Uttar Pradesh

StateCommission

RP/75/2023

SBI General Insurance Co. Ltd. - Complainant(s)

Versus

Smt. Babita Devi - Opp.Party(s)

Mahendra Kumar Mishra

08 Aug 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. RP/75/2023
( Date of Filing : 18 Jul 2023 )
(Arisen out of Order Dated 01/06/2023 in Case No. CC/183/2022 of District Aligarh)
 
1. SBI General Insurance Co. Ltd.
5th Floor, Unit No.500,World Trade Tower, B Tower, Plot No. C-01 Sec-16 Noida-201301 Theough its Authorised Signatory
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt. Babita Devi
R/o Bhogpur, Bhagatpur Dist.-Aligarh 202132
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 08 Aug 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

पुनरीक्षण संख्‍या:-75/2023

एस0बी0आई0 जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड पंचम तल, यूनिट सं0 500, वर्ल्‍ड ट्रेड टॉवर, बी टॉवर, प्‍लाट सं0 सी-01, सेक्‍टर 16 नोएडा 201301

 

                       ........... पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी                                             

बनाम

श्रीमती बबिता देवी ए/ए 35 साल पत्‍नी अनिल कुमार, निवासी भोगपुर, भगतपुर जिला अलीगढ़ 202132

…….. प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य                  

पुनरीक्षणकर्ता के अधिवक्‍ता      : श्री महेन्‍द्र कुमार मिश्रा

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता           : कोई नहीं।

दिनांक :- 08.08.2023

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय    

प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका इस आयोग के सम्‍मुख धारा-47 (1) (बी) उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता आयोग, अलीगढ़ द्वारा परिवाद सं0-183/2022 में पारित आदेश दिनांक 01.06.2023 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई है।

निर्विवादित रूप से पुनरीक्षणकर्ता द्वारा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख लिखित कथन (WS) विधि अनुसार दिये गये समय के पश्‍चात प्रस्‍तुत किया गया, जिसे जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवाद का अंग न मानते हुए आदेश पारित किया गया, उपरोक्‍त आदेश से व्‍यथित होकर प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका इस न्‍यायालय के सम्‍मुख योचित की गई।

   मेरे द्वारा पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता श्री महेन्‍द्र कुमार मिश्रा का सुना तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।

मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय, मा0 राष्‍ट्रीय आयोग एवं इस न्‍यायालय द्वारा अनेकों वादों में यह सुनिश्चित किया जा चुका है कि लिखित कथन (WS) प्रस्‍तुत किये जाने की अवधि 30+15 अर्थात 45 दिन हैं न कि 45 दिन के पश्‍चात। अतएव प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका मेरे विचार से पोषणीय नहीं है तद्नुसार अंगीकरण के बिन्‍दु पर ही प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका अंतिम रूप से निरस्‍त की जाती है।

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

    (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                        (सुशील कुमार)

           अध्‍यक्ष                                    सदस्‍य

 

 

 

संदीप सिंह आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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