Uttar Pradesh

StateCommission

A/3012/2016

Seth Shri Niwas Agrwal Institute of Engineering and Technology - Complainant(s)

Versus

Smt. Anju sharma - Opp.Party(s)

Umesh Kumar Srivastava

11 May 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/3012/2016
( Date of Filing : 21 Dec 2016 )
(Arisen out of Order Dated 02/11/2016 in Case No. C/413/2012 of District Kanpur Nagar)
 
1. Seth Shri Niwas Agrwal Institute of Engineering and Technology
Kanpur Nagar
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt. Anju sharma
Kanpur Nagar
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 11 May 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील सं0-3012/2016

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-413/2012 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 02-11-2016 के विरूद्ध)

 

डायरेक्‍टर, सेठ श्रीनिवास अग्रवाल इन्‍स्‍टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एण्‍ड टेक्‍नालाजी, नारामऊ, कानपुर नगर।

...........अपीलार्थी/विपक्षी।      

बनाम

 

श्रीमती अंजू शर्मा पत्‍नी श्री शैलेन्‍द्र कुमार शर्मा, निवासी मकान नं0-127/122, डब्‍ल्‍यू-2, बसन्‍त बिहार, नौबस्‍ता, कानपुर नगर।  

............ प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी ।

 

समक्ष:-

1. मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री उमेश कुमार श्रीवास्‍तव विद्वान                          

                          अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं।

दिनांक : 30-05-2023.

 

मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

यह अपील, जिला उपभोक्‍ता आयोग, कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-413/2012 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 02-11-2016 के विरूद्ध योजित की गयी है।

संक्षेप में अपीलार्थी का कथन है कि प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश विधि विरूद्ध, मनमाना, मात्र परिकल्‍पनाओं और अनुमामानों पर आधारित है। प्रश्‍नगत निर्णय तथ्‍यों के परे है। विद्वान जिला आयोग ने लिखित कथन को नहीं देखा और इस तथ्‍य का संज्ञान नहीं लिया कि परिवादिनी और विपक्षी के बीच कोई सम्‍बन्‍ध नहीं है। उसका पुत्र बालिग है और संस्‍थान में पढ़ता है। परिवादिनी किसी भी हर्जाना को पाने की अधि‍कारिणी नहीं है क्‍योंकि उसके पुत्र कोस्‍तुभ शर्मा ने फर्जी अभिलेखों के आधार पर प्रवेश लिया था। उसे 49 प्रतिशत अंक हासिल हुए थे किन्‍तु उसने फर्जी अंक पत्र 51 प्रतिशत का प्रस्‍तुत किया जो बाद में फर्जी पाया गया। चूँकि परिवादिनी के पुत्र ने फर्जी अंक पत्र के आधार पर प्रवेश लिया था इसलिए उसका प्रवेश निरस्‍त किया गया। परिवादिनी किसी भी क्षतिपूर्ति का लाभ नहीं ले सकती। विपक्षी द्वारा यह सीट 04 साल तक खाली रखी जाएगी और अपीलार्थी कालेज को अत्‍यधिक क्षति उठानी पड़ेगी। अत: माननीय राज्‍य आयोग से निवेदन है कि विद्वान जिला आयोग का प्रश्‍नगत निर्णय अपास्‍त करते हुए अपील स्‍वीकार की जाए।  

हमारे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता की बहस विस्‍तार से सुनी गई तथा पत्रावली का सम्‍यक रूप से परिशीलन किया गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से नोटिस की पर्याप्‍त तामीली के उपरान्‍त भी कोई उपस्थित नहीं हुआ।

हमने प्रश्‍नगत निर्णय का अवलोकन किया। विद्वान जिला आयोग ने निम्‍नांकित आदेश पारित किया :-

‘’ परिवादिनी का प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंशिक रूप से इस आशय से स्‍वीकार किया जाता है कि प्रस्‍तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अन्‍दर विपक्षी, परिवादिनी को 80,000.00 मय 8 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से प्रस्‍तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली अदा करे तथा रू0 5,000.00 परिवाद व्‍यय भी अदा करें। परिवादिनी के पुत्र की मूल टी0सी0 भी वापस करे। ‘’

वर्तमान मामले में परिवादिनी ने विभिन्‍न मदों में जमा शैक्षिक शुल्‍क 80,000/- रू0 को वापस करने के लिए परिवाद प्रस्‍तुत किया। वर्तमान मामला शैक्षणिक संस्‍थान से सम्‍बन्धित है और ऐसे मामले उपभोक्‍ता आयोग में चलने योग्‍य नहीं होते। इसके अतिरिक्‍त इस मामले में उसका प्रवेश रद्द किया गया। परिवादिनी के पुत्र ने अपनी 49 प्रतिशत की अंक तालिका में हेरा-फेरी करके उसे 51 प्रतिशत करके प्रवेश पाया था। इससे यह मामला अपराध की श्रेणी में आता है। परिवादिनी किसी भी अनुतोष को पाने की अधिकारिणी नहीं थी और विद्वान जिला आयोग को इन तथ्‍यों पर विचार करना चाहिए था, जो नहीं किया।

अत: ऐसी स्थिति में हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचते हैं कि विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश इस दृष्टि से विधि सम्‍मत नहीं है और अपास्‍त होने योग्‍य है। तदनुसार वर्तमान अपील स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।   

आदेश

वर्तमान अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग, कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-413/2012 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 02-11-2016 अपास्‍त किया जाता है।

अपील व्‍यय उभय पक्ष पर।

इस आयोग के निबन्‍धक से अपेक्षा की जाती है कि वर्तमान अपील योजित किए जाते समय धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत अपीलार्थी द्वारा जमा सम्‍पूर्ण धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी के पक्ष में विधि अनुसार एक माह में अवमुक्‍त कर दी जाए।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

      वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

       (सुशील कुमार)                   (राजेन्‍द्र सिंह)

          सदस्‍य                            सदस्‍य                    

 

निर्णय आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

 

       (सुशील कुमार)                   (राजेन्‍द्र सिंह)

          सदस्‍य                            सदस्‍य                    

 

दिनांक : 30-05-2023.

 

 

 

प्रमोद कुमार,

वैय0सहा0ग्रेड-1,

कोर्ट नं.-2.     

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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