Uttar Pradesh

StateCommission

A/996/2016

U.P. Road Transport Corp. - Complainant(s)

Versus

Smt. Anita Mishra - Opp.Party(s)

Gyan Singh Chauhan

28 Nov 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/996/2016
( Date of Filing : 20 May 2016 )
(Arisen out of Order Dated 10/04/2015 in Case No. C/402/2010 of District Deoria)
 
1. U.P. Road Transport Corp.
Gorakhpur
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt. Anita Mishra
Deoria
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/1594/2015
( Date of Filing : 07 Aug 2015 )
(Arisen out of Order Dated 10/07/2015 in Case No. c/133/2013 of District Mainpuri)
 
1. UPSRTC
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Kumari Shiwani Saxena
mainpuri
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 28 Nov 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

 (मौखिक) 

अपील सं0- 996/2016

उ0प्र0 राज्‍य रोडवेज ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन द्वारा क्षेत्रीय प्रबंधक गोरखपुर क्षेत्र, गोरखपुर व चार अन्‍य।

                                                 .........अपीलार्थी

                            बनाम

श्रीमती अनीता मिश्रा पत्‍नी राजीव मिश्रा निवासिनी करौंदा पोस्‍ट माड़ीपुर जिला देवरिया।

                                                  .........प्रत्‍यर्थी

 

समक्ष:-

   माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

   माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

 

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित    : श्री ज्ञान सिंह चौहान,

                                 विद्वान अधिवक्‍ता।              

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित         : कोई नहीं।

 

दिनांक:- 28.11.2022

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित

निर्णय

1.        परिवाद सं0- 402/2010 श्रीमती अनीता मिश्रा बनाम रामवृक्ष प्रसाद क्षेत्रीय प्रबंधक, उ0प्र0 राज्‍य सड़क परिवहन निगम व चार अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, देवरिया द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 10.04.2015 के विरुद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है।

2.        हमने अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री ज्ञान सिंह चौहान को सुना। प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का सम्‍यक परिशीलन किया गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

 

3.        प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा एक व्‍यापारिक संविदा को उपभोक्‍ता वाद के रूप में निर्णीत किया गया है जो विधि विरुद्ध है।

4.        परिवाद के तथ्‍यों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी ने अपनी एक बस अपीलार्थी/विपक्षी निगम के साथ संविदा पर संचालन करने के लिए अनुबंध के तहत प्रदान की थी। अत: विशुद्ध रूप से यह व्‍यापारिक संविदा का मामला है, उपभोक्‍ता विवाद नहीं है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा गैर उपभोक्‍ता विवाद पर प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश पारित किया गया है जो अपास्‍त होने योग्‍य है। तदनुसार अपील स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

5.        अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश अपास्‍त किया जाता है तथा परिवाद संधारणीय न होने के कारण खारिज किया जाता है।  

          अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

          अपील में धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपीलार्थीगण द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित इस निर्णय व आदेश के अनुसार अपीलार्थीगण को वापस की जावे।     

          आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।           

 

      (विकास सक्‍सेना)                     (सुशील कुमार)

                सदस्‍य                             सदस्‍य                             

शेर सिंह, आशु0,

कोर्ट नं0- 2

 

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

 (मौखिक) 

अपील सं0- 1594/2015

उ0प्र0 राज्‍य सड़क परिवहन निगम द्वारा जनरल मैनेजर, लखनऊ व एक अन्‍य।

                                              .........अपीलार्थीगण

                            बनाम

कु0 शिवानी सक्‍सेना पुत्री श्री राम प्रकाश सक्‍सेना निवासिनी पावर हाउस, रोड चन्‍देल, कोल्‍ड स्‍टोरेज के पास, जिला मैनपुरी।

                                                  .........प्रत्‍यर्थी

 

समक्ष:-

   माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

   माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

 

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित    : श्री ज्ञान सिंह चौहान,

                                 विद्वान अधिवक्‍ता।              

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित         : कोई नहीं।

 

दिनांक:- 28.11.2022

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित

निर्णय

1.        परिवाद सं0- 133/2013 कुमारी शिवानी सक्‍सेना बनाम उ0प्र0 राज्‍य सड़क परिवहन निगम लि0 व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, मैनपुरी द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 10.07.2015 के विरुद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है।

2.        विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए यात्रा के दौरान बस से लैपटाप चोरी होने पर प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी को अंकन 20,000/-रू0 लैपटाप मूल्‍य, मानसिक प्रताड़ना के मद में 5,000/-रू0 तथा वाद व्‍यय के रूप में 2,000/-रू0 कुल 27,000/-रू0 अदा करने का आदेश दिया है तथा 30 दिन के बाद अदायगी करने पर 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज के लिए भी आदेशित किया गया है।

3.        परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार जब प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी वैध टिकट पर अपीलार्थीगण/विपक्षीगण की बस सं0- यू0पी0 84 एफ 9557 द्वारा कानपुर से मैनपुरी तक के लिए दि0 07.09.2013 को यात्रा की तब उसके पास 20,000/-रू0 कीमत का एक लैपटाप था जो कंडक्‍टर द्वारा सीट के ऊपर बनी केबिन में रखवा दिया गया और रात्रि में बस की लाइटें बंद कर दी गईं। मैनपुरी से पहले भोगांव में बस रुकी कुछ सवारियां बस से नीचे उतरीं उसी समय लैपटाप चोरी हो गया। कंडक्‍टर ड्राइवर से शिकायत की गई, परन्‍तु उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। कोतवाली भोगावं एवं मैनपुरी में घटना की सूचना दी गई, परन्‍तु एक-दूसरे पर मामला टालते रहे और रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। इसके बाद सूचना क्षेत्रीय प्रबंधक उ0प्र0 राज्‍य सड़क परिवहन निगम को दी गई तथा पुलिस अधीक्षक को भी प्रार्थना पत्र पंजीकृत डाक से भेजा गया।

4.        अपीलार्थीगण/विपक्षीगण द्वारा लैपटाप चोरी की घटना से इंकार किया गया, परन्‍तु सद्भावी यात्रा के सम्‍बन्‍ध में कोई इंकार नहीं किया गया।

5.        दोनों पक्षकारों के साक्ष्‍य पर विचार करने के उपरांत विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा लैपटाप चोरी होना एवं लैपटाप की कीमत और क्षतिपूर्ति अदा करने का आदेश दिया गया।

6.        इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने साक्ष्‍य विहीन निर्णय पारित किया है। लैपटाप चोरी होने के सम्‍बन्‍ध में कभी भी कंडक्‍टर एवं ड्राइवर को नहीं बताया गया।

7.        हमने अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री ज्ञान सिंह चौहान को सुना। प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का सम्‍यक परिशीलन किया गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

8.        विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष शपथ पत्र प्रस्‍तुत करते हुए प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी द्वारा इस तथ्‍य को भली-भांति स्‍थापित किया गया है कि यात्रा के दौरान उसका लैपटाप चोरी हुआ है। इसलिए विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश में हस्‍तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार अपील खारिज होने योग्‍य है।   

आदेश

9.        अपील खारिज की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है। 

          अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

          अपील में धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपीलार्थीगण द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित इस निर्णय व आदेश के अनुसार जिला उपभोक्‍ता आयोग को निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।    

          आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।           

 

      (विकास सक्‍सेना)                     (सुशील कुमार)

                सदस्‍य                             सदस्‍य                             

शेर सिंह, आशु0,

कोर्ट नं0- 2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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