सुरक्षित
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, देवरिया द्वारा परिवाद संख्या 324/2011 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 19.06.2014 के विरूद्ध)
पुनरीक्षण संख्या 106 सन 2014
सहारा इण्डिया शाखा प्रतापपुर जिला देवरिया द्वारा शाखा प्रबन्धक एवं अन्य।
............पुनरीक्षणकर्ता
बनाम
श्रीमती इन्दला देवी पत्नी स्व0 नागेन्द्र पाण्डेय, निवासी मौजा माथिया, पो0 शाहपुर थाना नौतन, जिला सीवान, बिहार । . .............विपक्षी
समक्ष:-
1 मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी पीठासीन सदस्य।
2 मा0 श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री आलोक कुमार श्रीवास्तव
विपक्षी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - कोई नहीं ।
दिनांक: 04-05-2016
माननीय श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य द्वारा उदघोषित ।
निर्णय
प्रस्तुत निगरानी, जिला मंच देवरिया के आदेश दिनांक 19.6.2014 के विरूद्ध योजित की गयी है । जिला मंच ने अपने प्रश्नगत आदेश के अन्तर्गत निगरानीकर्ता द्वारा प्रस्तुत प्रारम्भिक आपत्तियों को खारिज किया है।
संक्षेप में, तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादिनी ने निगरानीकर्ता के विरूद्ध एक परिवाद जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत किया। परिवादिनी के अनुसार 8741.00 रू0 की धनराशि निगरानीकर्ता की सहारा रजत योजना में उसके पति नागेन्द्र पाण्डेय ने जमा की थी। पति की मृत्यु के बाद देय धनराशि की मांग उसके द्वारा की गयी, परन्तु निगरानीकर्ता ने दुर्घटना मृत्यु के उपरांत बीमा क्षतिपूर्ति का लाभ प्रदान नहीं किया।
जिला मंच के समक्ष निगरानीकर्ता ने निम्न प्रारम्भिक आपत्तियां प्रस्तुत की:-
1. Complainant had filed complaint on some facts and cases of action which was dismissed on 26.07.11 holding that the forum of Siwan lacked jurisdiction to entertain this complaint.
2. complainant has received amount in full and final satisfaction of claim.
3. this complaint is time barred.
जिला मंच ने इन तीनों प्रारम्भिक आपत्तियों पर विचार करते हुए उन्हें निरस्त कर दिया और परिवाद अग्रिम कार्यवाही हेतु निश्चित किया। निगरानीकर्ता का कथन है कि जिला मंच का आदेश अवैधानिक है। जिला मंच के समक्ष दूसरा परिवाद पोषणीय नहीं था। आर्वीट्रेशन एवार्ड होने के बाद यह परिवाद दायर नहीं हो सकता था तथा परिवाद कालबाधित है।
जिला मंच ने इन आपत्तियों पर विचार करते हुए विधिनुसार उन्हें निरस्त किया है। जहां तक आरबिट्रेटर के अवार्ड का प्रश्न है, आरबिट्रेशन एवार्ड की तिथि 06.6.2011 है जबकि उपभोक्ता फोरम सीवान में परिवाद एवार्ड की तिथि से पूर्व में प्रस्तुत किया गया था। पुनरीक्षणकर्ता ने अपने कथन के समर्थन में मै0 साहनी बिल्डर्स प्रा0लि0 बनाम पंजाब स्माल इण्डस्ट्रीज एण्ड एक्सपोर्ट कारपोरेशन लि0 एवं अन्य I (1992) CPJ 271 (NC) पर विश्वास व्यक्त किया है। परन्तु इस नजीर के तथ्य वर्तमान प्रकरण के तथ्य से भिन्न है, अत: इसका लाभ पुनरीक्षणकर्ता को नहीं मिल सकता है।
जिला मंच ने अपने आदेश में यह भी अंकित किया है कि इन आपत्तियों पर पुन: गुण-दोष के आधार पर फैसले के समय विचार किया जा सकता है। इस प्रकार जिला मंच के निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि निगरानीकर्ता के समक्ष सभी विकल्प खुले हुए हैं, उसे कोई अपूरर्णीय क्षति नहीं हो रही है। जिला मंच द्वारा गुण-दोष के आधार पर अन्तिम फैसला किया जाएगा, अत: निगरानी में बल नहीं है और निगरानी निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत निगरानी निरस्त की जाती है।
(उदय शंकर अवस्थी ) (राज कमल गुप्ता)
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट-5
(S.K.Srivastav,PA)