनी को महर्षि दयानंद बिहार योजना के अन्‍तर्गत EWS योजना में भूखण्‍ड संख्‍या-56 आवंटित किया गया है, जिसका कब्‍जा नहीं दिया गया, इसलिए जमा की गई राशि पर 21 प्रतिशत ब्‍याज, उत्‍पीड़न के लिए अंकन 10,000/- रूपये और बढ़ी हुई लागत के मद में अंकन 15,000/- रूपये के प्रतिकर की मांग की गई है।

3.         विपक्षी का कथन है कि परिवादिनी ने दिनांक 01.08.1993 से देय किश्‍तों का भुगतान समय से नहीं किया। लोकायुक्‍त द्वारा दिनांक 01.08.1993 से दिनांक 30.03.1996 तक का ब्‍याज माफ कर दिया गया था तथा किश्‍तें दिनांक 01.04.1996 से निर्धारित की गई थीं, परन्‍तु दो किश्‍तों का भुगतान समय बीत दिए जाने के बाद अंकन 24,120/- रूपये जमा किए गए और 18 प्रतिशत की दर से ब्‍याज भी लिया गया। कब्‍जा दिए जाने का भी उल्‍लेख किया गया।

4.         दोनों पक्षकारों की साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात् विद्वान जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग द्वारा उपरोक्‍त वर्णित निर्णय एवं आदेश पारित किया गया, जिसे इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि कब्‍जा प्रदान कर दिया गया है और किश्‍तों का पुर्ननिर्धारण करने का आदेश वि‍त्‍तीय व्‍यवस्‍था में हस्‍तक्षेप है, जिसका अधिकार विद्वान उपभोक्‍ता फोरम को प्राप्‍त नहीं है।

5.         अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री सर्वेश कुमार शर्मा उपस्थित आए। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। प्रत्‍यर्थी पर नोटिस  की  तामीला आदेश दिनांक 09.11.2017 द्वारा पर्याप्‍त मानी जा

 

-3-

चुकी है। अत: केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता की मौखिक बहस सुनी गई तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।

6.         यह स्थिति स्‍पष्‍ट है कि जैसा कि लिखित कथन में उल्‍लेख किया गया है कि परिवादिनी को कब्‍जा दे दिया गया है, अत: कब्‍जे से संबंधित अनुतोष लिखित कथन के समय ही पूर्ण हो चुका था। कब्‍जा देने के पश्‍चात् परिवादिनी पर जो राशि बकाया बचती है, उसके लिए किश्‍तों का निर्धारण भी लिखित कथन के विवरण के अनुसार दिनांक 01.04.1996 से किया जा चुका है। अत: दिनांक 01.04.1996 को किश्‍तों का निर्धारण करने के पश्‍चात् पुन: कब्‍जे के बाद से किश्‍त निर्धारित करने का आदेश विधि सम्‍मत नहीं है। निर्णय का यह भाग अपास्‍त होने और अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

7.         प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 23.12.2000 के अन्‍तर्गत कब्‍जा देने की तिथि से पुन: किश्‍त निर्धारण करने का आदेश अपास्‍त किया जाता है।

8.         अपील में उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय स्‍वंय वहन करेंगे।

 

                     

     (विकास सक्‍सेना)                           (सुशील कुमार)

            सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

 

 

 

 लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-2 

 

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