(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या- 860/2019
(जिला उपभोक्ता आयोग, गौतमबुद्धनगर द्वारा परिवाद संख्या- 317/2012 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 20-04-2019 के विरूद्ध)
- श्रीमती जतन देवी, पत्नी श्री घनश्याम माहेश्वरी, निवासी- बी-24 लेन नं-1 शहादतपुर एक्सटेंशन दिल्ली।
- विनय माहेश्वरी पुत्र श्री घनश्याम माहेश्वरी, निवासी-बी-24 लेन नं-1 शहादतपुर एक्सटेंशन दिल्ली।
.अपीलार्थीगण
बनाम
मैसर्स सुपरटेक लिमिटेड, 114, 11वां तल हेमकुन्ट चैम्बर 89, नेहरू पैलेस नई दिल्ली द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर, आर०के० अरोड़ा, चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर/चेयरमैन मैसर्स सुपरटेक लिमिटेड आफिस स्थित बी-2829 सेक्टर- 58 नोएडा, डिस्ट्रिक गौतमबुद्ध नगर।
अपीलार्थीगण की ओर से - विद्वान अधिवक्ता श्री अनिल कुमार मिश्रा
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित- विद्वान अधिवक्ता श्री पीयूषमणि त्रिपाठी
अपील संख्या-654/2019
1-मैसर्स सुपरटेक लिमिटेड, 114, 11वां तल हेमकुन्ट चैम्बर 89, नेहरू पैलेस नई दिल्ली द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर/चेयरमैन आर०के० अरोड़ा
2- आर०के० अरोड़ा, चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर/चेयरमैन मैसर्स सुपरटेक लिमिटेड आफिस स्थित बी-2829 सेक्टर- 58 नोएडा, डिस्ट्रिक गौतमबुद्ध नगर।
बनाम
- श्रीमती जतन देवी, पत्नी श्री घनश्याम माहेश्वरी, निवासी- बी-24 लेन नं-1 शहादतपुर एक्सटेंशन दिल्ली।
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2- विनय माहेश्वरी पुत्र श्री घनश्याम माहेश्वरी, निवासी-बी-24 लेन नं-1 शहादतपुर एक्सटेंशन दिल्ली।
.प्रत्यर्थीगण
अपीलार्थीगण की ओर से - विद्वान अधिवक्ता श्री पीयूषमणि त्रिपाठी
प्रत्यर्थीगण की ओर से - विद्वान अधिवक्ता श्री अनिल कुमार मिश्रा
समक्ष :-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
दिनांक : 11-10-2022
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार अध्यक्ष, द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील संख्या- 860/2019 अपीलार्थीगण श्रीमती जतन देवी व एक अन्य द्वारा विद्वान जिला आयोग, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद परिवाद संख्या- 317/2012 श्रीमती जतन देवी व एक अन्य बनाम मैसर्स सुपरटेक लिमिटेड, व एक अन्य में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 20-04-2019 एवं एक अन्य अपील संख्या-654/2019 मैसर्स सुपरटेक लिमिटेड व एक अन्य बनाम श्रीमती जतन देवी व एक अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश 20-04-2019 के विरूद्ध इस आयोग के समक्ष योजित की गयी है।
उक्त दोनों ही अपीलें एक-दूसरे से संबंधित हैं। इन पत्रावलियों में अपील संख्या-860/2019 मुख्य अपील है, अत: दोनों ही अपीलों का निस्तारण एक साथ किया जा रहा है।
अपील संख्या- 860/2019 परिवादिनी श्रीमती जतन देवी व एक अन्य ने इस न्यायालय के सम्मुख विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश के अनुसार परिवादिनी को विपक्षी बिल्डर से प्राप्त जमा
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धनराशि पर 09 प्रतिशत साधारण वार्षिक की दर से ब्याज दिलाए जाने हेतु प्रार्थना की।
विपक्षी बिल्डर सर्व श्री मैसर्स सुपरटेक लि0 द्वारा अपील संख्या- 654/2019 निम्न अनुतोष प्रदान किये जाने हेतु प्रार्थना की गयी:-
WHEREFORE, for the facts and circumstances Stated herein above it is most respectfully prayed that this Hon’ble Commission may graciously be pleased to quash the impugned order dated 20-04-2019 passed by the DCF Gautam Budh Nager in complaint case no. 317 of 2013 and to allow the complaint case of the appellant with cost.
Any other order may also passed which this Hon’ble State Commission may deem it appropriate in the circumstances of the case.
