(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष्ा आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1576/2018
(जिला उपभोक्ता आयोग, द्वितीय लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या-1008/2011 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 26.07.2018 के विरूद्ध)
यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेंस कंपनी लि0, डिवीजनल आफिस IV, कोहली हाउस, 4 ई, राम तीर्थ मार्ग, लखनऊ।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1
बनाम
श्रीमती कंचना गुप्ता पत्नी स्व0 दिवाकर गुप्ता, निवासिनी जीटी रोड, महोली, जिला सीतापुर तथा एक अन्य।
प्रत्यर्थीगण/परिवादिनी/विपक्षी सं0-2
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित : श्री ध्रुव कुमार मिश्रा।
प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 15.09.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील अन्य अपील संख्या-272/2017, 3399/2017, 1551/2018, 386/2019 जो आज सुनवाई हेतु सूचीबद्ध हैं, में पिछली तिथि दिनांक 26.11.2020 को निम्न आदेश पारित किया गया था :-
" None appeared for appellant.
Ld. Counsel for respondent no. 1 Mr. Dhruv Kumar appeared.
None appeared for respondents no. 2 & 3.
Issue notice to appellant Regional Manager, United India Insurance Co. Ltd to appear in person on the date fixed.
List on 16.12.2020 at 2 p.m. for final hearing.
-2-
No further adjournment shall be given again."
उक्त आदेश के उपरांत अनेक तिथियों पर अपील सूचीबद्ध हुईं, परन्तु अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता की अनुपस्थिति व अन्य उल्लिखित कारणों से स्थगित की जाती रहीं, परन्तु आदेश दिनांक 26.11.2020 के अनुपालन में अपीलार्थी, बीमा कंपनी की ओर से अपेक्षित रिजनल मैनेजर इस न्यायालय के सम्मुख उपस्थित नहीं हुए। आज पुन: अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अपील स्थगित किए जाने हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया, जो मेरे (माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष) द्वारा स्वीकृत किया गया, परन्तु स्वीकृत करते समय चूंकि आदेश दिनांक 26.11.2020 अनुपलब्ध था, अतएव उक्त तथ्य मेरे (माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष) संज्ञान में नहीं थे, जो प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री ध्रुव कुमार द्वारा दौरान सुनवाई अपील विवेचन प्रस्तुत किए गए।
तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है। इस आदेश की सूचना प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को एक सप्ताह में अवगत कराई जाएगी।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश
को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-1