राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
पुनरीक्षण संख्या-05/2017
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता फोरम-द्वितीय, आगरा द्वारा परिवाद संख्या 227/2016 में पारित आदेश दिनांक 27.12.2016 के विरूद्ध)
1. Executive Engineer
Dakshinanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd.
Electricity Distribution Division,
Bah Division, Agra
2. Arvind Kumar,
S.D.O. Bah
Kamla Nagar
Dakshinanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd.
Electricity Distribution Division,
Bah Division, Agra
3. Ankur Garg,
S.D.O. (Meter)
Dakshinanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd.
Electricity Distribution Division,
Bah Division, Agra
4. S.B. Tak
Asstt. Engineer
Dakshinanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd.
Electricity Distribution Division,
Bah Division, Agra
5. Baiju Ram,
Junior Engineer
Dakshinanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd.
Electricity Distribution Division,
Bah Division, Agra ...................पुनरीक्षणकर्तागण
बनाम
Smt. Anita Sharma
W/o Sanjay Sharma
R/o Jarar (Agra) ...................विपक्षी/परिवादिनी
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समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री महेश चन्द, सदस्य।
पुनरीक्षणकर्तागण की ओर से उपस्थित : श्री एम0एन0 मिश्रा,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी/परिवादिनी की ओर से उपस्थित : श्री नवीन कुमार तिवारी,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 06-04-2017
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
पुनरीक्षणकर्तागण के विद्वान अधिवक्ता श्री एम0एन0 मिश्रा एवं विपक्षी/परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता श्री नवीन कुमार तिवारी उपस्थित आए।
हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क को सुना और परिवाद संख्या-227/2016 श्रीमती अनीता शर्मा बनाम एस0बी0 टौंक विद्युत सहायक अभियंता बाह, आगरा आदि में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-द्वितीय, आगरा द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 13.10.2016 का अवलोकन किया।
आक्षेपित आदेश दिनांक 13.10.2016 के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि यह आदेश पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षीगण की अनुपस्थिति में जिला फोरम द्वारा धारा-13 (3बी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत पारित किया गया है। आक्षेपित आदेश पूर्णतया अंतरिम आदेश है। चूँकि यह आदेश पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षीगण की अनुपस्थिति में पारित किया गया है और उसे अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर नहीं मिला है। अत: सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार करने के उपरान्त हम इस मत के हैं कि
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पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षीगण अपनी आपत्ति जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत करे और जिला फोरम उस पर विचार कर धारा-13 (3बी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत अंतिम आदेश पारित करे।
वर्तमान पुनरीक्षण याचिका तदनुसार पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षीगण को इस छूट के साथ निस्तारित की जाती है कि वह विपक्षी/परिवादी की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र वास्ते अंतरिम आदेश अन्तर्गत धारा-13 (3बी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के विरूद्ध अपनी आपत्ति जिला फोरम के समक्ष एक मास के अन्दर प्रस्तुत करे। यदि पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षीगण द्वारा यह आपत्ति जिला फोरम के समक्ष निर्धारित अवधि के अन्दर प्रस्तुत की जाती है तो जिला फोरम उभय पक्ष को सुनकर विधि के अनुसार अंतिम रूप से अंतरिम आदेश अन्तर्गत धारा-13 (3बी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 आपत्ति प्रस्तुत करने की तिथि से 30 दिन के अन्दर पारित करेगा। इसके साथ ही जिला फोरम परिवाद का यथाशीघ्र निस्तारण तीन मास के अन्दर उभय पक्ष को सुनकर विधि के अनुसार सुनिश्चित करेगा।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (महेश चन्द)
अध्यक्ष सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1