Complaint Case No. CC/62/2014 |
| | 1. Shri Raj Pal Singh | R/0 Moh. Chau Ki Basti, Linepaar, Near S.C.M School, Moradabad |
| ...........Complainant(s) | |
Versus | 1. Smt. Babita Chaudhary & others | R/o M.M.I.G-A25 HoNo. 25, Himgiri Colony, Near Shiv Swaroop Verma, In Front Of Ardhanarishwar Mandir Wali Gali, Harthala Moradabad |
| ............Opp.Party(s) |
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ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने अनुरोध किया है कि विपक्षीगण से उसे 50,000/- रूपये की धनराशि ब्याज सहित वापिस दिलायी जाऐ। आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक आघात की मद में उपयुक्त प्रतिपूर्ति राशि एवं परिवाद व्यय परिवादी ने अतिरिक्त मांगा है।
- संक्षेप में परिवद कथन इस प्रकार हैं कि बजाज एलाइन्ज लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी लि0 की एजेन्ट विपक्षी सं0-1 बबीता चौधरी के यह बताने पर कि 05 वर्ष में धनराशि दोगुनी हो जाती है, परिवादी ने दिनांक 01/07/2009 को विपक्षी कम्पनी में 50,000/- रूपये एकमुश्त जमा किये। 4 वर्ष बीतने के बाद एक दिन विपक्षीगण के कार्यालय में जाकर परिवादी ने अपनी धनराशि के बारे में मालूम किया तो परिवादी को बताया गया कि परिवादी द्वारा जमा किऐ गऐ 50,000/- रूपये की जो पालिसी सं0- 0129601798 थी उसकी बाबत दिनांक 17/07/2013 को 30,820/- रूपया का एक चैक परिवादी के घर भेजा गया था, किन्तु पता न मिल पाने के कारण उक्त चैक 25/07/2013 को कम्पनी में वापिस आ गया परिवादी को यह सुनकर अत्यन्त ठेस पहुँची। परिवादी ने विपक्षीगण के हैड आफिस में शिकायत दर्ज करायी जब परिवादी को कोई उत्तर नहीं मिला तो दिनांक 19/08/2013 को परिवादी ने बीमा कम्पनी की मुरादाबाद स्थित शाखा में शाखा प्रबन्धक को लिखित शिकायत दी। उक्त शिकायती पत्र पर विपक्षी सं0-1 ने अपने हाथ से लिखा कि सेल्स मैनेजर ने उसे 5 वर्ष में रूपया दोगुना होने की बात बताई थी। इस कारण उसने परिवादी को धनराशि 5 वर्ष में रूपया दोगुना होने का आश्वासन देकर 50,000/- रूपया की धनराशि जमा करवायी थी। परिवादी के अनुसार उसने दिनांक 12/09/2013 को पुन: एक लिखित शिकायत मण्डलीय प्रबन्धक को दी, उनके द्वारा भी कोई उत्तर नहीं दिया गया। मण्डलीय प्रबन्धक द्वारा उपलब्ध कराऐ गऐ फोन नम्बरों पर भी फोन करने का परिवादी ने प्रयास किया, किन्तु किसी भी नम्बर पर फोन रिसीव नहीं हुआ। परिवादी का अग्रेत्तर कथन है कि विपक्षीगण द्वारा परिवादी को कोई चैक भेजा जाना और चैक का वापिस कम्पनी पहुँच जाने, के कथन मिथ्या है क्योंकि जिस पते पर विपक्षी चैक भेजा जाना कहता है उसी पते पर परिवादी को भेजा गया पत्र दिनांक 11/01/2014 प्राप्त हुआ है इससे प्रकट है कि परिवादी का पता सही है। परिवादी का आरोप है कि धोखधड़ी और जालसाजी करके परिवादी से 50,000/- रूपये जमा कराऐ गऐ और इस धनराशि को विपक्षीगण हड़प लेना चाहते हैं जिसका उन्हें कोई अधिकार नहीं है। परिवादी का कथन है कि मौखिक एवं लिखित शिकायतों के अतिरिक्त दिनांक 01/02/014 को उसने विपक्षीगण को अपने अधिवक्ता के माध्यम से कानूनी नोटिस भी भिजवाया, किन्तु विपक्षीगण परिवादी द्वारा जमा की गई धनराशि ब्याज सहित वापिस करने को तैयार नहीं है। उपरोक्त कथनों के आधार पर परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष विपक्षीगण से दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद के साथ परिवादी ने सूची कागज सं0-3/5 के माध्यम से 50,000/- रूपया जमा करने के उपरान्त बजाज एलाइन्ज लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी लि0 द्वारा दिनांक 01/07/2009 को परिवादी के पक्ष में जारी पालिसी की फोटो प्रति, दिनांक 11/01/2014 को विपक्षीगण की ओर से प्राप्त पत्र, दिनांक 19/08/2013 और 12/09/2013 को परिवादी द्वारा विपक्षी कम्पनी के क्रमश: शाखा प्रबन्धक और मण्डलीय प्रबन्धक को भेजे गये शिकायती पत्रों की फोटो प्रतियों, बीमा कम्पनी की ओर से परिवादी को शिकायत दर्ज कर लिऐ जाने की सूचना एवं विपक्षीगण को परिवादी द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से भिजवाऐ गऐ नोटिस दिनांक 01/02/2014 और उनको भेजे जाने की डाकखाने की रसीदों की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/6 लगायत 3/13 हैं।
