Uttar Pradesh

StateCommission

A/2001/1255

Chief Medical Officer - Complainant(s)

Versus

Smt. Basanti Devi - Opp.Party(s)

Rajesh Chadha

30 Mar 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2001/1255
( Date of Filing : 23 Jun 2001 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Chief Medical Officer
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt. Basanti Devi
a
...........Respondent(s)
Revision Petition No. R/2001/73
( Date of Filing : 23 Jun 2001 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. C. M. O.
-
...........Appellant(s)
Versus
1. Basanti Devi
-
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 30 Mar 2022
Final Order / Judgement

                                                                                                                                           (सुरक्षित)                                             

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

                                                                                         अपील संख्‍या- 1255/2001

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, कुशीनगर द्वारा परिवाद संख्‍या- 473/2000 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 13-11-2000 के विरूद्ध)

 

चीफ मेडिकल आफिसर पडरौना डिस्ट्रिक कुशीनगर।

                                                                   अपीलार्थी

                              बनाम 

1- बसन्‍ती देवी (मृतक) पत्‍नी स्‍व० श्री पच्‍चू माली, उत्‍तराधिकारी भोला प्रसाद ग्राम- नुनिया पट्टी टोला केवटलिय पोस्‍ट परगना, डिस्ट्रिक कुशीनगर।

2- डायरेक्‍टर जनरल मेडिकल एण्‍ड हेल्‍थ एण्‍ड फैमिली वेल्‍फेयर, हेल्‍थ डायरेक्‍टरेट उ०प्र० लखनऊ।

3- चीफ मेडिकल आफिसर देवरिया                         

                                                                   प्रत्‍यर्थीगण

                                               

                      पुनरीक्षण वाद संख्‍या- 73/2001

 

चीफ मेडिकल आफिसर जिला-कुशीनगर।

                                                                                   पुनरीक्षणकर्ता

                              बनाम 

भोला प्रसाद ग्राम- नुनिया पट्टी टोला केवटलिय पोस्‍ट परगना, डिस्ट्रिक कुशीनगर।       

                                                                                                             विपक्षीगण

मक्ष:-  

 माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य

 माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :   विद्वान अधिवक्‍ता श्री राजेश चड्ढा

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित  :   कोई उपस्थित नहीं।

 

दिनांक. 28-04-2022

 

माननीय सदस्‍य श्री राजेन्‍द्र सिंह, द्वारा उदघोषित

                                                                                                  निर्णय

       प्रस्‍तुत अपील, परिवाद संख्‍या- 473 सन् 2000 बसन्‍ती देवी (मृतक) प्रतिस्‍थापित विधिक उत्‍तराधिकारी, भोला प्रसाद बनाम  महानिदेशक  चिकित्‍सा

2

स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण स्‍वास्‍थ्‍य भवन उ०प्र० लखनऊ व दो अन्‍य  में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, कुशीनगर नगर द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 13-11-2000 के विरूद्ध तथा प्रस्‍तुत अपील से संबंधित पुनरीक्षण याचिका संख्‍या- 73/2001 चीफ मेडिकल आफिसर बनाम बसन्‍ती देवी (मृतक) व अन्‍य में पारित आदेश 04-06-2001 के विरूद्ध उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

     संक्षेप में अपीलार्थी का कथन है कि परिवादिनी ने एक परिवाद इस आशय का प्रस्‍तुत किया था कि उसके स्‍व० पति सन् 1948 से प्रत्‍यर्थी संख्‍या-3 के साथ देवरिया में माली के पद पर कार्यरत थे। 17 वर्ष तक कार्यरत रहने के उपरान्‍त उनकी मृत्‍यु  दिनांक 20-07-1965 को हो गयी। मृत्‍यु के बाद परिवा‍दिनी और उसका पुत्र उनके विधिक वारिस हुये। उन्‍हें पारिवारिक पेंशन प्रदान नहीं की गयी तब उसने परिवाद दायर किया। विद्वान जिला आयोग ने यह कहा कि परिवा‍दिनी को पारिवारिक पेंशन महरूम की गयी। विद्वान जिला आयोग ने शिकायत स्‍वीकार की है और पेंशन देने का आदेश पारित किया है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश विधि विरूद्ध है क्‍योंकि परिवादिनी उपभोक्‍ता नहीं है। फैमिली पेंशन का मामला उपभोक्‍ता आयोग से तय नहीं किया जा सकता है। अत: ऐसी स्थिति में माननीय राज्‍य आयोग से निवेदन है कि वर्तमान अपील स्‍वीकार करते हुए प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश अपास्‍त किया जाए।

       हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री राजेश चड्ढा को सुना और पत्रावली का सम्‍यक रूप से परिशीलन किया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थि‍त नहीं हुआ है।

      

3

हमने पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त साक्ष्‍यों एवं विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश का अवलोकन किया।

     इस अपील के साथ संबंधित पुनरीक्षण याचिका संख्‍या-73/2001 प्रस्‍तुत की गयी है जिसमें पुनरीक्षणकर्ता का कथन है कि परिवादि‍नी ने एक परिवाद संख्‍या– 473/2000 अपीलार्थी एवं दो अन्‍य के विरूद्ध प्रस्‍तुत किया है। विद्वान

जिला आयोग के समक्ष निगरानी कर्ता ने कहा था कि परिवा‍दिनी के स्‍व०   पति के सम्‍बन्‍ध में ऐसा कोई अभिलेख नहीं है जो  बता  सके  कि  उन्‍होंने

सी०एम०ओ० कार्यालय कुशीनगर में कार्य किया था, य‍दि ऐसा कोई अभिलेख है तो वह सी०एम०ओ० देवरिया के पास होगा। इस मामले में पुर्नविलोकन प्रार्थना-पत्र प्रस्‍तुत किया गया। इसी दौरान मामले का निष्‍पादन शुरू हो गया। कुशीनगर नया जिला बन गया। विद्वान जिला आयोग ने पेंशन के सम्‍बन्‍ध में आदेश पारित किया है एवं उसके भुगतान का भी आदेश पारित किया है। विद्वान जिला आयोग ने कुर्की का आदेश भी भेजा है जो अपास्‍त होने योग्‍य है।

     हमने विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय का अवलोकन किया।

     विद्वान जिला आयोग ने पारिवारिक पेंशन को दिये जाने के सम्‍बन्‍ध में आदेश पारित किया है जो विधि सम्‍मत नहीं है क्‍योंकि किसी सरकारी कर्मचारी होने पर उसकी पत्‍नी को पारिवारिक पेंशन देना कई तथ्‍यों पर निर्भर करता है। इसके लिए पेंशन निदेशालय बने हुए हैं जहॉं पर ऐसे मामले लिये जाते हैं। व‍ह उपभोक्‍ता नहीं है क्‍योंकि पेंशन राशि अनुकम्‍पा राशि होती है और इस बिन्दु को सुनने का क्षेत्राधिकार जिला आयोग के पास नहीं है। अत: ऐसी स्थिति में

 

4

 

जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश को विधि सम्‍मत नहीं कहा जा सकता है तदनुसार प्रश्‍नगत आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है।

                          आदेश

वर्तमान अपील एवं पुनरीक्षण याचिका स्‍वीकार की जाती है और विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 13-11-2000 अपास्‍त किया जाता है।

जहॉ तक पुनरीक्षण संख्‍या-73/2001 का सम्‍बन्‍ध है वह निष्‍फल हो गयी है क्‍योंकि अपील संख्‍या- 1255/2001 में विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित आदेश को अपास्‍त कर दिया गया है। अब उस आदेश के अनुपालन में की गयी सारी कार्यवाही भी शून्‍य हो जाती है। अत: वर्तमान पुनरीक्षण याचिका भी अस्‍वीकार होने योग्‍य है।

उभय-पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

    आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(सुशील कुमार)                              (राजेन्‍द्र सिंह)

  सदस्‍य                                           सदस्‍य

      

     निर्णय आज दिनांक- 28-04-2022 को खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित/दिनां‍कित होकर उद्घोषित किया गया।

 

(सुशील कुमार)                                                  (राजेन्‍द्र सिंह)            

      सदस्‍य                                                         सदस्‍य

 

कृष्‍णा–आशु0 कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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