चूंकि उपरोक्त दोनों ही अपीलें एक ही निर्णय के विरूद्ध जिला आयोग गौतमबुद्ध नगर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 20-04-2019 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी हैं अतएव दोनों अपीलों को इस निर्णय द्वारा उभय-पक्ष के विद्वान अधिवक्ताद्व्य के तर्क को सुनने के उपरान्त एक साथ निर्णीत किया जा रहा है।
जहॉं तक जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 20-04-2019 में पारित आदेश में मूल धन अंकन 22,87,373.20 रू० परिवादिनी को वापस दिलाए जाने का प्रश्न है, उपरोक्त धनराशि निर्विवाद रूप से विपक्षी सर्व श्री मैसर्स सुपरटेक लि0 द्वारा दिनांक 16-04-2012 को परिवादिनी को कारपोरेशन फाइनेंस लि0 न्यू दिल्ली द्वारा चेक संख्या-
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210157 के माध्यम से अदा की जा चुकी है। परन्तु जहॉं तक विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश में 09 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज की देयता का प्रश्न है उस सम्बन्ध में बिल्डर सर्व श्री मैसर्स सुपरटेक लि0 की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री पीयूषमणि त्रिपाठी द्वारा कथन किया गया कि वर्तमान में सर्व श्री मैसर्स सुपरटेक लि0 द्वारा माननीय NCLT के आदेश के अनुपालन में मोरिटोरियम की कार्यवाही के अन्तर्गत संस्थित वाद में अपना पक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं चॅूकि मोरिटोरियम से संबंधित विवाद माननीय NCLT के समक्ष दिनांक- 12-04-2022 को कम्पनी द्वारा योजित किया गया है न कि जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 20-04-2019 अथवा उससे पूर्व, अतएव ब्याज की देयता विधि अनुसार शीघ्रताशीघ्र अदा की जानी आवश्यक है।
अपील संख्या- 860/2019 में अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री अनिल कुमार मिश्रा द्वारा इस न्यायालय का ध्यान माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित पीटीशन (s) स्पेशल लीव टू अपील (सिविल) नं०(s) 16366/2011 ग्रेटर नोएडा इण्डस्ट्रियल डेवलपमेंट अथारिटी बनाम देवेन्द्र कुमार व अन्य के वाद में पारित निर्णय में यह स्पष्ट रूप से उल्लिखित किया गया है कि बिल्डर्स द्वारा भूखण्ड/फ्लैट से संबंधित धनराशि अविलम्ब क्रेता को प्राप्त करायी जाय। यदि उपरोक्त धनराशि बिल्डर द्वारा प्राप्त करा दी जाती है तब उस दशा में बिल्डर/ अथारिटी द्वारा ब्याज की देयता समुचित परिस्थितियों के आंकलन के अनुसार की जाएगी। यह भी स्पष्टत: उल्लिखित किया गया है कि प्राधिकरण अथवा बिल्डर देय ब्याज के सम्बन्ध में किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं करेंगे।
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निर्विवादित रूप से प्रस्तुत परिवाद में परिवादिनी द्वारा विपक्षी बिल्डर को कुल धनराशि 22,87,373.20 रू० दिनांक 30-04-2010 को प्राप्त करायी
गयी जो परिवादिनी को विपक्षी सर्व श्री मैसर्स सुपरटेक लि0 द्वारा दिनांक 20-04-2012 को बैंक में प्राप्त हुयी अतएव जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश के उपरान्त उपरोक्त धनराशि जो लगभग 02 वर्ष तक विपक्षी बिल्डर द्वारा प्रयोग की गयी अथवा रखी गयी के विरूद्ध 09 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज की देयता न्याय हित की दृष्टि से उचित प्रतीत होती है।
उपरोक्त समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार करने के उपरान्त परिवादिनी श्रीमती जतन देवी द्वारा प्रस्तुत अपील संख्या- 860/2019 स्वीकार की जाती है तथा विपक्षी बिल्डर सर्व श्री मैसर्स सुपरटेक लि0 की ओर से प्रस्तुत अपील संख्या- 654/2019 निरस्त की जाती है। विपक्षी सर्व श्री मैसर्स सुपरटेक लि0 को आदेशित किया जाता है कि वे विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का अनुपालन एक माह की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें अन्यथा हर्जाने के मद में रू० 1,00,000/- (एक लाख) भी परिवादिनी को विपक्षी कम्पनी द्वारा देय होगा।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
कृष्णा–आशु0
कोर्ट नं0 1