(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0 1367/2009
Tanya Automobiles Ltd.
Versus
Smt. Alka Gupta and others
एवं
अपील संख्या-1357/2009
Maruti Suzuki India Limited
Versus
Smt. Alka Gupta & other
समक्ष:-
1. माननीय सुशील कुमार, सदस्य
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी सुजुकी की ओर से उपस्थित : श्री अंकित श्रीवास्तव, विद्धान
अधिवक्ता
प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित: श्री इसार, हुसैन, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :06.12.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-09/2007, श्रीमती अलका गुप्ता बनाम प्रबन्धक, तान्या आटो मोबाईल्स लि0 व अन्य में विद्वान जिला आयोग, मुजफ्फरनगर नगर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23.07.2009 के विरूद्ध अपील सं0 1367/2009 तान्या आटोमोबाइल्स द्वारा प्रस्तुत की गयी है, जबकि अपील सं0 1357/2009 मारूति सुजुकी द्वारा प्रस्तुत की गयी है। दोनों अपीलों में विषय-वस्तु एक ही है। अत: दोनों अपीलों का निस्तारण एक साथ किया जा रहा है। अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री अंकित श्रीवासतव के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री इसार हुसैन के तर्क को सुना गया। पत्रावली एवं प्रश्नगत निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया।
2. अपील सं0 1367/2009 में अपीलार्थी के अधिवक्ता श्री सर्वेश कुमार शर्मा थे, जिनका देहांत हो चुका है, उनके देहांत के पश्चात इस पीठ के आदेश पर कार्यालय द्वारा सूचना प्रेषित की गयी कि अपीलार्थी नये अधिवक्ता के साथ या स्वयं अपील में पैरवी के लिए उपस्थित हों, परंतु सूचना के बावजूद कोई उपस्थित नहीं है, सूचना की प्रति पत्रावली पर मौजूद है। अत: तान्या आटो मोबाइल्स की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
3. जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए वाहन की कीमत अंकन 2,17,546/-रू0 तथा बीमा राशि अंकन 7,750/-रू0 12 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस लौटाने का आदेश पारित किया है, साथ ही विपक्षी सं0 1 के विरूद्ध अंकन 25,000/-रू0 मानसिक प्रताड़ना के मद में एवं 50,000/-रू0 आर्थिक क्षति के रूप में अदा करने का आदेश भी पारित किया है। विपक्षी सं0 2 के विरूद्ध अंकन 25,000/-रू0 का हर्जा इस आधार पर अधिरोपित किया है कि वाहन विक्रय करने के लिए ऐसे डीलर को अधिकृत किया गया, जिसके पास कामर्शियल वाहन के विक्रय का लाइसेंस तक मौजूद नहीं था।
4. परिवादी द्वारा विपक्षी सं0 1 से वाहन ओमनी एम.पी.आई.कारगो. क्रय किया गया, परंतु पंजीकरण इस आधार पर नहीं हो पाया कि तान्या आटोमोबाइल्स द्वारा जो विक्रय प्रमाण पत्र जारी किया गया है, वह कामर्शियल वाहन के लिए जारी किया गया है, जबकि तान्या आटो मोबाइल्स को व्यवसायिक वाहन के विक्रय का ट्रेड सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं है। जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष इस प्रकृति का कोई सर्टिफिकेट प्रस्तुत नहीं किया गया, जिसके कारण क्रय किये गये वाहन का पंजीयन नहीं हो सका। अत: जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा क्षतिपूर्ति के संबंध में पारित किया गया निर्णय/आदेश विधिसम्मत है।
5. अपील सं0 1357/2009 के अपीलार्थी का यह तर्क है कि वाहन में निर्माण संबंधी कोई त्रुटि नहीं है, इसलिए उनके विरूद्ध अंकन 25,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश अवैध रूप से पारित किया गया, परंतु चूंकि अपीलार्थी द्वारा ही तान्या आटो मोबाइल्स को वाहन विक्रय करने के लिए उपलब्ध कराया गया और इस तथ्य की जांच नहीं की जा सकी कि उनके पास कामर्शियल वाहन को विक्रय करने का ट्रेड प्रमाण पत्र मौजूद है कि नहीं, इसलिए अपीलार्थी के विरूद्ध अधिरोपित दण्ड विधिसम्मत है। तदनुसार अपील सं0 1367/2009 एवं अपील सं0 1357/2009 खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपील सं0-1367/2009 एवं अपील सं0 1357/2009 खारिज की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
इस निर्णय व आदेश की मूल प्रति अपील सं0-1367/2009 में रखी जाये एवं इसकी प्रमाणित प्रतिलिपि सम्बंधित अपील सं0-1357/2009 में रखी जाये।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
उपरोक्त अपीलों में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट नं0-2