Uttar Pradesh

StateCommission

A/1326/2017

N I A Co.Ltd - Complainant(s)

Versus

Smt. Babita Sonkar - Opp.Party(s)

Zafar Aziz

14 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1326/2017
( Date of Filing : 25 Jul 2017 )
(Arisen out of Order Dated 09/06/2017 in Case No. C/44/2015 of District Sitapur)
 
1. N I A Co.Ltd
94 Mahatma Gandhi Marg Hazratganj Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt. Babita Sonkar
Niwasi 339/14g Triveninagar Bazar Khala Lucknow
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 14 Sep 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

''राष्‍ट्रीय लोक अदालत''

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1326/2017

न्‍यू इण्डिया एश्‍योरेंस कं0लि0 बनाम श्रीमती बबिता सोनकर

दिनांक: 14.9.2024

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील आज ''राष्‍ट्रीय लोक अदालत'' के सम्‍मुख प्रस्‍तुत की गयी, जो इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग, सीतापुर द्वारा परिवाद संख्‍या-44/2015 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09.6.2017 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है, जो कि विगत लगभग 07 वर्ष से लम्बित है।

मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री जफर अजीज को सुना तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के कथनों को सुना गया तथा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेखों के परिशीलनोंपरांत यह पाया गया कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश विधि सम्‍मत है, परन्‍तु जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा अपने प्रश्‍नगत आदेश में जो प्रत्‍यर्थी/परिवादी को मानसिक एवं शारीरिक पीड़ा हेतु क्षतिपूर्ति के रूप में रू0 10,000.00 (दस हजार रू0) एवं वाद व्‍यय के रूप में रू0 5,000.00 (पॉच हजार रू0) की देयता निर्धारित की है, वह मेरे विचार से अधिक  प्रतीत हो रही है अत्एव वाद के तथ्‍य एवं परिस्थितियों तथा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के कथन को दृष्टिगत रखते हुए मानसिक एवं शारीरिक पीड़ा के रूप में रू0 10,000.00 (दस हजार रू0) की देयता को

-2-

रू0 4,000.00 (चार हजार रू0) तथा वाद व्‍यय के रूप में रू0 5,000.00 (पॉच हजार रू0) की देयता को रू0 2,000.00 (दो हजार रू0) में परिवर्तित/संशोधित करते हुए प्रश्‍नगत आदेश में जो 09 (नौ)  प्रतिशत वार्षिक चक्रवृद्धि ब्‍याज की देयता निर्धारित की गई है उसे भी 09 (नौ) के स्‍थान पर 06 (छ:) प्रतिशत ब्‍याज में संशोधित किया जाता है। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश का शेष भाग यथावत कायम रहेगा। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है।

अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी को आदेशित किया जाता है कि वह उपरोक्‍त आदेश का अनुपालन 30 दिन की अवधि़ में किया जाना सुनिश्चित करें। अंतरिम आदेश यदि कोई पारित हो, तो उसे समाप्‍त किया जाता है।

प्रस्‍तुत अपील को योजित करते समय यदि कोई धनराशि अपीलार्थी द्वारा जमा की गयी हो, तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

     आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

                                       (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                              

                                          अध्‍यक्ष                                                                                                                

हरीश आशु.,

कोर्ट नं0-1

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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