Uttar Pradesh

StateCommission

A/2008/138

Dakshinanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd - Complainant(s)

Versus

Smt Usha Chaudhary - Opp.Party(s)

M N Mishra

16 Apr 2009

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2008/138
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Dakshinanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt Usha Chaudhary
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. Jitendra Nath Sinha PRESIDING MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-138/2008

 

दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा एक्‍जीक्‍यूटिव इंजीनियर

अर्बन इलेक्ट्रिकसिटी डिस्‍ट्रीब्‍यूशन डिवीजन, आगरा।  ......अपीलार्थी@विपक्षी

 

बनाम्

 

श्रीमती उषा चौधरी, पत्‍नी श्री कैलाश चंद निवासी 318 बी, केदार नगर

शाहगंज, आगरा।                             ........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. मा0 श्री सी0बी0 श्रीवास्‍तव, पीठासीन सदस्‍य।

2. मा0 श्री राम चरन चौधरी, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित     : श्री एम0एन0 मिश्रा, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित       :श्री ध्रुव कुमार, विद्वान अधिवक्‍ता।

 

दिनांक 05.12.2014

 

मा0 श्री सी0बी0 श्रीवास्‍तव, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

आदेश

      यह अपील जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम द्वितीय आगरा द्वारा परिवाद संख्‍या 74/2007 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दि. 05.12.2007 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई, जिसके द्वारा जिला फोरम ने संबंधित परिवाद को स्‍वीकार किया गया।

      अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री एम0एन0 मिश्रा एवं प्रत्‍यर्थी की ओर से श्री ध्रुव कुमार विद्वान अधिवक्‍ता की बहस सुनी गई।

      अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने यह अवगत कराया गया कि यह प्रकरण विद्युत चोरी से संबंधित है, जिसका क्षेत्राधिकार उपभोक्‍ता फोरम को नहीं है। विद्वान अधिवक्‍ता ने अपने तर्क के समर्थन में मा0 सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा सिविल अपील संख्‍या 5466/12, यू0पी0 पावर कारपारेशन लि0 आदि बनाम अनीस अहमद का उद्धरण दिया है।

      उपर्युक्‍त विवेचन के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर पहुंचते हैं कि अपील स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

      प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार करते हुए जिला फोरम द्वितीय आगरा द्वारा परिवाद संख्‍या 74/2007 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दि. 05.12.2007 अपास्‍त किया जाता है।

      उभय पक्ष अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

      इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्‍ध करा दी जाए।

 

 

(चन्‍द्र भाल श्रीवास्‍तव)                           (रामचरन चौधरी)

पीठा0 सदस्‍य (न्‍यायिक)                                                    सदस्‍य(न्‍यायिक)

      कोर्ट-2

(S.K.Srivastav,PA-2)

 
 
[HON'ABLE MR. Jitendra Nath Sinha]
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