- तीनों विपक्षीगण पर फोरम द्वारा भेजे गऐ नोटिस की व्यक्तिगत तामीला हुई जैसा कि फोरम के आदेश दिनांक 24/02/2015 के अवलोकन से प्रकट है, किन्तु विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ। उनकी ओर से प्रतिवाद पत्र भी दाखिल नहीं हुआ। अत: विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय किऐ जाने के आदेश हुऐ।
- परिवादी ने एकपक्षीय साक्ष्य में अपने साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0- 19/1 लगायत 19/4 दाखिल किया। इस साक्ष्य शपथ पत्र के साथ दैनिक जागरण अख़बार की दिनांक 05/08/2014 तथा 24/03/2015 की कटिंग की फोटो प्रतियों को संलग्नक के रूप में दाखिल किया गया है।
- हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ।
- परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि गलत ब्यानी करके और धोखाधड़ी से विपक्षीगण ने उससे 50,000/- रूपया की पालिसी यह कहकर कराई थी कि 5 वर्ष में पैसा दोगुना हो जायेगा, किन्तु जब वर्ष 2013 में परिवादी विपक्षी सं0-2 के कार्यालय में गया तो उसे यह जानकार दु:ख हुआ कि उससे पालिसी धोखाधड़ी करके और गलत ब्यानी करके करवा ली गई। परिवादी ने जमा की गई अपनी 50,000/- रूपये की धनराशि विपक्षीगण से दिलाऐ जाने का अनुरोध किया है।
- पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों और परिवादी के साक्ष्य शपथ पत्र के अवलोकन से हम परिवादी के कथनों से सहमत हैं। अपने साक्ष्य शपथ पत्र के माध्यम से परिवादी ने अपने परिवाद कथनों को एकपक्षीय सिद्ध किया है। यधपि विपक्षी बीमा कम्पनी के पत्र कागज सं0-3/7 में यह उल्लेख है कि परिवादी की पालिसी यूनिट लिक्ंड पालिसी है जिसमें बीमा धारक का लाभ निवेशित फण्ड के प्रदर्शन पर निर्भर करता है, किन्तु परिवादी के शिकायती पत्र दिनांक 19/8/2013 जिसकी प्रति पत्रावली का कागज सं0-3/8 है, पर बीमा कम्पनी की एजेंट विपक्षी सं0-1 बबीता चौधरी की यह स्वीकारोक्ति कि ‘’ मैं एक नई एजेन्ट थी और पालिसी के बारे में जानकारी नहीं थी परन्तु जो भी उसे सेल्स मैनेजर ने बताया था और कस्टमर को भी पालिसी के बारे में सेल्स मैनेजर ने यह समझाया था और 5 वर्ष में दोगुने दिलाने के लिए कहा गया था। ‘’ यह दर्शाता है कि परिवादी से झूठ बोलकर उसे गुमराह करके और अनुचित व्यापार प्रथा अपनाकर उससे 50,000/-रूपया को पालिसी में निवेशित कराया गया था तथा परिवादी ने 50,000/- रूपया इस आश्वासन और विश्वास पर बजाज एलाइन्ज लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी में 5 वर्ष के लिए जमा किये थे कि 5 वर्ष में उसकी धनराशि दोगुनी हो जाऐगी। विपक्षीगण की ओर से तामीला के बावजूद कोई भी उपस्थित नहीं हुऐ। परिवाद कथनों तथा परिवादी द्वारा दिऐ गये साक्ष्य का खण्डन विपक्षीगण की ओर से नहीं है। ऐसी दशा में हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि विपक्षी बीमा कम्पनी की एजेन्ट बबीता चौधरी तथा सेल्स मैनेजर ने अनुचित व्यापार प्रथा अपनाते हुऐ गलत ब्यानी करके परिवादी से 50,000/- रूपया यह कहकर निवेशित कराये कि यह धनराशि 5 वर्ष में दोगुनी हो जायेगी, किन्तु परिवादी की धनराशि को विपक्षीगण ने किसी यूनिट लिक्ंड पालिसी में निवेशित कर दिया और ऐसा करके विपक्षीगण ने सेवा में कमी तो की ही है, साथ ही साथ अनुचित व्यापार प्रथा भी अपनाई है। हमारे अभिमत में परिवादी को उसके द्वारा निवेशित की गई धनराशि 50,000/- की धनराशि 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित विपक्षीगण से वापिस दिलाई जानी चाहिए। परिवाद तदानुसार एकपक्षीय सव्यय स्वीकार होने योग्य है।
परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज सहित 50,000/- (पचास हजार रूपया केवल) की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में, विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय सव्यय स्वीकार किया जाता है। परिवाद विपक्षीगण से परिवाद व्यय के रूप में 2,500/- (दो हजार सौ रूपया केवल) अतिरिक्त पाने का भी अधिकारी होगा। इस आदेशानुसार धनराशि का भुगतान परिवादी को एक माह में किया जाये। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
04.09.2015 04.09.2015 04.09.2015 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 04.09.2015 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
04.09.2015 04.09.2015 04.09.2015 | |