Uttar Pradesh

StateCommission

A/1997/2618

U P Avas Evam Vikas Parishad - Complainant(s)

Versus

Smt. Anuradha - Opp.Party(s)

S C Dhasmana

31 Dec 1998

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1997/2618
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. U P Avas Evam Vikas Parishad
a
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. Alok Kumar Bose PRESIDING MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0 लखनऊ।

                                                          (सुरक्षित)

                          अपील सं0-2618/1997

(जिला मंच द्वितीय लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-६७२/१९९५ में पारित आदेश दिनांक २०/०५/१९९७ के विरूद्ध)

यूपी आवास विकास परिषद द्वारा आवास आयुक्‍त १०४ महत्‍मा गांधी मार्ग लखनऊ।

                                        ..........अपीलार्थी/परिवादी

                        बनाम

श्रीमती  अनुराधा पत्‍नी श्री बैजनाथ प्रसाद निवासी बी0 ४० आवास विकास कालोनी  तिवारीपुर गोरखपुर।

 

                                      ........     प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1 मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी, पीठासीन सदस्‍य।

2 मा0 श्री राम चरन चौधरी सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री  मनोज मोहन अधिवक्‍ता ।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं।

दिनांक: 11/12/2014

                        मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी, पीठासीन सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित।

                             निर्णय

     अपीलार्थी ने यह अपील विद्वान जिला मंच द्वितीय लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-६७२/१९९५ श्रीमती अनुराधा बनाम आवास विकास परिषद में पारित आदेश दिनांक २०/०५/१९९७ के विरूद्ध प्रस्‍तुत की है जिसमें विद्वान जिला मंच ने निम्‍न आदेश पारित किया है।

     ‘’ विपक्षी को निर्देश दिया जाता है कि वह एक माह मे परिवादिनी को २३/११/१९९१ से ०३/०६/१९९४ तक जमा धनराशि पर ९ प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज तथा ०३/०७/१९९४  अर्थात उसके प्रार्थना पत्र से एक माह बाद की तिथि से १५/०२/१९९६ तक १५ प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज चक्रवृद्धि दर से तथा १०००/-रू0 वाद व्‍यय के अदा कर दें अन्‍यथा इस समस्‍त धनराशि पर २ प्रतिशत मासिक ब्‍याज देय होगा। दिनांक ०३/०७/१९९४ के पश्‍चात देय ब्‍याज की धनराशि विलम्‍ब के जिम्‍मेदार अधिकारी व कर्मचारी से वसूल की जाये।’’   

     संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने परिवादिनी ने भवन आवंटन हेतु दिनांक २३/११/१९९१ को ४००००/-रू0 जमा करके पंजीकरण कराया था। पत्र दिनांक १६/११/१९९२ द्वारा विपक्षी ने सूचित किया कि उस योजना के अन्‍तर्गत निर्माण कार्य आरम्‍भ नहीं हुआ है अत: वह अपना पैसा वापस ले लें। परिवादी ने दिनांक ०३/०६/१९९४ को सारी औपचारिकताएं धन वापसी के लिए पूरी कर ली परन्‍तु

2

 उसे रूपया वापस नहीं दिया गया तो उसने दिनांक ११/०९/१९९५ को यह परिवाद प्रस्‍तुत किया।

     अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री मनोज मोहन के तर्कों को सुना गया। प्रत्‍यर्थी बावजूद नोटिस उपस्थित नहीं हुआ। पत्रावली का परिशीलन किया गया।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्वान जिला मंच ने अत्‍यधिक ब्‍याज लगा दी है, जबकि उ0प्र0 आवास एव विकास परिषद भुखण्‍डों तथा भवनों के पंजीकरण एवं प्रदेशन संबंधी विनियम १९७९ के नियम १३ के अन्‍तर्गत केवल पंजीकरण हेतु जमा की गयी धनराशि पर ६ प्रतिशत ब्‍याज दिलाए जाने का प्राविधान है। अत: ऐसी परिस्थिति में विद्वान जिला मंच का आदेश निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

     प्रश्‍नगत निर्णय का अवलोकन किया गया जिससे विदित होता है कि विद्वान जिला मंच ने २३/११/१९९१ से ०३/०६/१९९४ तक जमा धनराशि पर ९ प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज तथा ०३/०७/१९९४  अर्थात उसके प्रार्थना पत्र से एक माह बाद की तिथि से १५/०२/१९९६ तक १५ प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज चक्रवृद्धि दर से तथा १०००/-रू0 वाद व्‍यय के अदा कर दें अन्‍यथा इस समस्‍त धनराशि पर २ प्रतिशत मासिक ब्‍याज देय होगा। दिनांक ०३/०७/१९९४ के पश्‍चात देय ब्‍याज की धनराशि विलम्‍ब के जिम्‍मेदार अधिकारी व कर्मचारी से वसूल की जायें का आदेश दिया है।

     उ0प्र0 आवास एव विकास परिषद भुखण्‍डों तथा भवनों के पंजीकरण एवं प्रदेशन संबंधी विनियम १९७९ के नियम १३ के अन्‍तर्गत केवल पंजीकरण हेतु जमा की गयी धनराशि पर ६ प्रतिशत ब्‍याज दिलाए जाने का प्राविधान है। अत: ऐसी परिस्थिति में अपीलार्थी द्वारा मात्र ६ प्रतिशत ब्‍याज परिवादिनी की जमा धनराशि पर भुगतान की तिथि तक दिलाया जाना न्‍याय संगत है। तदनुसार अपील अंशत: स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                               

                        आदेश

अपील अंशत: स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला मंच द्वारा पारित आदेशको संशोधित करते हुए यह आदेशित किया जाता  है कि अपीलकर्ता, परिवादी/प्रत्‍यर्थी को दिनांक २३/११/१९९१ से भुगतान की तिथि तक पंजीकरण हेतु जमा धनराशि पर ६ प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज अदा करे तथा वाद व्‍ययके रूप में ५००/-रू0 अदा करे। विद्वान जिला मंच द्वारा इस आदेश को कि ०३/०६/१९९४ के पश्‍चात देय ब्‍याज की धनराशि विलम्‍ब के जिम्‍मेदार अधिकारी व कर्मचारी से वसूल की जाये, को निरस्‍त किया जाता है।

 

 

 

 

3

उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

उभयपक्षों को इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार नि:शुल्‍क उपलब्‍ध कराई जाए। 

 

(अशोक कुमार चौधरी)                               (राम चरन चौधरी)

   पीठा0सदस्‍य                                       सदस्‍य

सत्‍येन्‍द्र कुमार

आशु0 कोर्ट0 3

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'ABLE MR. Alok Kumar Bose]
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